Atul "Krishn" 142 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read और मौन कहीं खो जाता है दर्द -एक आम आदमी का एक आम आदमी का - दर्द गीली लकड़ी में लगी आग सा होता है लपट तो कम होती है घर सारा धुआँ -धुआँ सा होता... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 106 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 111 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read किरणों का कोई रंग नहीं होता किरणों का कोई रंग नहीं होता Quote Writer 1 138 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read धुंध इतनी की खुद के धुंध इतनी की खुद के हाथ नज़र नहीं आते बेवफ़ाई ने उनकी भरी धुंध इतनी ज़िन्दगी में मेरी मेरी जिंदगी ही नज़र आती नहीं .......... अतुल "कृष्ण" Quote Writer 1 154 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read जो हुआ वो गुज़रा कल था जो हुआ वो गुज़रा कल था वक़्त एक धुँआ है आज सिर्फ उस धुएं में कल की बस महक बाक़ी है अतुल "कृष्ण" Quote Writer 158 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read क्या लिखते हो ? क्या लिखते हो ? पूछा जो उन्होंने गज़ल , कविता , मुक्तक या छंद ? दंग रह गए हम - ऐसे सवाल से पता ना था के जज़बातों के नाम... Hindi · Quote Writer · ग़ज़ल · शेर 104 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read ख़ियाबां मेरा सारा तुमने ख़ियाबां मेरा सारा तुमने काँटों से भर दिया दग़ा रिश्ते में की तुमने इत्तिहाम हमारे नाम कर दिया मेरे चश्म-ए-तल्ख के आक़िबत से जान ले बहुत अनजान है तू ज़रर... Quote Writer 146 Share Atul "Krishn" 27 Feb 2024 · 1 min read बुझे अलाव की बुझे अलाव की गर्म राख का ताप ज़ख्म के जलने की उम्र बता देता है अतुल "कृष्ण" Quote Writer 114 Share Atul "Krishn" 27 Feb 2024 · 1 min read मन भर बोझ हो मन पर मन भर बोझ हो मन पर रुका हुवा समंदर का तूफ़ान आँखों के पीछे उस पर मुस्कुराने का दर्द समझना मुश्किल है ................ अतुल "कृष्ण" Quote Writer 176 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read बदलते वख़्त के मिज़ाज़ बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 108 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read सितमज़रीफ़ी सितमज़रीफ़ी है अचानक यूँ लगा किसी ने फिर झरोखे से झाँकने की कोशिश की हो यह और कुछ नहीं बज़्मे-तस्व्वुरात की सितमज़रीफ़ी है हर लम्हा - हर घूँट हो ज़हराबा-ए-ह्यात... Hindi · कविता · ग़ज़ल 110 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read बस अणु भर मैं बस अणु भर मैं बस एक अणु भर पहचान है हमारी एक अणु ख़ुश्बू हूँ, एक झोंका हवा का, बारिश की पहली एक बूँद हूँ धुँये का छल्ला हूँ, ठहरे... Hindi · कविता · संस्मरण 134 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read बस अणु भर मैं बस एक अणु भर बस अणु भर मैं बस एक अणु भर पहचान है हमारी एक अणु ख़ुश्बू हूँ, एक झोंका हवा का बारिश की पहली एक बूँद हूँ धुँये का छल्ला हूँ, ठहरे... Quote Writer 216 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल सच्चा रिश्ता - प्रेम भाव अब ऑर्गेनिक हो गया मिलता भी है बड़ा मंहगा ( ग़र ठगे नहीं गये तो) . पर आकर्षक पैक में... Hindi · कविता · संस्मरण 121 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read आइये झांकते हैं कुछ अतीत में आइये झांकते हैं कुछ अतीत में पोंछते हैं आईने की धूल को कड़वा है - पर सच है - बस हम ही सहारा झूठ का लेकर बहलाते हैं मन को... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 198 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं साँस लेता आग हूँ राख के परत में दबा हुआ जल जल के रात भर ओढ़ा राख का ये चादर तन - मन तुम्हारे सर्द हो गये हैं अगर तपिश... Hindi · कविता · संस्मरण 1 148 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read क्षितिज के पार है मंजिल क्षितिज पार है मंजिल चौराहे पर आज जब आकर थम सी गई है जिंदगी फिर हम तलाशते हैं वो नामुमकिन रास्ते फिर लौटने को "उस समय" में गुँजाइश लौटने की... Hindi · कविता · संस्मरण 1 210 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read क्षितिज पार है मंजिल क्षितिज पार है मंजिल चौराहे पर आज जब आकर थम सी गई है जिंदगी फिर हम तलाशते हैं वो नामुमकिन रास्ते फिर लौटने को "उस समय" में गुँजाइश लौटने की... Quote Writer 186 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है सुन सुन यादों की गोश-बर आवाज़ हर शाम जैसे हो शामे-हिज्राँ पर तसव्वुर में तो आज भी और अय्यामे-गुल का ख़्वाब है यादे-रफ्तगां... Quote Writer 1 126 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ फ़ुरसत में हर शख़्श अपनी यादों की दराजों को एक बार खोलता जरूर है अपने गुजरे उम्र के हर अलग “शेल्फों” में रखीं हुई... Hindi · Quote Writer 1 176 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read अतीत - “टाइम मशीन" अतीत के “टाइम मशीन" में बैठ फ़ुरसत में हर शख्श एक बार अपनी यादों की दराजों को एक बार खोलता जरूर है "मन की लाइब्रेरी" के एकांत कोने में छुप... Hindi · कविता · संस्मरण 1 106 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति का बलात्कार समय है अपनी चेतना जगाने का प्रकृति का बलात्कार आदम ने बहुत किया हर शतक के विकराल काल के संकेत को हमने अनदेखा तो कर दिया कलियुग का यह अदृश्य... Hindi · कविता 1 155 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read काल के काल से - रक्षक हों महाकाल सच में - असुर स्वरभानु ने रूप देव का क्या बदला एक बूँद अमृत का पा के बस अमर ही हो गया कट के दो भाग में जैसे दुगना हो... Hindi · कविता 2 158 Share Atul "Krishn" 22 Feb 2024 · 1 min read तेरी यादों के आईने को तेरी यादों के आईने को टुकड़े टुकड़े के सोचा छूट जाऊंगा यादों के जाल से कम्बख़्त हर टुकड़े में तेरा अक्स नज़र आया अतुल “कृष्ण” Quote Writer 131 Share Atul "Krishn" 22 Feb 2024 · 1 min read स्याही की स्याही की बस इक बूँद सी तुम्हारी दख़ल ने मेरे जिंदगी के साफ़ पानी का रंग बदल दिया अतुल “कृष्ण” Quote Writer 153 Share Atul "Krishn" 22 Feb 2024 · 1 min read वायदे के बाद भी वायदे के बाद भी तुम्हारा ना आना तेरे आने से है बेहतर कम से कम तुम्हारी याद "बेवफ़ा" नहीं आती ही रहती है Quote Writer 130 Share Atul "Krishn" 22 Feb 2024 · 1 min read आसमाँ इतना भी दूर नहीं - आसमाँ इतना भी दूर नहीं - के छू ना सकें - बस - इरादे और हौसले बुलंद होने चाहिए सीढ़ी क्यों लगाएं उस आसमाँ तक क्यों ना खींच लाएं उस... Quote Writer 113 Share Atul "Krishn" 22 Feb 2024 · 1 min read उन कचोटती यादों का क्या उन कचोटती यादों का क्या यादों के घड़े भर मीठे पानी को जैसे एक मुट्ठी नमक ने खारा कर दिया ये यादें भी ना एक अजीब शय है Quote Writer 171 Share Atul "Krishn" 22 Feb 2024 · 1 min read द़ुआ कर द़ुआ कर गर आब-ए-तल्ख़ हमारा जो टपका फ़साना नारास्ती का तेरा हो कर कहीं फ़ुगां ग़ैहान में ना फैले जबीं पर मेरे ना उभरे नाआश्ना होने के किस्से अतुल "कृष्ण" Quote Writer 173 Share Atul "Krishn" 22 Feb 2024 · 1 min read सफर में हमसफ़र सफर में हमसफ़र बस ख़्वाबों.-ख़्याल की हैं बातें ढली रौशनी क्या ज़रा हमसाया भी ग़ुम हुआ Quote Writer 143 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read नालिश भी कर नहीं सकता क़तरा क़तरा - कटती है तेरी यादों की मौजें जो बेइख़्तियार पेशानि पर मेरे पसीने की बूँद बूँद बन के ठहरे नालिश भी कर नहीं सकता तू तो ख़ुद ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 47 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है सुन सुन यादों की गोश-बर आवाज़ पर हर शाम जैसे हो शामे-हिज्राँ पर तसव्वुर में तो आज भी और अय्यामे-गुल का ख़्वाब है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 90 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read फ़ना ताउम्र जिंदगी के नफ़्स से अनजान रहा ये मुसाफ़िर क़िस्से कई हैं ऐसे क़तरा क़तरा कटती है ये जिंदगी यूँ ही नुक्ता ख़लिश के अज़ाब का समझते तो आक़िल भी... Hindi · ग़ज़ल 147 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा आलीम शायरों के हुए फ़ाश वो अक्सर जमींदोज़ होने के बाद शायरों के तक़दीर का क्या कुछ कागज़ पर दर्ज़ शेर बादाख़ाने से बादशाहों के महफ़िल तक तो पहुँचे फिर... Hindi 152 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read क़तरा क़तरा कटती है जिंदगी यूँ ही ताउम्र जिंदगी के नफ़्स से अनजान रहा ये मुसाफ़िर क़िस्से कई हैं ऐसे क़तरा क़तरा कटती है ये जिंदगी यूँ ही . नुक्ता ख़लिश के अज़ाब का समझते तो आक़िल... Hindi 45 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य - Fractional Detachment किसी भी प्राणि का जन्म लेना और अंतोगत्वा मृत्यु की प्राप्ति इस संसार का सबसे बड़ा और एकमात्र अकाट्य सत्य है । अंतिम क्षणों में तो अपना शरीर भी साथ... Hindi 115 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read "सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! . यह सिर्फ एक धारणा है के "सूर्य का उदय होता है", यथार्थ और मरीचिका में शायद यही एक अंतर है , "जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव... Hindi 169 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है मनुष्य और जानवर होने का फर्क को सिर्फ" - विवेक (Conscience)"और "प्राकृतिक ज्ञान / सहज ज्ञान - (Instinct)" की परिभाषा से शायद दर्शा सकते हैं ! यह "कलियुग का श्राप... Hindi 137 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी - चौराहे - दृष्टि भ्रम लोग कहते हैं की जिंदगी चौराहे पर खड़ी है उधेड़ बुन ऐसी - की जाएँ तो किधर जाएँ यह कैसा दृष्टि भ्रम है !?! नजर का फेर है ' नजरिया... Hindi 153 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read अहसास से नम नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत साथ तो हैं - पर अपने रिश्तों की मुलायिमत से एक दूसरे को अपने अहसास से नम नहीं करतीं हवा एक झोंका क्या चला बूँद तो दरिया में जा मिला... Hindi 132 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read "मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! " कई बार हमारे मित्रों ने पूछा की इस कथन का अर्थ क्या है "मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही... Hindi 1 1k Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read एक शायर खुद रहता है खंडहरों में - पता महलों का बताता है कहाँ रहता है ऐ शायर- पता - महलों का बताता है हर्फ़ दर हर्फ़ ज़ाहिर करना भी ख्वाब को तामीर करने का एक ज़रिया है कुछ अधूरे ख़्वाब को ख़्वाब... Hindi 85 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read मज़िल का मिलना तय है काबू में हम बस उसे ही रखने की करते हैं कोशिश खाते में जिंदगी के हर तरंग तय है साँस और पलक भी काबू से हैं परे ये मियाद जब... Hindi 69 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read ज़ेहन हमारा तो आज भी लहूलुहान है कभी ईमानदार फुर्सत से बैठिये सामने आईने के और झांकिये आंखों में अपनी कसम सेना देख पाएंगे वो छुपा मुखौटे के पीछे का वो चेहरा आईना जब देगा दिखा वो... Hindi 86 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read हर बूँद भैरवी है - हर बूँद है मल्हार तेरा भी खेल निराला है भरा आसमान है बादल से दिन में भी आसमान काला है ' टपकती बारिश की हर बूंदसंगीत है , जो बैठे हैं आलिशान में हर... Hindi 71 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read तुम हो एक आवाज़ तुम हो एक आवाज़ कोई अक्स नहीं रहती हो बस गूंजती वो सुगंध हो जो है हर कैद से परे बस एक सांस भर में मेरे अंतर तक हो समाती... Hindi 69 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read स्याही की इक बूँद स्याही की इक बूँद सी दख़ल तुम्हारी मेरे इस जिंदगी के पानी का रंग बदल दिया अतुल "कृष्ण" Hindi 70 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read HOW MANY TIME , ONE GETS UP AND WALK AGAIN. If you have made mistakes, there is always another chance for you. You may have a fresh start any moment you choose, for this thing we call "failure" is not... English 69 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read वक्त ईश्वर की संरचना बड़ी ही मजेदार है, उन बीते हुए पलों को याद करते हैं तो कभी मन मलिन हो जाता है या फिर एक सुखद मुस्कान भी छू जाती... Hindi 89 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read हर रात की "स्याही" एक सराय है जिंदगी क्या है , बस नज़र - नज़र का फ़र्क है जब भी कोई दर्द हमे छुआ है तो बस तस्सली दे देते हैं अपने जेहन को इस "जिन्दा" रहने... Hindi 121 Share Previous Page 2 Next