Atul "Krishn" Language: Hindi 90 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Atul "Krishn" 9 Jun 2024 · 1 min read चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू हर रोज की तरह ही सुबह - सुबह चाय के प्याले के साथ तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू झरोखों से देखा है हमने कभी बर्फ से... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 86 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 3 min read जी हमारा नाम है "भ्रष्ट आचार" जी हमारा नाम "भ्रष्ट आचार" है हमारा स्वाद बड़ा ही तीखा और चटपटेदार है ! वैसे तो हम वैदिक काल से ही हैं ! पर मुग़ल के जमाने से मेरा... Hindi · लघु कथा · हास्य-व्यंग्य 83 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read "सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं .... पूछ के उम्र मेरी कम ना कर मेरी ज़िन्दगी के पल साक़ी , सालों बाद तो मिला हूँ फिर अपने आप से ... अभी - अभी तो सुरूर आया है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 74 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read किस्सा कुर्सी का - राज करने का "राज" ब्रितानियों से सीखा लोगों को लड़ा दे और कर ले राज फिर "कूट कूट के लूट" ले जब तक करते "राज" हों खोट मिला के वोट बाँट दे इस वोट... Hindi · कविता 60 Share Atul "Krishn" 4 Jun 2024 · 1 min read आइये - ज़रा कल की बात करें आइये - ज़रा कल की बात करें वो कल जो कल गुजर गया या वो कल जो कल आएगा ? कुछ वाक़िये आज भी कल की याद दिलाते हैं वो... Hindi · कविता 98 Share Atul "Krishn" 4 Jun 2024 · 1 min read हर "प्राण" है निलय छोड़ता निलय निलय निकास नियम अडिग है तन तो बस है एक मिट्टी का घरोंदा "साँस " के वास का अल्प ठिकाना नए कुछ घर हैं मज़बूत खड़े समय के जल... Hindi · कविता 77 Share Atul "Krishn" 2 Jun 2024 · 1 min read पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों के नाम भी होते हैं पलट कर जब पूछा जो उन्होंने क्या लिखते हो ? मुक्तक या छंद कविता या गज़ल हैरान रह गए हम ऐसे पेंचो-ख़म और सितमज़रीफ़ी से सवाल पर पता ना था... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 70 Share Atul "Krishn" 2 Jun 2024 · 1 min read तुमने की दग़ा - इत्तिहाम हमारे नाम कर दिया ख़ियाबां हमारा काँटों से भर दिया तुमने की तुमने दग़ा हर रिश्तों में और इत्तिहाम हमारे नाम कर दिया यह भी जान ले बहुत अनजान है तू मेरे चश्म-ए-तल्ख के... Hindi 95 Share Atul "Krishn" 20 Mar 2024 · 1 min read निलय निकास का नियम अडिग है तन तो बस है एक घरोंदा मिट्टी का "साँस " के वास का अल्प ठिकाना नए कुछ घर हैं मज़बूत खड़े समय के जल - और हलचल से कुछ हैं... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 94 Share Atul "Krishn" 13 Mar 2024 · 1 min read वो ऊनी मफलर सर्दी के हैं ये कुछ महीने कस्तूरी की खुश्बू , मेरे साथ होती है पूछते हैं कुछ लोग, कुछ अटकलों में रहते हैं उलझे- उलझे उन्हें क्या पता है वो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है ये सर्दी - ये धुंध भी ना मेरी दुश्मन है औरों की तरह- ये खुशगवार नहीं है किसी ना किसी तरह , तेरी याद ताज़ा रखती है पहाड़ी पगडंडियों पर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 155 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read चाँद सबको अच्छा लगता है जब बड़ी अठखेलियां करता है ताल में अपनी छवि देख क्यों इतना इतराता है ना जाने किसे रिझाता है ? हर बार सिर्फ एक ही रूप... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 98 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read "कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है सिर्फ ये मेरी ही बात नहीं हैं ये उतनी ही तेरी भी है कथा व्यथा की लिखना मुश्किल है क्या कहूँ ? कितना कहूँ ? अनुभव के अथाह से चंद... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 152 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ तलाशता हूँ हर शाम उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ बेखयाली में अभी भी सागर की उस नरम रेत पर आज भी जाता ही हूँ तलाशने तुम्हारे पैरों के निशाँ सालों... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 102 Share Atul "Krishn" 1 Mar 2024 · 1 min read आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना इतना आसाँ नहीं है अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना एक भरम है -... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 187 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल सच्चा रिश्ता - प्रेम भाव अब ऑर्गेनिक हो गया मिलता भी है बड़ा मंहगा ( ग़र ठगे नहीं गये तो) . पर आकर्षक पैक में कॉन्टामिनेटेड रिश्ते नये - नये... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 118 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read वक़्त के वो निशाँ है वक़्त के वो निशाँ है चेहरे पर हमारे लिखे हुए हर हर्फ़ बारीक़ हैं पढ़ें ज़रा ग़ौर से कुछ ख़ुशियों के इज़हार हैं तो कुछ हैं ग़मज़दा आँखों का समन्दर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 113 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read और मौन कहीं खो जाता है दर्द -एक आम आदमी का एक आम आदमी का - दर्द गीली लकड़ी में लगी आग सा होता है लपट तो कम होती है घर सारा धुआँ -धुआँ सा होता... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 106 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 111 Share Atul "Krishn" 28 Feb 2024 · 1 min read क्या लिखते हो ? क्या लिखते हो ? पूछा जो उन्होंने गज़ल , कविता , मुक्तक या छंद ? दंग रह गए हम - ऐसे सवाल से पता ना था के जज़बातों के नाम... Hindi · Quote Writer · ग़ज़ल · शेर 104 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read बदलते वख़्त के मिज़ाज़ बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 108 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read सितमज़रीफ़ी सितमज़रीफ़ी है अचानक यूँ लगा किसी ने फिर झरोखे से झाँकने की कोशिश की हो यह और कुछ नहीं बज़्मे-तस्व्वुरात की सितमज़रीफ़ी है हर लम्हा - हर घूँट हो ज़हराबा-ए-ह्यात... Hindi · कविता · ग़ज़ल 110 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read बस अणु भर मैं बस अणु भर मैं बस एक अणु भर पहचान है हमारी एक अणु ख़ुश्बू हूँ, एक झोंका हवा का, बारिश की पहली एक बूँद हूँ धुँये का छल्ला हूँ, ठहरे... Hindi · कविता · संस्मरण 134 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल सच्चा रिश्ता - प्रेम भाव अब ऑर्गेनिक हो गया मिलता भी है बड़ा मंहगा ( ग़र ठगे नहीं गये तो) . पर आकर्षक पैक में... Hindi · कविता · संस्मरण 122 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read आइये झांकते हैं कुछ अतीत में आइये झांकते हैं कुछ अतीत में पोंछते हैं आईने की धूल को कड़वा है - पर सच है - बस हम ही सहारा झूठ का लेकर बहलाते हैं मन को... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 198 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं साँस लेता आग हूँ राख के परत में दबा हुआ जल जल के रात भर ओढ़ा राख का ये चादर तन - मन तुम्हारे सर्द हो गये हैं अगर तपिश... Hindi · कविता · संस्मरण 1 148 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read क्षितिज के पार है मंजिल क्षितिज पार है मंजिल चौराहे पर आज जब आकर थम सी गई है जिंदगी फिर हम तलाशते हैं वो नामुमकिन रास्ते फिर लौटने को "उस समय" में गुँजाइश लौटने की... Hindi · कविता · संस्मरण 1 211 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ फ़ुरसत में हर शख़्श अपनी यादों की दराजों को एक बार खोलता जरूर है अपने गुजरे उम्र के हर अलग “शेल्फों” में रखीं हुई... Hindi · Quote Writer 1 176 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read अतीत - “टाइम मशीन" अतीत के “टाइम मशीन" में बैठ फ़ुरसत में हर शख्श एक बार अपनी यादों की दराजों को एक बार खोलता जरूर है "मन की लाइब्रेरी" के एकांत कोने में छुप... Hindi · कविता · संस्मरण 1 106 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति का बलात्कार समय है अपनी चेतना जगाने का प्रकृति का बलात्कार आदम ने बहुत किया हर शतक के विकराल काल के संकेत को हमने अनदेखा तो कर दिया कलियुग का यह अदृश्य... Hindi · कविता 1 156 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read काल के काल से - रक्षक हों महाकाल सच में - असुर स्वरभानु ने रूप देव का क्या बदला एक बूँद अमृत का पा के बस अमर ही हो गया कट के दो भाग में जैसे दुगना हो... Hindi · कविता 2 158 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read नालिश भी कर नहीं सकता क़तरा क़तरा - कटती है तेरी यादों की मौजें जो बेइख़्तियार पेशानि पर मेरे पसीने की बूँद बूँद बन के ठहरे नालिश भी कर नहीं सकता तू तो ख़ुद ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 48 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है सुन सुन यादों की गोश-बर आवाज़ पर हर शाम जैसे हो शामे-हिज्राँ पर तसव्वुर में तो आज भी और अय्यामे-गुल का ख़्वाब है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 91 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read फ़ना ताउम्र जिंदगी के नफ़्स से अनजान रहा ये मुसाफ़िर क़िस्से कई हैं ऐसे क़तरा क़तरा कटती है ये जिंदगी यूँ ही नुक्ता ख़लिश के अज़ाब का समझते तो आक़िल भी... Hindi · ग़ज़ल 149 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा आलीम शायरों के हुए फ़ाश वो अक्सर जमींदोज़ होने के बाद शायरों के तक़दीर का क्या कुछ कागज़ पर दर्ज़ शेर बादाख़ाने से बादशाहों के महफ़िल तक तो पहुँचे फिर... Hindi 152 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read क़तरा क़तरा कटती है जिंदगी यूँ ही ताउम्र जिंदगी के नफ़्स से अनजान रहा ये मुसाफ़िर क़िस्से कई हैं ऐसे क़तरा क़तरा कटती है ये जिंदगी यूँ ही . नुक्ता ख़लिश के अज़ाब का समझते तो आक़िल... Hindi 46 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य - Fractional Detachment किसी भी प्राणि का जन्म लेना और अंतोगत्वा मृत्यु की प्राप्ति इस संसार का सबसे बड़ा और एकमात्र अकाट्य सत्य है । अंतिम क्षणों में तो अपना शरीर भी साथ... Hindi 115 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read "सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! . यह सिर्फ एक धारणा है के "सूर्य का उदय होता है", यथार्थ और मरीचिका में शायद यही एक अंतर है , "जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव... Hindi 170 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है मनुष्य और जानवर होने का फर्क को सिर्फ" - विवेक (Conscience)"और "प्राकृतिक ज्ञान / सहज ज्ञान - (Instinct)" की परिभाषा से शायद दर्शा सकते हैं ! यह "कलियुग का श्राप... Hindi 137 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी - चौराहे - दृष्टि भ्रम लोग कहते हैं की जिंदगी चौराहे पर खड़ी है उधेड़ बुन ऐसी - की जाएँ तो किधर जाएँ यह कैसा दृष्टि भ्रम है !?! नजर का फेर है ' नजरिया... Hindi 154 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read अहसास से नम नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत साथ तो हैं - पर अपने रिश्तों की मुलायिमत से एक दूसरे को अपने अहसास से नम नहीं करतीं हवा एक झोंका क्या चला बूँद तो दरिया में जा मिला... Hindi 133 Share Atul "Krishn" 20 Feb 2024 · 1 min read "मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! " कई बार हमारे मित्रों ने पूछा की इस कथन का अर्थ क्या है "मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही... Hindi 1 1k Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read एक शायर खुद रहता है खंडहरों में - पता महलों का बताता है कहाँ रहता है ऐ शायर- पता - महलों का बताता है हर्फ़ दर हर्फ़ ज़ाहिर करना भी ख्वाब को तामीर करने का एक ज़रिया है कुछ अधूरे ख़्वाब को ख़्वाब... Hindi 86 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read मज़िल का मिलना तय है काबू में हम बस उसे ही रखने की करते हैं कोशिश खाते में जिंदगी के हर तरंग तय है साँस और पलक भी काबू से हैं परे ये मियाद जब... Hindi 70 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read ज़ेहन हमारा तो आज भी लहूलुहान है कभी ईमानदार फुर्सत से बैठिये सामने आईने के और झांकिये आंखों में अपनी कसम सेना देख पाएंगे वो छुपा मुखौटे के पीछे का वो चेहरा आईना जब देगा दिखा वो... Hindi 87 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read हर बूँद भैरवी है - हर बूँद है मल्हार तेरा भी खेल निराला है भरा आसमान है बादल से दिन में भी आसमान काला है ' टपकती बारिश की हर बूंदसंगीत है , जो बैठे हैं आलिशान में हर... Hindi 72 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read तुम हो एक आवाज़ तुम हो एक आवाज़ कोई अक्स नहीं रहती हो बस गूंजती वो सुगंध हो जो है हर कैद से परे बस एक सांस भर में मेरे अंतर तक हो समाती... Hindi 70 Share Atul "Krishn" 16 Feb 2024 · 1 min read स्याही की इक बूँद स्याही की इक बूँद सी दख़ल तुम्हारी मेरे इस जिंदगी के पानी का रंग बदल दिया अतुल "कृष्ण" Hindi 71 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read वक्त ईश्वर की संरचना बड़ी ही मजेदार है, उन बीते हुए पलों को याद करते हैं तो कभी मन मलिन हो जाता है या फिर एक सुखद मुस्कान भी छू जाती... Hindi 90 Share Atul "Krishn" 15 Feb 2024 · 1 min read हर रात की "स्याही" एक सराय है जिंदगी क्या है , बस नज़र - नज़र का फ़र्क है जब भी कोई दर्द हमे छुआ है तो बस तस्सली दे देते हैं अपने जेहन को इस "जिन्दा" रहने... Hindi 121 Share Page 1 Next