Atul "Krishn" Tag: ग़ज़ल/गीतिका 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Atul "Krishn" 9 Jun 2024 · 1 min read चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू हर रोज की तरह ही सुबह - सुबह चाय के प्याले के साथ तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू झरोखों से देखा है हमने कभी बर्फ से... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 86 Share Atul "Krishn" 20 Mar 2024 · 1 min read निलय निकास का नियम अडिग है तन तो बस है एक घरोंदा मिट्टी का "साँस " के वास का अल्प ठिकाना नए कुछ घर हैं मज़बूत खड़े समय के जल - और हलचल से कुछ हैं... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 94 Share Atul "Krishn" 13 Mar 2024 · 1 min read वो ऊनी मफलर सर्दी के हैं ये कुछ महीने कस्तूरी की खुश्बू , मेरे साथ होती है पूछते हैं कुछ लोग, कुछ अटकलों में रहते हैं उलझे- उलझे उन्हें क्या पता है वो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है ये सर्दी - ये धुंध भी ना मेरी दुश्मन है औरों की तरह- ये खुशगवार नहीं है किसी ना किसी तरह , तेरी याद ताज़ा रखती है पहाड़ी पगडंडियों पर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 155 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read चाँद सबको अच्छा लगता है जब बड़ी अठखेलियां करता है ताल में अपनी छवि देख क्यों इतना इतराता है ना जाने किसे रिझाता है ? हर बार सिर्फ एक ही रूप... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 98 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read "कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है सिर्फ ये मेरी ही बात नहीं हैं ये उतनी ही तेरी भी है कथा व्यथा की लिखना मुश्किल है क्या कहूँ ? कितना कहूँ ? अनुभव के अथाह से चंद... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 152 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ तलाशता हूँ हर शाम उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ बेखयाली में अभी भी सागर की उस नरम रेत पर आज भी जाता ही हूँ तलाशने तुम्हारे पैरों के निशाँ सालों... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 102 Share Atul "Krishn" 1 Mar 2024 · 1 min read आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना इतना आसाँ नहीं है अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना एक भरम है -... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 187 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल सच्चा रिश्ता - प्रेम भाव अब ऑर्गेनिक हो गया मिलता भी है बड़ा मंहगा ( ग़र ठगे नहीं गये तो) . पर आकर्षक पैक में कॉन्टामिनेटेड रिश्ते नये - नये... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 118 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read वक़्त के वो निशाँ है वक़्त के वो निशाँ है चेहरे पर हमारे लिखे हुए हर हर्फ़ बारीक़ हैं पढ़ें ज़रा ग़ौर से कुछ ख़ुशियों के इज़हार हैं तो कुछ हैं ग़मज़दा आँखों का समन्दर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 113 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read और मौन कहीं खो जाता है दर्द -एक आम आदमी का एक आम आदमी का - दर्द गीली लकड़ी में लगी आग सा होता है लपट तो कम होती है घर सारा धुआँ -धुआँ सा होता... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 106 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read नालिश भी कर नहीं सकता क़तरा क़तरा - कटती है तेरी यादों की मौजें जो बेइख़्तियार पेशानि पर मेरे पसीने की बूँद बूँद बन के ठहरे नालिश भी कर नहीं सकता तू तो ख़ुद ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 48 Share Atul "Krishn" 21 Feb 2024 · 1 min read उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है सुन सुन यादों की गोश-बर आवाज़ पर हर शाम जैसे हो शामे-हिज्राँ पर तसव्वुर में तो आज भी और अय्यामे-गुल का ख़्वाब है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 91 Share