Ashwani Kumar 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashwani Kumar 21 Nov 2024 · 1 min read छंद: हरिगीतिका : इस आवरण को फोड़कर। साथी पुराने मीत सब, सम्पर्क उनसे तोड़कर। जिनके लिए तुम खट रहे,सब स्वप्न अपने छोड़कर। जिसदिन लगाओगे गणित,तुमको समझ ये आएगा, पाया नहीं कुछ अंततः, रिश्ते नये ये जोड़कर। देते... Hindi · गीतिका 12 Share Ashwani Kumar 21 Nov 2024 · 1 min read छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध* जीवन में हैं द्वंद हज़ारों, कच्चे सब सम्बंध। जंजीरों में जकड़े रखते, नियम कड़े अनुबंध। जीवन पथपर हँसते गाते,बढ़ जाते कुछ लोग, और अधिकतर बाँधे रखते, आशा का कटिबंध। सागर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 14 Share