Tag: Quote Writer
6
posts
नित हर्ष रहे उत्कर्ष रहे, कर कंचनमय थाल रहे ।
Ashok deep
समझ मत मील भर का ही, सृजन संसार मेरा है ।
Ashok deep
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
Ashok deep
जमाने की अगर कह दूँ, जमाना रूठ जाएगा ।
Ashok deep
अपने ही हाथों से अपना, जिगर जलाए बैठे हैं,
Ashok deep
मन-मंदिर में यादों के नित, दीप जलाया करता हूँ ।
Ashok deep