Ashok Kumar Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok Kumar 19 Jan 2018 · 1 min read दरिया सी फितरत मेरी दरिया सी फितरत है, रवानी ले के चलता हूँ I समंदर से फ़क़त अपने, मैं मिलने को मचलता हूँ I I कोई कब रोक पाया है यहाँ पर राह... Hindi · कविता 537 Share Ashok Kumar 16 Jan 2017 · 1 min read ईश की टीष रे मनुष्य, मेरे कारखाने का तू था मास्टरपीस, तुझे बना कर मैंने थी ली राहत की साँस की अब तू बनेगा मेरे ही कई कटपीस, दुनिया के चराचर पा कर... Hindi · कविता 415 Share