Ashish Kumar Mishra 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashish Kumar Mishra 21 Dec 2017 · 1 min read तलाश पथ की पहचान सतत संभावनाओं की तलाश अनवरत चलता चलकर रुक जाता हूँ राह बदलना बदलकर रुकना फिर क्या कहना गिरना गिरकर चलता जाता हूँ नदी को राह दिखा खुद... Hindi · मुक्तक 500 Share Ashish Kumar Mishra 21 Dec 2017 · 1 min read प्रत्युत्तर हार पर हाहाकार हई, विकट हर व्यवहार हुई, पथ के पथार पर, पहाड़ समवार हुआ, हाँ हाँ यही उद्दार हुआ । इतिहास के चित्कार पर, संसार ने उपहास कर, उठा... Hindi · मुक्तक 370 Share Ashish Kumar Mishra 14 Dec 2017 · 1 min read पुनर्निर्माण इस जग को दरकिनार कर संपूर्णता का निःशेष श्रृंगार कर खुद को रोज मिटाता हूँ हर दिन नया बन जाता हूँ चाहता हूँ घरद्वार बदलना प्रति पग पर संसार बदलना... Hindi · कविता 436 Share Ashish Kumar Mishra 13 Dec 2017 · 1 min read माँ समय की घड़ी दिखाकर माँ मुझको समझायी तो थी एक एक घड़ी जीवन की इकाई है बतलायी तो थी; तब हमने माँ के हर इशारो को समझा और चला था... Hindi · कविता 288 Share