Ashish Kumar Mishra Tag: मुक्तक 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashish Kumar Mishra 21 Dec 2017 · 1 min read तलाश पथ की पहचान सतत संभावनाओं की तलाश अनवरत चलता चलकर रुक जाता हूँ राह बदलना बदलकर रुकना फिर क्या कहना गिरना गिरकर चलता जाता हूँ नदी को राह दिखा खुद... Hindi · मुक्तक 505 Share Ashish Kumar Mishra 21 Dec 2017 · 1 min read प्रत्युत्तर हार पर हाहाकार हई, विकट हर व्यवहार हुई, पथ के पथार पर, पहाड़ समवार हुआ, हाँ हाँ यही उद्दार हुआ । इतिहास के चित्कार पर, संसार ने उपहास कर, उठा... Hindi · मुक्तक 377 Share