आशीष दिवाकर 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आशीष दिवाकर 3 Jun 2017 · 1 min read आसान नही कवि हो जाना अंतर्मन की ज्वालाओं को शब्दों में पिरोना पड़ता है काँटों के पथ ही मिलते हैं फूलों को खोना पड़ता है तुलसी और सूर, कबीरा से निराला तक ने रोया है... Hindi · कविता 1 370 Share आशीष दिवाकर 1 Jun 2017 · 1 min read शब्द शब्द ही ब्रम्ह है, शब्द है भावना। शब्द से ही है जन्मा ये सारा जहाँ। शब्द अनुराग है, शब्द है साधना। शब्द के ही बिना सूना सारा जहाँ। शब्द का... Hindi · कविता 384 Share