asha0963 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid asha0963 11 Jun 2022 · 1 min read दोहावली-रूप का दंभ श्रेष्ठ रूप का दंभ भर, करते बहुत गुमान । अंत समय जाना पड़ा, सबको है शमशान ।। मानवता का धर्म अरु, नेक कर्म अनमोल । मृदुवाणी ही जानिए, दे अंतर... Hindi 1 1 289 Share asha0963 11 Jun 2022 · 1 min read पीयूष छंद-पिताजी का योगदान पीयूष छंद 2122 2122 212 पिताजी का योगदान प्रेम रखते हिय सदा अरु आधार है । शुभ पिता जिस घर सुखी परिवार है ।। नींव होते है पिता संस्कार है... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह 6 4 597 Share