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روز ہی ایک غزل ہو یہ ضروری تو نہیں
Dr Asad Nizami
दिल में एहसान फरामोश नहीं रह सकते
Dr Asad Nizami
एक दो वक्त का फ़ाक़ा है, कोई बात नहीं
Dr Asad Nizami
खुल भी जाते हैं असद ज़ख़्म ए जिगर बारिश में
Dr Asad Nizami