अरुण कुमार अरु 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अरुण कुमार अरु 6 Jun 2020 · 1 min read उसे गुलाब पसंद है मुझे गुलाबी सी वो उसे सर्दियाँ बहुत पसंद है और मुझे सर्दियों मे वो उसे चाय बहुत पसंद है और मुझे चाय पे वो उसके साथ बैठूँ तो हर चीज बहकी सी लगती है... Hindi · मुक्तक 2 277 Share अरुण कुमार अरु 21 Jul 2019 · 1 min read किसी के दिल की बेचैनी किसी के दिल की बेचैनी, किसी के दिल की बेताबी, जाम जो है मोहब्बत का पिला दे मुझको भी साकी। रकीबों की ये महफिल है, जरा सोचो जरा सम्भलो, यहाँ... Hindi · गीत 1 338 Share अरुण कुमार अरु 6 Jun 2020 · 1 min read करना फिर से इक नया प्रयास जब परिस्थितियां विल्कुल विरुद्ध हों, जब रास्ते सारे अवरुद्ध हों जब कदम कदम पे युद्ध हो जब लगने लगे अब मुश्किल है तब ही तो सब कुछ मुमकिन है जब... Hindi · कविता 1 4 256 Share अरुण कुमार अरु 16 Jul 2019 · 1 min read कमसिन इश्क कुछ अंश कमसिन इश्क से स्वरचित जब रात ढले और ख्वाब आये, जब नीद खुले और याद आये, जब इश्क की गलियां रंगीन हो, जब यादें भी तुम्हारी हसीन हो,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share अरुण कुमार अरु 4 Nov 2019 · 1 min read जिंदगी सुनले ऐ जिंदगी सुनले तू मुझसे, तू कितना मुझे सतायेगी , तेरी हसरत है मुझे रुलाने की तो सुन हसता हुआ मुझे पायेगी , बेशक खारों की डगर मिले, बेशक चट्टाने... Hindi · कविता 2 239 Share अरुण कुमार अरु 6 Jun 2020 · 1 min read आखिर क्यो उदास बैठे हो हारकर वक्त से निराश बैठे हो क्या बात है आखिर क्यों उदास बैठे हो कम्बख्त इस वक्त इस तरह डरना ठीक है क्या सपने बिखर गये, पर तुम्हारा बिखरना ठीक... Hindi · कविता 1 196 Share अरुण कुमार अरु 6 Jun 2020 · 1 min read लौटेगा वो दौर पुराना फिर लौटेगा वो दौर पुराना फिर शाखो पे रंग सजे होंगे कहने को तो सब कुछ वैसा होगा पर अंदाज नयें होंगे ©arun #aruthoughts #quarantinedays #lockdown4 Hindi · शेर 1 219 Share अरुण कुमार अरु 6 Jun 2020 · 1 min read दिलो जां से बस तेरे पास होता हूँ सुकून मिलते नहीं है माँ तेरे आंचल वाले याद आते है तेरे हाथों के खुशबू के निवाले वो स्वाद तेरे हाथों का फाइव स्टारों मे मिलता कहाँ है ये शहर... Hindi · कविता 2 182 Share अरुण कुमार अरु 6 Jun 2020 · 1 min read बचपन वाली बात जिंदगी की भागदौड़ से कुछ वक्त निकालते हैं, चलो आज यादों की आलमारी खंगालतें है, उस बचपन वाली दराज से कुछ लम्हें चुनते हैं वो कहानियाँ जो दादी नानी ने... Hindi · कविता 4 368 Share अरुण कुमार अरु 6 Jun 2020 · 1 min read जरा छू के गुजरना तेरी चाहत की खुशबू से महकती है शाम मेरी गर तू आये हवा बनकर तो जरा छू के गुजरना ©अrun Hindi · कविता 366 Share