Arti Bhadauria 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read भर लो नयनों में नीर भर लेते नैनों में नीर, कर लेते सुरक्षित पीर, रूखे सूखे रिश्तों को अगर बनाते पानी दार शुष्क होते ताल तलैया चारों ओर फैली वीरानी धरती की ऊपरी तह भी... Poetry Writing Challenge · कविता 4 1 293 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read सावन मंजूषा घिर आए बादल जो घनेरे प्रेम के थे कुशल चितेरे रिमझिम रिमझिम नेह समेटे जलहरी से रस टपकाते प्रीतम का संदेश सुनाते पल पल उनकी याद दिलाते भीगे भीगे इस... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1 255 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read मंजिल छूते कदम पंख मेरे छोटे हैं, इरादे तो ऊँचे हैं उस पार बुलबुले हैं, इस पार सपने है। कांच की दीवारें हैं, कैद में नजारे है नन्हे से हौसले है, इन्द्र धनुषी... Poetry Writing Challenge · कविता 2 224 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read पिता मेंरे प्राण पालन हारा, सर्व दुख हारा सर्वसुख प्रदाता पिता दो अक्षरों , का लघु शब्द मेरे लिए जगत पिता से कम नहीं है जिनकेगुण अंश संस्कार और,, प्राण अवगाहन , करती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 200 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read दंभ हरा दंभ हरा दशानन तुम थे दस आनन वाले, सोने की भव्य लंका में रहने वाले. आशुतोष से अभय वरदान पानेवाले, कुल बंधुबांधव से सदाघिरे रहने वाले. कभी सोचा था ऐसा... Poetry Writing Challenge · कविता 2 141 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read नेह का दीपक नेह का दीपक धरा द्वार पर, आस की बाती विश्वाश का थाल प्रियतम के कदमों की सुनी थाप। दिप दिपा लों ने फैलाया उजास, अब नहीं कर आलि मन उदास।... Poetry Writing Challenge · कविता 2 1 351 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read हिंदी का सम्मान हिंदी का सम्मान हिंदी दिवस की बेला में आओ कुछ संकल्प करें बढ़ाना शान भाषा से ना हो कम आन भाषा से ना हो अपमान हिंदी का करें सम्मान हिंदी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 290 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read नयी भोर का स्वप्न नई भोर का स्वप्न रात्रि का अवसान हुआ गहरी का ली चादर ओढ़े रात ने धीरे से चांद के माथे को चूमा और कहा, लो अब मै विदा लेती हूं।... Poetry Writing Challenge · कविता 2 285 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read माँ की छाया मैं अपनी मां की प्रतिकृति हूं , मैं अपनी माँ की प्रतिछाया हूँ। माँ, के रक्त मांस से बनी कृति हूँ मां के रोम रोम में बसी गति हूं, ।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 425 Share Arti Bhadauria 30 May 2023 · 1 min read अब तो आओ न अब तो आओ न प्रीतम तुम तो मीत हो प्यारे, तुम बिन तरसे नैन हमारे। यूं ही गुजरे सांझ सकारे, रात और दिन बस बात निहारे। अब तो आओ ना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 1 288 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read सिर्फ तुम सांसों का निनाद, अंतस का कोलाहल। जीवन की स्वर लहरी, भावों की जलहरी। स्पंदन की प्रेरणा, संसर्ग की चेतना। देह की कस्तूरी, बोध की माधुरी। उन्मीलित नैन की आस, खुली... Poetry Writing Challenge · कविता 1 314 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read धन्यवाद कोरोना धन्यवाद कोरोना, तूने जीना सिखा दिया। मौत के खौफ़ से, लड़कर जीवन रक्षा सिखा दिया। बहुत दिनों से भटक रही थी, जिस रोशनी की तलाश में। खुद में झांका तो... Poetry Writing Challenge · कविता 1 393 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read तू मुझे क्या समझेगा तू मुझे क्या समझेगा तेरा वज़ूद मेरे जिस्म के उस हिस्से से बना जिसे बनाने में मैं खुद नेस्तनाबूत हुआ तेरी रगों में बहता है में रा लहू जिसने मेरी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 1 248 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read छद्म शत्रु बढ़ते जाते खौफ के साए से कहर अंधेरों केबढ़ने लगे। घर-घर में पसरे सन्नाटों से, मर्म मौन का समझने लगे। अपनों को खोने के डर से, पराए भी अपने लगने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 261 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read जाग री सखि नव कोंपल सी शर्मा ती लजाती रितु, शुष्क पीले पातों से थरथराती रितु। अधरों से रागिनी गुनगुनाती ऋतु, सरसों से धरती लहलहा ती ऋतु। नवागत के स्वागत में उमग ते... Poetry Writing Challenge · कविता 310 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read तुम बिन जीना सीख लिया जब से छोड़ा तुमने मेरा हाथ, तुम बिन जीना सीख लिया। जब से छूटा तुम्हारा साथ, तुम बिन चलना सीख लिया। अब मैं ने लड़खड़ा कर गिर ते, पैरों पर... Poetry Writing Challenge · कविता 201 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read सप्तपदी आश्विन और श्रुति मिलेंगे, वंश और परिवार बढ़ेंगे। सप्तपदी में पग साथ चलेंगे, सुहृद जन इसके साक्ष्य बनेंगे। उन्मीलित नयनों में सपने पलेंगे, स्नेह सिक्त हो कामनाएं वारेंगे। जन्म जन्मांतर... Poetry Writing Challenge · कविता 408 Share Arti Bhadauria 29 May 2023 · 1 min read नये गीत गायें आओ आज कुछ नये गीत गायें, गुनगुनाते हुए नव ताल पर झूमें। कोई हो नहो एकल गीत गूंजेगे, स्वर होंगे तो लय ताल बजेंगे। संघर्ष से उदित नव सूर्य चमकेंगे,... Poetry Writing Challenge · कविता 173 Share Arti Bhadauria 19 May 2023 · 1 min read स्त्री रहने दो मैं शक्ति हूँ, मैं भक्ति हूँ, मैं अनुरक्त हूँ, मैं विरक्त हूँ. मैं तृप्त हूँ, मैं अतृप्त हूँ. मैं धीरा हूँ, मैं अधीरा हूँ. मैं शांत वेग हूँ, मैं झंझावात... Hindi · कविता 196 Share Arti Bhadauria 17 May 2023 · 1 min read श्रद्धांजलि श्रद्धांजलि कह रहा है ये वतन. आज भर लो ये नयन. कोटि कोटि कंठों से निकली ये सच्चाई भस्म हुए सपूत जो मानवता के सिपाही. चीख़ चीख़ कर दी देश... Poetry Writing Challenge · कविता 114 Share Arti Bhadauria 17 May 2023 · 1 min read संघर्ष से लड़ती दर्द की इंतहा में हंसती .. आंखों से बहुत कुछ कहती साथ में है आशा की कश्ती कुछ हंसती पर आंसू छुपाती संघर्षों में फिर भी जीती मन में नव... Poetry Writing Challenge · कविता 1 202 Share Arti Bhadauria 17 May 2023 · 1 min read होली और रंग होली में रंगों का उजास एक उजास जो मिलता है सिर्फ फागुन में न है वो वर्ष के किसी कालखंड में भले ही बौराया इतराया गद राया मौसम कोई भी... Poetry Writing Challenge · कविता 208 Share Arti Bhadauria 17 May 2023 · 1 min read मैं किताब हूँ मैं किताब हूँ. जिल्द में बंद हूँ. पर रूह से आज़ाद हूँ. आंसू भरी आँख, के खिलखिलाते मोती, से भरा थाल हूँ, सांसो की लय पर गूंजते मौन का, बेबाक... Poetry Writing Challenge · कविता 301 Share Arti Bhadauria 15 May 2023 · 1 min read मैं माँ हूँ मै मां हूं मैं शक्ति हूं भक्ति हूं अनु रक्ति हूं विरक्ति हूं आसक्ति हूं अनासक्ति हूं व्यष्टी हूं समष्टि हूं आहत हूं अनाहत हूं मै राग हूं विराग हूं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 240 Share Arti Bhadauria 15 May 2023 · 1 min read पापा की बिटिया लोग कहते हैं कि मैं पापा जैसी दिखती हूँ. जब भी मैं पढाने जाती पापा की बिटिया हो जाती जब भी सिर्फ आंसू नैनों की कोरोसे निकल ते . बिना... Poetry Writing Challenge · कविता 175 Share Arti Bhadauria 15 May 2023 · 1 min read सफर चल रही थी यूँ जिंदगी खूब सूरत सडकों पर सुहाने रास्तों पर गुनगुनाती भविष्य की चिंता से दूर पर न जाने कहाँ से आया एक जोर दार जलजला यूँ अचानक... Poetry Writing Challenge · कविता 181 Share