Ankita Kulshreshtha Tag: कुण्डलिया 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ankita Kulshreshtha 27 May 2016 · 1 min read छंद कुण्डलिया छंद ""धरती अंबर सज रहे, आया मास वसंत । योगी टेरे योग को, नील गगन में हंस । नील गगन में हंस । स्वर्ग सा लगता ये थल.. भ्रमर हुए मदमस्त..... Hindi · कुण्डलिया 915 Share Ankita Kulshreshtha 17 May 2016 · 1 min read ऐसा दूल्हा चाहिए(हास्य ) ऐसा दूल्हा ढूँढना, सुन लो बाबुल बात देय सैलरी हाथ में, मॉल घुमाये रात मॉल घुमाये रात, डिनर प्रतिदिन होटल में माँगू जो भी चीज, दौड ले आये पल में... Hindi · कुण्डलिया 13 877 Share