Anju Gupta Language: Hindi 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Anju Gupta 25 Feb 2017 · 1 min read खुद को बदलने की कशमकश अक्सर और आदतन, निद्रा के आगोश में जाने से पहले, ले बैठती हूँ... दिनभर के लेखे - जोखे की किताब ! पर हरदम ही... दुनियादारी के मापदण्डों पर, खुद को... Hindi · कविता 2 1 500 Share Anju Gupta 18 Feb 2017 · 1 min read अच्छा लगता है... इक खामोशी अक्सर फैल जाती है हम दोनों में कभी -कभी ... इक दूजे में गुम होना भी अच्छा लगता है !! तेरा इंतजार क्यों बन गया है मुकद्दर मेरा... Hindi · कविता 1 393 Share Anju Gupta 18 Feb 2017 · 1 min read तू संग मेरे रहता है... तेरे ख्यालों में... गुजरने लगे हैं, रात और दिन ! तू पास हो न हो, तू संग मेरे रहता है !! तेरे दीदार को... तरसने लगे हैं, शामों-सहर ! तेरे... Hindi · कविता 675 Share Anju Gupta 15 Feb 2017 · 1 min read क्या है कोई राम क्या है कोई राम ? ? ? ***************** कितनी अहिल्या जीती जागती बनीं शिला हुई भावशून्य ! उसी वजह से... जो व्यापित सतयुग से है अब तलक ! ! लिए... Hindi · कविता 1 344 Share Anju Gupta 15 Feb 2017 · 1 min read मर्यादा मर्यादा क्यों मर्यादा की... चादर ओढ़े, दिन-रात यूँ ही... घुट -मर्यादा क्यों मर्यादा की... चादर ओढ़े, दिन-रात यूँ ही... घुट -घुट के जियूँ ! क्यों अोड़ ... आडम्बर की चादर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 301 Share Anju Gupta 14 Feb 2017 · 1 min read कविता : आजकल हम बेवजह मुस्कुराने लगे हैं जिनको कभी थे हम नज़रंदाज़ करते, धड़कन बन दिल में वो समाने लगे हैं ! आजकल बेवजह हम मुस्कुराने लगे हैं !! बदलने लगा है कुछ अंदाज़ अपना भी, चुप... Hindi · कविता 703 Share Anju Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read हाइकु : जर्जर काया हाइकु जर्जर काया, इच्छाएँ खंडहर, जीने को मरे नम नयन, गालों के सूखे आँसू, पुकारें तुम्हें ! छायी बदरी, व्याकुल फिर मन, गीला तकिया ! लकीरें मेरी, हैं विधाता ने... Hindi · हाइकु 1 309 Share Anju Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read हाइकु : जलूं न कैसे आड़ी - तिरछी किस्मत की लकीरें समझूं कैसे !! मुठ्ठी में बन्द भविष्य है अपना बदलूं कैसे !! बादशाह हो तक़दीर के तुम पाओ खुशियाँ !! बन बैठे हो किसी... Hindi · हाइकु 447 Share Anju Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read हाइकू : हैरान धरा हैरान धरा, फसलों की जगह, मकान उगा ! सिमटे घन, जब रूठ धरा से, कृषक मरा ! छायी बदरी, व्याकुल फिर मन, गीला तकिया ! अंजु गुप्ता Hindi · हाइकु 334 Share Anju Gupta 13 Feb 2017 · 1 min read मेरी कविता चहूँ ओर सूरज के घूमें धरती वैसे ही... हर रचना का केन्द्र तुम बन जाते हो ! हर लफ्ज, हर भाव समर्पित तुमको जाने - अंजाने हर वक़्त तुम ही...... Hindi · कविता 485 Share Anju Gupta 11 Feb 2017 · 1 min read नवजीवन आशंकित सी मैं थी व्याकुल... दर्द- वेदना से आकुल मिला चैन थमा सैलाब ! फिर... नवजीवन की गूंजी आवाज़ ! अजब अनुभूति नया अहसास जीवन की हुई पूरी हर -... Hindi · कविता 649 Share Anju Gupta 11 Feb 2017 · 1 min read सपनों की महानगरी देख शहर की ऊँची अट्टालिकाएँ, मस्ती भरा आलीशान जीवन लिए स्वप्न सुनहरे असंख्य करें गाँव से पलायन ! यथार्थ दिखे और सपने ढहें शहर में जीना, "जीना" न रहे दो... Hindi · कविता 303 Share Anju Gupta 11 Feb 2017 · 1 min read कैसी विडम्बना... कैसी विडम्बना ! क्यों संवेदनहीन है बना समाज,,, हादसों के शिकार दर्द से कराहते लिए टूटती-उखड़ती साँसें उम्मीद से जब माँगे मदद... वीडियो बनाने में व्यस्त दिखें तमाशाई और चश्मदीद... Hindi · कविता 484 Share Anju Gupta 11 Feb 2017 · 1 min read अक्सर दिखते हैं... अक्सर दिखते हैं... लाल बत्ती पर... तो कभी फुटपाथों पर ! कभी आँसू लिए ... तो कभी आँसू पिए ! कभी नंगे बदन... तो कभी चिथड़ों से ढके तन !... Hindi · कविता 1 243 Share Anju Gupta 11 Feb 2017 · 1 min read तेरे बिन बिन तेरे तेरी यादों में मुमकिन है... मैं जी जाऊँ बेखबर हूँ... ये भी हो सकता है पूरी तरह बिखर जाऊँ ! ढह रहा सपनों का घर मुमकिन है... आँसू... Hindi · कविता 254 Share Anju Gupta 11 Feb 2017 · 1 min read नींदें चुरा के मेरी नींदें चुरा के मेरी, चैन से वो सो गया है कल तक था दिल जो मेरा, अब उसका हो गया है !! उसे देखने की हसरत, बात करने की तमन्ना... Hindi · कविता 1 2 229 Share Anju Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read किस्मत आरजू थी बस इतनी .... बन दुल्हन तेरी मैं, तेरे घर में आऊँ ll हँसते-खिलखिलाते, खुशियों से तेरा, घर-आँगन सजाऊँ ll साथ तेरा पाकर, पास तेरे आकर, तुझी में खो... Hindi · कविता 1 589 Share Anju Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read वक़्त-बेवक़्त तू याद आने लगा है... छाने लगा फिर है, ख्वाहिशों का मौसम सरूर मुहब्बत का, सताने लगा है ! आलम क्या बताऊँ, दिल का मैं तुझको वक़्त-बेवक़्त तू याद आने लगा है !! सपनों का... Hindi · कविता 258 Share Anju Gupta 25 Jan 2017 · 1 min read मेरी बिटिया मेरी बिटिया घुटनों बल चलती, ठुमकती - थिरकती, कभी आँचल में छिपती, कभी कान्धे पर चढ़ती ! वो नन्ही परी पंख फैलाने लगी है.... मेरी गुड़िया मेरे कान्धे तक आने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 2 383 Share