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वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
मुहब्बत है ज़ियादा पर अना भी यार थोड़ी है
Anis Shah
मदद का हाथ अगर तुम बढ़ा सको तो चलो
Anis Shah
तो मैं उसी का
Anis Shah
ग़ज़ल होती है
Anis Shah
उनके रुख़ पर शबाब क्या कहने
Anis Shah
दाद ओ तहसीन ओ सताइश न पज़ीराई को
Anis Shah
मतला
Anis Shah
जहाँ में किसी का सहारा न था
Anis Shah
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
कुछ फ़क़त आतिश-ए-रंज़िश में लगे रहते हैं
Anis Shah
दर जो आली-मकाम होता है
Anis Shah
प्यार आपस में दिलों में भी अगर बसता है
Anis Shah
तुम्हारी आँखें कमाल आँखें
Anis Shah
जो हमने पूछा कि...
Anis Shah
अगर शमशीर हमने म्यान में रक्खी नहीं होती
Anis Shah
हुनर है झुकने का जिसमें दरक नहीं पाता
Anis Shah
उनकी जब ये ज़ेह्न बुराई कर बैठा
Anis Shah
ऐ वतन....
Anis Shah
देखिए आप आप सा हूँ मैं
Anis Shah
तुम्हारे दीदार की तमन्ना
Anis Shah
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
ख़यालों के परिंदे
Anis Shah
शे'र
Anis Shah
अजदहा बनके आया मोबाइल
Anis Shah
जो श्रम में अव्वल निकलेगा
Anis Shah
ख़ुशी मिले कि मिले ग़म मुझे मलाल नहीं
Anis Shah
या ख़ुदा पाँव में बे-शक मुझे छाले देना
Anis Shah
आइना अपने दिल का साफ़ किया
Anis Shah
ग़ज़ल संग्रह 'तसव्वुर'
Anis Shah
ख़ुद अपने नूर से रौशन है आज की औरत
Anis Shah
कितने घर ख़ाक हो गये, तुमने
Anis Shah
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
Anis Shah
अज़ाँ दिलों की मसाजिद में हो रही है 'अनीस'
Anis Shah
भूख दौलत की जिसे, रब उससे
Anis Shah
मैं भटकता ही रहा दश्त-ए-शनासाई में
Anis Shah
जो उनसे पूछा कि हम पर यक़ीं नहीं रखते
Anis Shah
नज़र आसार-ए-बारिश आ रहे हैं
Anis Shah
सलाम भी क़ुबूल है पयाम भी क़ुबूल है
Anis Shah
चाहे जितना तू कर निहां मुझको
Anis Shah
डाला है लावा उसने कुछ ऐसा ज़बान से
Anis Shah
वक़्त बे-वक़्त तुझे याद किया
Anis Shah
वो सहरा में भी हमें सायबान देता है
Anis Shah
काँच के टुकड़े तख़्त-ओ-ताज में जड़े हुए हैं
Anis Shah
तुम्हारे रुख़सार यूँ दमकते
Anis Shah
उमीद-ए-फ़स्ल का होना है ख़ून लानत है
Anis Shah
हम ऐसे ज़ोहरा-जमालों में डूब जाते हैं
Anis Shah
नहीं हूँ देवता पर पाँव की ठोकर नहीं बनता
Anis Shah
ग़लतफ़हमी है हमको हम उजाले कर रहे हैं
Anis Shah
जिधर भी देखिए उधर ही सूल सूल हो गये
Anis Shah