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Tag: मेरी कलम से… आनन्द कुमार
32 posts
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
तू सच में एक दिन लौट आएगी मुझे मालूम न था…
तू सच में एक दिन लौट आएगी मुझे मालूम न था…
Anand Kumar
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
Anand Kumar
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
Anand Kumar
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
हे नारी मुझे घाघ न कहना, इस रिश्ते का बस लाज तू रखना
हे नारी मुझे घाघ न कहना, इस रिश्ते का बस लाज तू रखना
Anand Kumar
"शर्म मुझे आती है खुद पर, आखिर हम क्यों मजदूर हुए"
Anand Kumar
"सुरेंद्र शर्मा, मरे नहीं जिन्दा हैं"
Anand Kumar
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
Anand Kumar
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
Anand Kumar
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा…
तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा…
Anand Kumar
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
Anand Kumar
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
Anand Kumar
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
हाँ मैं किन्नर हूँ…
हाँ मैं किन्नर हूँ…
Anand Kumar
तलाक़ का जश्न…
तलाक़ का जश्न…
Anand Kumar
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं
Anand Kumar
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
कोई फैसला खुद के लिए, खुद से तो करना होगा,
कोई फैसला खुद के लिए, खुद से तो करना होगा,
Anand Kumar
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
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