Amit Pandey 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Amit Pandey 13 Jan 2021 · 1 min read कोरोना की करुणा-विहीन अट्टाहश मुर्दे पंक्तिबद्ध हुए है कब्रगाह में जाने को जिंदा इंसान ,पर,मतवाला है मुर्दों में सँगत पाने को बता बता सब थक गए, मिन्नते भी बेकार हुई घर में तुम्हे बैठाने... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 23 743 Share Amit Pandey 13 Jan 2021 · 2 min read स्वराज की जय हो क्या हुआ कि मन अकुलाया है ? क्यों सब का मन घबराया है? क्यों इतनी क्रंदन हुई ? क्यों डर ने डाला डेरा है ? क्यों मौत का कारोबार हुआ?... Hindi · कविता 1 4 342 Share