अमित प्रसाद 'आर्य' Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमित प्रसाद 'आर्य' 14 Jan 2022 · 2 min read राम और बाबर में न कोई मेल है। जाने वो दिन कब आएगा, जब इन्तेजार की होगी शाम कब मिलेगा भक्तों को मंदिर, तंबू में रहते जिनके राम, जगत जिनका गुण गाता है, कुछ लोग उन्हें झुठलाते हैं,... Hindi · कविता 207 Share अमित प्रसाद 'आर्य' 9 Oct 2019 · 1 min read अमर रहेगा रावण जल गया रावण फिर से हर साल की तरह, पर इंसा में अभी तक जिन्दा एक काल की तरह I मन के भीतर बैठा है एक ख्याल की तरह, लिपटा... Hindi · कविता 237 Share अमित प्रसाद 'आर्य' 2 Oct 2019 · 1 min read धर्म की सीख अपनी मर्जी किस पर थोपु धर्म की यही दुहाई है। राह राह पर राख पड़े हैं किसने आग लगाई है? मन के भीतर झांक जरा तू इनमें भी परछाई है।... Hindi · कविता 3 2 368 Share