Ambreesh Kumar Mishra 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ambreesh Kumar Mishra 31 Oct 2018 · 1 min read वक़्त नहीं हर ख़ुशी है लोंगों के दामन में , पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं . दिन रात दौड़ती दुनिया में , ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं . सारे... Hindi · कविता 181 Share Ambreesh Kumar Mishra 20 Oct 2018 · 1 min read समय चला, पर कैसे चला समय चला, पर कैसे चला… पता ही नहीं चला… ज़िन्दगी की आपाधापी में, कब निकली उम्र हमारी,यारो पता ही नहीं चला। कंधे पर चढ़ने वाले बच्चे, कब कंधे तक आ... Hindi · कविता 2 218 Share Ambreesh Kumar Mishra 16 Oct 2018 · 1 min read वक़्त नहीं हर ख़ुशी है लोंगों के दामन में , पर एक हंसी के लिये वक़्त नहीं . दिन रात दौड़ती दुनिया में , ज़िन्दगी के लिये ही वक़्त नहीं . सारे... Hindi · कविता 1 281 Share Ambreesh Kumar Mishra 6 Oct 2018 · 3 min read एक कविता माँ के लिए जब आंख खुली तो अम्मा की गोदी का एक सहारा था उसका नन्हा सा आंचल मुझको भूमण्डल से प्यारा था उसके चेहरे की झलक देख चेहरा फूलों सा खिलता था... Hindi · कविता 1 239 Share Ambreesh Kumar Mishra 4 Oct 2018 · 1 min read इंसान खो गये है l जाने क्यूं अब शर्म से,चेहरे गुलाब नही होते। जाने क्यूं अब मस्त मौला मिजाज नही होते। पहले बता दिया करते थे, दिल की बातें। जाने क्यूं अब चेहरे, खुली किताब... Hindi · कविता 1 315 Share Ambreesh Kumar Mishra 29 Sep 2018 · 1 min read ज़िंदा रख ज़मीर ज़िंदा रख, कबीर ज़िंदा रख, सुल्तान भी बन जाए तो, दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख, हौसले के तरकश में, कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख, हार जा चाहे जिन्दगी... Hindi · कविता 1 405 Share