Ambarish Srivastava Tag: मुक्तक 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल को हार्दिक नमन .... सिंह समान गर्जना स्वर में किन्तु हृदय अति कोमल था. आँधी जैसी चाल तुम्हारी, साथ तुम्हारे दल-बल था. मानचित्र था पल में बदला भारत को गणराज्य बना, किया असंभव कार्य... Hindi · मुक्तक 390 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read समसामयिक मुक्तक .... बसे गद्दार हैं कितने न है गिनती यहाँ कोई. मिटा अस्तित्व देगें ये अभी है अस्मिता खोई. लगाकर देश में दीमक खजाना कर चुके खाली, इन्हें दें दंड करनी का... Hindi · मुक्तक 259 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read बांस के झुरमुटों से बजें सीटियाँ.. कुछ मुक्तक आवरण त्यागकर भंगिमा नेक लें, प्राकृतिक ही रहें भाव भी एक लें, काँपता शीत है सूर्य के सामने, गुनगुनी-कुनकुनी धूप को सेक लें.. गंध चन्दन भली रंग टेसू... Hindi · मुक्तक 533 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read नववर्ष व नवरात्रि शुभकामना मुक्तक... प्रीति की भावना स्नेह उत्कर्ष यह रूप शिशुवत धरे मातृ को हर्ष यह आज उल्लास की बह रही धार है, हो सनातन सुखद मित्र नववर्ष यह, --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’ Hindi · मुक्तक 550 Share Ambarish Srivastava 13 Apr 2018 · 1 min read दिखा प्रतिबिम्ब दर्पण में..... एक मुक्तक: _________________________________________ बह्र: बहर-ए–हज़ज मुसम्मन सालिम रुक्न: मफाईलुन मफाईलुन मफाईलुन मफाईलुन हिन्दी नाम: ‘विधाता’ या ‘शुद्धगा’ छंद आधरित मुक्तक गण विन्यास: यमातागा यमातागा यमातागा यमातागा _________________________________________ दिखा प्रतिबिम्ब दर्पण... Hindi · मुक्तक 351 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read एक मुक्तक सदा पावों को यदि देखे दुखी मन मोर रहता है. भुलाकर मोर पंखों को व्यथित चहुँओर रहता है. जिसे हम खोजते संसार में प्रतिक्षण बने पागल, हमारे ही हृदय में... Hindi · मुक्तक 247 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दिव्यांग मित्रों के प्रति कुछ मुक्तक ... पांव यदि है एक तो शत पर्वतों को लांघिये. एक है यदि हाथ तो दस के बराबर मानिए. आँख भी है एक अथवा हैं नहीं दोनों नयन, हर परिस्थिति से... Hindi · मुक्तक 274 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read जेवर-बुलंदशहर हाइवे पर हुई दुर्दान्त ह्त्या व महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप से द्रवित होकर उपजे हुए कुछ मुक्तक... जेवर-बुलंदशहर हाइवे पर हुई दुर्दान्त ह्त्या व महिलाओं के साथ हुए गैंगरेप से द्रवित होकर उपजे हुए कुछ मुक्तक... हाइवे पर हैं दरिन्दे, लूटते जो गाँव में. आ फँसा परिवार... Hindi · मुक्तक 409 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read नफरत को मत दिल में पालो... गम सहकर भी प्यार बिखेरो अपनों में मत फ़र्क करो, नफरत को मत दिल में पालो उसका बेड़ा गर्क करो, रोज सुकूं दिल को जो देती वो है अपनी बीवी... Hindi · मुक्तक 201 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read हमारे प्रिय पुत्र भूषण के जन्म दिवस पर ... मंगलमय हो जन्मदिवस यह, स्नेहपूर्ण रसधार मिले। गुरुजन का आशीष रहे, माँ सरस्वती से प्यार मिले।। जीवनपथ हो ज्ञान प्रकाशित हो विनम्र मुखमंडल शुचि, कर्मक्षेत्र में मिले सफलता, संस्कारित संसार... Hindi · मुक्तक 421 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read शिक्षक दिवस शिक्षक दिवस जिनके आशीषों से हम सब जीवन में रँग भरते हैं. वे शिक्षकगण गुरुवत निशिदिन कष्ट हमारे हरते हैं. संयम, कठिन परिश्रम, धीरज, अनुशासन जिनसे सीखा, उन सबके प्रति... Hindi · मुक्तक 392 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल के प्रति .. भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल सिंह समान गर्जना स्वर में किन्तु हृदय अति कोमल था. आँधी जैसी चाल तुम्हारी, साथ तुम्हारे दल-बल था. मानचित्र था पल में बदला भारत... Hindi · मुक्तक 433 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read हमारा ही घर खूब....: मुक्तक मज़हब से मुल्कों को बाँटा तुम्ही ने. चुभाया बदन में ये काँटा तुम्ही ने. बना सेक्युलर सिर्फ चूना लगाया, हमारा ही घर खूब छाँटा तुम्ही ने.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · मुक्तक 202 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read असहिष्णुता किधर है...:मुक्तक त्यौहार में मजा ले, कुछ ख़ास काट डाला, बक़रे का नाम देकर, फ्रिज घर का पाट डाला, हाकिम की जांच में जब, गोमांस वो ही निकला, असहिष्णुता किधर है? अखबार... Hindi · मुक्तक 180 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read छटपटाता कसमसाता ....:मुक्तक मथुरा के जवाहरबाग़ काण्ड में शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि... माफिया का राज अब तो असलहों से शान है. छटपटाता कसमसाता जेब में ईमान है. जिनके बेटे हैं कफ़न में... Hindi · मुक्तक 220 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आपा खोया रँगरूटों नें ...मुक्तक बरस रहा बारूद, बाग़ में, बचे, छुपे, संज्ञान लिया, अधिकारी की देख शहादत, गरजे सीना तान दिया. नहीं सुना आदेश तभी थी, दाल सियासी नहीं गली, आपा खोया रँगरूटों नें... Hindi · मुक्तक 187 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read स्नेह और नीर …..:मुक्तक स्नेह से नीर मित्र भारी है किन्तु इनकी सदा से यारी है स्नेहवश नीर उपजे आँखों में जिसमें डूबी जमीन सारी है आज समवेत स्वर में गायें हम गीत में... Hindi · मुक्तक 430 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पर पंक्षी के पंख नोचता...:मुक्तक जेठ मास में भीषण गर्मी लू घातक बीमारी है. सूखे ताल-तलैया बोरिंग जलसंकट अब भारी है. खाली खेत बाग़-वन गायब नदियाँ नाला बनीं हुई, पर पंक्षी के पंख नोचता ए०... Hindi · मुक्तक 594 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read 'सैनिक मत बलिदान करें!'...: मुक्तक महारथी हैं सत्ता के जो जागें, सुधरें, ध्यान धरें. सबसे ऊपर देश हमारा, इसका ही गुणगान करें, आतंकी यदि कैम्प चल रहे, नष्ट करें इनको जाकर, राजनीति की बलिवेदी पर... Hindi · मुक्तक 235 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read मित्र के प्रति : मुक्तक कवि मित्र डॉ० मनोज दीक्षित के प्रति.... प्यारे भ्राता पिंगल ज्ञाता कोमल कविता साधक हो. उड़ते मुक्त जहाँ चंचल मन उन राहों में बाधक हो. मित्र नमन उस पावनता को... Hindi · मुक्तक 491 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read उत्तराखंड त्रासदी २०१६ पर मुक्तक: दिनांक ०२-०७-२०१६ आपदा का हो प्रबंधन, यदि उचित सरकार से, राहतें फ़ौरन मिलें औ दर्द कम हो प्यार से. साधनों की है कमी पर हौसले तो कम नहीं, जिंदगी को... Hindi · मुक्तक 475 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read भारतीय सेना के सम्मान में दो मुक्तक माँ से बढ़कर अपनी धरती हमको प्यारी मोदीजी. व्यर्थ नहीं हो एक शहादत हम पर भारी मोदीजी. सैनिक विवश नहीं होंगे अब आतंकी मिट जायेगें, सेना के अब हाथ खुले... Hindi · मुक्तक 258 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read इन सबको ख़ाक कर दो! नयनों में अश्रुधारा, मन में कुँवर कन्हाई. इन आँसुओं से हरि ने, यमुना तरल बहाई. बढ़ता है पाप जब-जब, तब-तब धरा ये रोती; श्रीकृष्ण जन्म लेते, सबको हृदय बधाई.. असुरों... Hindi · मुक्तक 253 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read मौन हो चुप ही रहें! आस छूटी बिन मदद असहाय हाथों को मला| प्रियतमा का संक्रमित शव धार कांधे ले चला| लोग फोटो खींचते थे, किन्तु वह चलता रहा, प्यार ऐसा आज तक हमने नहीं... Hindi · मुक्तक 485 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read गणेश वंदना. हे गजबदन गणेश गजानन गणनायक गुरु स्वामी हो. प्रथम पूज्यवर पार्वती-सुत गणपति अन्तर्यामी हो. विकट विनायक विघ्नेश्वर शुचि विद्यावारिधि सिद्धिप्रियः, कपिल कवीष कृषापिंगाक्षा सत्पथ के अनुगामी हो.. शत-शत वंदन करते... Hindi · मुक्तक 594 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read मौत खुलकर कह गयी... चल बसा निर्दोष घायल चीख कातर सह गयी. खून सड़कों पर बहा जब मौत खुलकर कह गयी. मज़हबी उन्माद घातक लोग डर-डर जी रहे, एकता आतंक का पर्याय बनकर रह... Hindi · मुक्तक 232 Share Ambarish Srivastava 10 Sep 2016 · 1 min read चल रही हैं आँधियाँ जो रुख पलटकर मोड़ दो. पुष्प मसले और कुचले जा रहे अधिकार से. आसुरी ये कृत्य दानव वृत्ति के व्यापार से. घाव सतही सामने पर चोट झेला जो हृदय, भांप अंतर्मन द्रवित अति, वेदना के... Hindi · मुक्तक 224 Share