अमरेश मिश्र 'सरल' 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमरेश मिश्र 'सरल' 29 Nov 2022 · 1 min read ख्वाहिश ये जो दिन बीते हैं ख्वाहिश में इनसे कह दो ये न दोबारा हो। इस कदर तुम मे समाया जैसे गलियों का आवारा हो | बैठे-बैठे बस यही सोचा... काश... Hindi · ख्वाहिश · धोखा · प्यार · वादे 10 3 289 Share अमरेश मिश्र 'सरल' 28 Nov 2022 · 1 min read दोगले मित्र दोगलों के जैसे पवित्र हो, हमसे कहते हो, हमारे मित्र हो ॥ दिखाने को रखते हो कोमल हृदय, वैसे तो त्रिया चरित्र हो । बिन बोले पाल्हा बदल लिए, लगता... Hindi · धोखा · मित्रता 12 4 410 Share अमरेश मिश्र 'सरल' 26 Nov 2022 · 1 min read यारी क्या ऐसी यारी होती है ? इतनी गद्दारी होती है किसको अपना मान लिया, मन में अपने ही ठान लिया। दो गाड़ी पर पैर रखे, क्या यही सवारी होती है... Hindi 17 10 475 Share अमरेश मिश्र 'सरल' 6 Sep 2022 · 1 min read प्रीत शुष्क लवों ,नीले कंठों से, कुछ कह लो गंगा हो जाओ, थोडा, मुझमें बह लो, नरम सिसकियां लेती रहती हो, दिन भर तुम.. जज्बातों में तेज़ कहूं तो, हंस कर... Hindi · कविता 19 5 440 Share अमरेश मिश्र 'सरल' 8 Aug 2021 · 1 min read मौन कब तक यूं ही मौन रहोगी मेरी जां कुछ बोलो अपने इस पगले के खातिर अपने मुंह को खोलो यू तो सब कुछ लुट जाएगा गम जो न बाहर आएगा... Hindi · कविता 14 4 459 Share अमरेश मिश्र 'सरल' 5 Aug 2021 · 1 min read अधूरा प्यार वक्त जाता रहा शामें ढलती रही रात आती गई ,लेके बातें नई तुम वहीं के वहीं थे, टिके रह गए हम अंधेरे के सागर में यूं बह गए तुमको चाहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 19 11 598 Share अमरेश मिश्र 'सरल' 4 Feb 2021 · 1 min read मोहब्बत के खत 'विरह' तुम्ही सर्वस्व थे मेरे यही बस बोल ना पाया तुम्हें मन के तराजू से कभी भी तोल ना पाया, तुम्हें अपना बनाना है यहां तक ठान बैठा था.. मुझे फिर,... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 69 193 1k Share अमरेश मिश्र 'सरल' 28 Dec 2020 · 1 min read हम-तुम सब कुछ खोकर, हंस कर ,रो कर तुम में सो कर, तेरे हो कर , मिली हर तरफ.... खाली ठोकर !! उलझ गया हूं , सुलझूंगा भी , बिखर गया... Hindi · कविता 28 23 635 Share अमरेश मिश्र 'सरल' 24 Dec 2020 · 1 min read कोरोना चीनी यही कोरोना लाया ,सबको बहुत सताया विश्व घबरा गया है , विश्व घबरा गया है धमकाए ये तो कभी, कभी बड़बड़ाये बड़ी तेज से भारत इन्हें समझाए ,शांति संदेशे... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 117 305 2k Share अमरेश मिश्र 'सरल' 12 Dec 2020 · 1 min read कोरोना कोरोना ने कर दिया, सबको घर मे कैद। आज लोग रहने लगे, पहले से मुस्तैद।। पूरी दुनिया हो गयी, कोरोना से बदलहाल। बड़े बड़े देशों की हालत, मिले ना रोटी... Hindi · दोहा 20 11 655 Share