अमरेश गौतम'अयुज' Language: Hindi 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अमरेश गौतम'अयुज' 11 May 2019 · 1 min read मुक्तक कोई पुरखों की मिल्कियत बचाना चाहता है। कोई कुनबे की इज्जत बचाना चाहता है। हे भगवान रक्षा करना मेरे वतन की अब- कौन देश की ताक़त बचाना चाहता है। Hindi · मुक्तक 1 1 503 Share अमरेश गौतम'अयुज' 9 May 2019 · 1 min read कविता कई दिनों से कविता उदास रहती है। व्यस्त जिन्दगी में भी आसपास रहती है। नहीं मिलता वक्त उससे मिलने का जरा भी- इसीलिए आजकल थोडा़ खटास रहती है।। Hindi · मुक्तक 1 296 Share अमरेश गौतम'अयुज' 15 Nov 2018 · 1 min read बुधिया काका घर के भीतर चल रहे समाचार और समाचार में जो बताया जा रहा था बुधिया काका साफ-साफ सुन भी रहे थे और समझ भी। खिन्न थे वो आज की निति... Hindi · कविता 1 2 311 Share अमरेश गौतम'अयुज' 14 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम हमको जहां में लायी हो माँ, बच्चों को कितना भायी हो माँ। जब भी कोई कष्ट है होता, सबकी जबां पर माँ है होता। दुनिया का कोई भी सुख... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 32 643 Share अमरेश गौतम'अयुज' 25 Jul 2018 · 1 min read राज़दार मेरे अरमानों को क्यों किया तार-तार, इनकी फरमाइश की थी तो बार-बार। जब भी देखा हुजूम तेरे फरिस्तों का, याद कर तुझको सजदे किये हजार बार। औरों की महफिल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 289 Share अमरेश गौतम'अयुज' 16 Jul 2018 · 1 min read ये कैसी बारिश आई है नभ के हर कोने पर,तेरी ही रानाई है, ये कैसी बारिश आई है। अधरों के तपते शोलों पर,शबनम की बूँद लुभाई है, सदियों से प्यासे तन-मन की, प्यास और भड़काई... Hindi · गीत 1 266 Share अमरेश गौतम'अयुज' 17 May 2018 · 1 min read नहीं बनूँगा मैं विद्रोही नहीं बनूँगा मै अवरोही नहीं बनूँगा। तुम उद्दंड भले हो जाओ, मैं निर्मोही नहीं बनूँगा। स्वप्न सदा देखा उन्नति का, सपनों को कभी नहीं मारा। पाव के छाले... Hindi · गीत 1 261 Share अमरेश गौतम'अयुज' 28 Jun 2017 · 1 min read समसामयिक बगावत छेंड़ दी, बाग की लताओं नें, माली कैद है, हमपर राज किसका है। कारजा़र सा माहौल है, अपनों का अपनों से, अपना सा ये काजि़ब, समाज किसका है। Hindi · मुक्तक 1 370 Share अमरेश गौतम'अयुज' 22 Apr 2017 · 1 min read बघेली मुक्तक और समसामयिक शायरी आंधर बनें बटइया,अपनेन क बांटत हं, सुधबन के मुंहु, कुकुरबे चाटत हं। एंह दउर मं केहू क का कही बताब, अपनन के हाथ, अपनेन काटत हं। छोड़ दो कोशिशें किसी... Hindi · मुक्तक 1 1k Share अमरेश गौतम'अयुज' 22 Apr 2017 · 1 min read समसामयिक छोड़ दो कोशिशें किसी को जगाने की, अब कहां फिक्र है किसी को ज़माने की। Hindi · कविता 1 306 Share अमरेश गौतम'अयुज' 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ कच्चे बाँस की तरह, पनपती आधार हैं। बेटियाँ ही अनवरत, प्रकृति की सृजनहार हैं। किसी भी संदेह में ना, उन्हें मारा जाय। उनको भी स्नेह की, छाँव में दुलारा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 524 Share अमरेश गौतम'अयुज' 22 Dec 2016 · 1 min read नोटबंदी-एक सिलसिला कैसा विरोधाभास है ये, खाने के लाले भी हैं, और तरक्की की बात भी। Hindi · शेर 1 505 Share अमरेश गौतम'अयुज' 14 Dec 2016 · 1 min read नोटबंदी-एक सिलसिला जमा पूरी रकम को, कालाधन न कहो साहब, गरीबों के एक-एक रुपये का,उसी में हिसाब है। कालाधन तो अब,आप जैसों से निकले हैं, जो कि हर हाल में, देशहित में... Hindi · कविता 1 467 Share अमरेश गौतम'अयुज' 14 Dec 2016 · 1 min read मेरा सिद्धांत आदर्श मेरा वो नहीं, जो शीर्ष पर आसीन हो, और अपने कर्म से, निष्कृय हो, उदासीन हो। आदर्श मेरा निम्न स्तर का बशर होगा अगर, कर्तव्य निष्ठा हो जिसे, निज... Hindi · मुक्तक 1 491 Share अमरेश गौतम'अयुज' 13 Dec 2016 · 1 min read नोटबंदी-एक सिलसिला गड्डी महलों की निकली या न निकली, अपने बटुए से नोट पुराने चले गए। सुबह शाम हम खड़े कतारों में हर दिन, बैंकों से महलों में पैसे चले गए। Hindi · मुक्तक 1 451 Share अमरेश गौतम'अयुज' 12 Dec 2016 · 1 min read कोई तो है सोई हुई रातों में, धड़कनें बढ़ाती है, कोई तो है जो दिल को लुभाती है। उस बात की आज भी, देखिए खुमारी है, मुस्कुराकर जब कहा था,जान भी तुम्हारी है।... Hindi · कविता 1 1 356 Share अमरेश गौतम'अयुज' 3 Dec 2016 · 1 min read नोटबंदी - बघेली कविता रहा फैसला निकहा दादू, होइ गइ चूक समीक्षा मा। बिन तइयारी बइठी गये हों कउनउ ऊंचि परीक्षा मां। जेका कह समर्थन दादू, ऊत एनकर भाग रहा। अबहूं लाईन है राज... Hindi · कविता 1 888 Share अमरेश गौतम'अयुज' 2 Dec 2016 · 1 min read शहादत पर एक पल के लिए बनाने वाला भी रोया होगा, किसी का अरमान जब यूँ मौत की नींद सोया होगा। हाँथों की मेहँदी छूटी भी नहीं कि चूड़ियाँ तोड़नी पड़ी, कौन... Hindi · कविता 1 326 Share अमरेश गौतम'अयुज' 2 Dec 2016 · 1 min read समसामयिक आसार नहीं अच्छे दिन के, ये केसर क्यारी के दंगल। नहीं भा रहे सेव बंगीचे, बना कुछ दिनों से जंगल। विदेश नीतियां ठीक हैं लेकिन, राष्ट्रनीति भी जरुरी है। रक्षक... Hindi · कविता 1 263 Share अमरेश गौतम'अयुज' 17 Jul 2016 · 1 min read योजना है सुनो एक योजना है। जब तलक पूरी न होगी, इस जहाँ में जिद हमारी। जुबाँ पर फरियाद होगी, अवज्ञाएँ फिर हमारी। जब तलक ना वक्त... Hindi · गीत 1 2 521 Share अमरेश गौतम'अयुज' 15 Jul 2016 · 1 min read तो याद करना कोई दर्द, कोई चुभन जब हद से गुजर जाए,तो याद करना, जिन्दगी में कभी जरूरत पड़ जाए,तो याद करना। बिछड़ते वक्त के ये आखिरी, अल्फाज थे उनके, जो अब तक... Hindi · गीत 1 4 670 Share अमरेश गौतम'अयुज' 10 Jul 2016 · 1 min read अभी-अभी तो होश में आया हूँ मैं न देखिये यूं तिरछी निगाहों से मुझे, अभी-अभी तो होश में आया हूँ मैं। मदहोश था अब तक उनकी आराईश में यूं, लगता था खुद से ही पराया हूँ मैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 299 Share अमरेश गौतम'अयुज' 9 Jul 2016 · 1 min read खुश्बू जानी-पहचानी थी मुद्दतों बाद वो दिखे मुझे, पर अपनों की निगरानी थी, खुश्बू जानी-पहचानी थी। एक दिवस मैं गया था, लेने कुछ सामान, कोई बगल से गुजरा, जिसकी खुश्बू थी आसान। आगोश... Hindi · गीत 1 2 277 Share