Alok Saxena Tag: कविता 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Alok Saxena 18 Oct 2022 · 1 min read राज दिल में रख कर क्या होगा ज़ज़्बात जुबां पर आने दो , दिल में उल्फ़त के शोलों को नग्मों में जरा ढल जाने दो , शोर मचाती शोख़ हवा को... Hindi · कविता 1 248 Share Alok Saxena 5 Jun 2022 · 1 min read ख़ुशी उसकी ख़ुशी मेरे लिए जैसे आसमानी दुआ कोई मेरा दर्द पी गया कोई रात सिमटी मन के कोने में मेरे अंतर को छू गया कोई उसकी ख़ुशी मेरे लिए बेहिसाब... Hindi · कविता 3 2 390 Share Alok Saxena 22 May 2022 · 1 min read दुआ रात ढली और सुबह जगी भर गयी रौशनी कण कण में , खुश्बू से लजाते फूलों सा सुख हो सबके जीवन में , सूरज की जलती काया से उजाले में... Hindi · कविता 2 208 Share Alok Saxena 16 May 2022 · 1 min read कारस्तानी लम्हों ने दर्द दिया यहाँ कतरों ने उसे संजोया है I टूटे ख्वाबों के टुकड़ों को दिल के ऊसर में बोया है I ये बिखरी हुई मेरी हस्ती वक़्त की... Hindi · कविता 1 483 Share Alok Saxena 8 May 2022 · 1 min read उम्मीदों के परिन्दे उम्मीदों के परिन्दे जब परवाज़ करते है ख्वाबों के ऊँचे आसमां में , उनके पसीने की बूंदें दरार बना देती सख्त से सख्त चट्टान में , बेबसी सहेज के बेचते... Hindi · कविता 448 Share Alok Saxena 3 May 2022 · 1 min read कहानियां कंटीली राहों से गुजरकर ज़ज़्बातों में कुछ कहानियां लिखी गयी किताबों में , उलझ गयी ज़ुल्फ़ों में वफ़ा की इस कद्र कुछ कहानियां रह गयी बस यादों में , गुरुर... Hindi · कविता 2 4 687 Share Alok Saxena 3 May 2022 · 1 min read श्रृंगार सृष्टि का करता सृजन स्वयं सौंदर्य का आधार है , विध्वंस और निर्माण जिसकी दृष्टि का चमत्कार है , अवतरित हुआ धरा पर नित्य करने नव अनुभूति , स्वयं करता... Hindi · कविता 2 1k Share Alok Saxena 19 Apr 2022 · 1 min read उस दिन मद से लहराते क़दमों को अनजान सी किसी डगर पर मोड़ा था तुमने जिस दिन सागर की गहराई को दर्द की उठती लहरों से तौला था हमने उस दिन Hindi · कविता 2 781 Share Alok Saxena 18 Apr 2022 · 1 min read तेरा मेरा नाता तेरा मेरा नाता जैसे , गुल का गुलशन से आत्मा का मन से भक्त का भजन से सांसों का जीवन से तेरा मेरा नाता जैसे, अश्क़ों का निग़ाह से काँटों... Hindi · कविता 1 416 Share Alok Saxena 18 Apr 2022 · 1 min read फूल चहक उठा नन्हा सा परिंदा मन का , बिख़ेर ख़ुश्बू जब फ़िज़ा में मुस्कराया फूल एक अर्से से दबी चिंगारी फिर भड़की , पुरानी किताब में जो सूखा नज़र आया... Hindi · कविता 3 446 Share Alok Saxena 17 Apr 2022 · 1 min read तन्हाई किसका रस्ता देख रहे हो यादों की परछाई में कौन आएगा शमा जलाने रात की इस तन्हाई में इंतज़ार क्यों करते हो तुम सुबह की आँखें खुलने का मौसम पर... Hindi · कविता 2 4 425 Share Alok Saxena 15 Apr 2022 · 1 min read तुम हो व्यूह ध्वस्त कर तिमिर रात्रि का अरुणोदय का वंदन तुम हो l झंकृत कर जीवन वीणा के तारों का स्पंदन तुम हो ll कविता में तुम , छंद में हो... Hindi · कविता 2 400 Share Alok Saxena 8 Apr 2022 · 1 min read खिड़की ग़मों से तपती हुई धूप में जलता हुआ , अश्क़ों के जाम में दर्द उफनता हुआ , निग़ाह से आसमां की बूंदें सी ढलक चली , तुझे पाने की चाहत... Hindi · कविता 136 Share Alok Saxena 5 Apr 2022 · 1 min read दर्द कोई भी दर्द इतना बड़ा नहीं की जो कश्मीरी हिन्दुओं के जज़्बात कह सके , रूह कांप उठी शर्मसार इंसानियत की ख़ुदा करें हैवानों को अब तो सजा मिले Hindi · कविता 263 Share Alok Saxena 27 Mar 2022 · 1 min read मौसम गुलशन में इश्क़ के अक्सर हर रंग के ग़ुल मुस्काते है, ग़म और ख़ुशी के कितने मौसम आते जाते है l ज़ुल्फ़ों की घटा मचली बरसात का पैग़ाम ले ,... Hindi · कविता 143 Share Alok Saxena 26 Mar 2022 · 1 min read लम्हे नागिन सा लहराते है नदिया के लरजते धारे , सड़कों पे टहलते फिरते बेफ़िक्री से यार सारे , पानी की रिमझिमी बूंदें बहती कागज़ की कश्ती , फिर शाम सिंदूरी... Hindi · कविता 199 Share Alok Saxena 8 Mar 2022 · 1 min read जीवन में एक दिन मधुवन में खिलती कलियों सी , दंत कथाओं की परियों सी , नीरसता से पूर्ण हृदय में आना बन मधुमास निमंत्रण , तुम मेरे इस एकाकी से जीवन में एक... Hindi · कविता 200 Share Alok Saxena 18 Feb 2022 · 2 min read कोरोना का अंधड़ शहर की वीरान गलियां सूने रास्ते यहाँ के , रात का ख़ामोश काजल किसने लगाया सुबह के, दर्द ने फिर साज़ छेड़ा ख़ौफ़ से सहमी निगाहें , गूंज उठी इस... Hindi · कविता 206 Share