Dr. ALKA GOYAL 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. ALKA GOYAL 12 Nov 2018 · 1 min read माँ तुझे खो कर ही जाना तेरी छत्र-छाया में ज़िन्दगी कितनी महफूज़ थी न परवाह थी ज़माने की ज़िन्दगी ग़मों से मीलों दूर थी कोई नहीं है जिसे मैं, दिल का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 39 1k Share Dr. ALKA GOYAL 12 Nov 2018 · 1 min read माँ तुझे खो कर ही जाना तेरी छत्र-छाया में ज़िन्दगी कितनी महफूज़ थी न परवाह थी ज़माने की ज़िन्दगी ग़मों से मीलों दूर थी कोई नहीं है जिसे मैं, दिल का... Hindi · कविता 3 3 661 Share