Aish Sirmour Tag: मेरी नज़्म 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Aish Sirmour 30 Jul 2023 · 1 min read यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें चलते मुसाफ़िर में काश रहती मिन्नतें डोर बंधी इन सांसों की रागों से, फ़कत रूबरू हुए रूह की धागों से। जिस्म की खुबियां... Hindi · Brokenangel_quotes · My Lines My Thoughts · Quote Writer · ज़ख्म शायरी · मेरी नज़्म 1 337 Share