Language: Hindi
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अपने उरूज-ओ-ज़वाल को देख,
Kalamkash
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
Kalamkash
पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है,
Kalamkash
फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा,
Kalamkash
एसी कहाँ किस्मत कि नसीबों में शिफा हो,
Kalamkash
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से,
Kalamkash
तज़्किरे
Kalamkash
ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही,
Kalamkash
जब व्यक्ति वर्तमान से अगले युग में सोचना और पिछले युग में जी
Kalamkash