Kalamkash Tag: ग़ज़ल/गीतिका 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kalamkash 9 Aug 2025 · 1 min read जानता हूँ मैं बड़ी खलती तुम्हें ख़ल्वत मगर, है नहीं कोई दरीचा, और दर, घर में मिरे। जानता हूँ मैं बड़ी खलती तुम्हें ख़ल्वत मगर, है नहीं कोई दरीचा, और दर, घर में मिरे। Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · शेर 109 Share Kalamkash 13 May 2025 · 1 min read चाहत है उन्हें और उड़े दास्ताँ अपनी, चाहत है उन्हें और उड़े दास्ताँ अपनी, कहते हैं मगर नाम वो गुमनाम लिखूँ मैं। Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · शेर 100 Share Kalamkash 16 Apr 2025 · 1 min read क़ुर्बान करूँ इश्क़ कभी इश्क़ की ख़ातिर, क़ुर्बान करूँ इश्क़ कभी इश्क़ की ख़ातिर, हसरत है लुटा दूँ मैं सभी इश्क़ की ख़ातिर। Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · लेख · शेर 138 Share Kalamkash 11 Apr 2025 · 1 min read अपूर्ण प्रश्न और तो नहीं मुझे परन्तु चाह एक, जो सुनो, कहूँ विषाद, दुःख, कामना सभी। जो सुनो कहूँ अमोल अश्रुओं का घोर नाद, प्रेम में बही यहाँ अथाह प्रीत की... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · मुक्तक · लेख 110 Share Kalamkash 9 Apr 2025 · 1 min read जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब। जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब। जाना फिर भी ना कभी, मन का सरल सुभाव।। Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · मुक्तक · लेख 123 Share Kalamkash 2 Apr 2025 · 1 min read मन कि आँखें जो देखें, देख सके ना कोय। मन कि आँखें जो देखें, देख सके ना कोय। जो चाहो तुम देखना, देखो प्रीत सँजोय।। Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · मुक्तक · लेख 119 Share Kalamkash 26 Mar 2025 · 1 min read इन आँखों में रौशन रौशन कोई ख्वाब झलकता है, इन आँखों में रौशन रौशन कोई ख्वाब झलकता है, इन बातों में देखो जैसे कोई राज़ खटकता है लहजे में एक जुस्तुजू, सीने में बेचैनी सी है, मेरा ग़म तो... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 175 Share Kalamkash 24 Mar 2025 · 1 min read वो हक़ीक़त थी, जिसे ठुकरा गया तू, वो हक़ीक़त थी, जिसे ठुकरा गया तू, ये तकल्लुफ़ है जिसे तू जानता है, खो चुका जाने कहाँ वो लड़का पागल, क्या अभी भी तू उसे पहचानता है? Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · लेख · शेर 123 Share Kalamkash 24 Sep 2024 · 1 min read मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं, कहता हूँ इस जहाँ से मुझे दर्द चाहिए Hindi · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा · लेख · शेर 238 Share Kalamkash 21 Jul 2024 · 1 min read फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा, फिर एक आम सी बात पर होगा झगड़ा, सो, सारे तअल्लुक भुला दीजे जानाँ Hindi · Hindi Urdu · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · लेख · शेर 1 227 Share Kalamkash 27 Jun 2024 · 1 min read तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ, तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ, बहतर है की हाल को बेहाल छोड़ा जाए, जो गर उसूल-परस्ती बढ़ जाए सब हदों से, बहतर होगा की सब उसूलों को... Hindi · Shayar · Urdu Poetry · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 306 Share