Pradipkumar Sackheray 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pradipkumar Sackheray 25 Mar 2017 · 1 min read "तु..." तु मेरी मोशिकी, तु ही मेरी धुन दिल कोयल कुँहके तु भी सुन मैं तुझे चाहुँ, गाऊँ, गुनगुनाऊँ ऐसा समां तो कभी ना हुआँ दिवाने दिल को लगी दुवाँ नैनों... Hindi · गीत 487 Share Pradipkumar Sackheray 19 Mar 2017 · 1 min read . . . मेरी इक गज़ल ऐ मेरी ज़ानु , मैं क्यां ज़ानु ? तु युं हसती क्यूं हैं ? गैर झुठी मुस्कुराहट पे युं फ़सती क्यूं हैं ? हमने तो फ़ुलों की रंगीन सेज़ सज़ायी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 438 Share Pradipkumar Sackheray 18 Mar 2017 · 1 min read . . . और मेरी इक गज़ल उस बेख़बर को अब ये ख़बर नहीं हैं । इस बेसबर को ज़िने में सबर नहीं हैं । झुठ के कितने ही परदे गिराये हमने , परदें बोले , तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share Pradipkumar Sackheray 17 Mar 2017 · 1 min read . . . और भी इक मेरी गज़ल झुठी - फ़रेबी तारिफ़ों से ख़ुश वो होने लगी । अंज़ाने , मुझसे शेरे - गज़ल वो पिरोने लगी । वफ़ा की सारी की सारी फ़सलें काटी उसने , फ़िर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 631 Share Pradipkumar Sackheray 14 Mar 2017 · 1 min read ". . . हाल गये ।" ( यह हास्य गज़ल हैं , इसमें इक तोतला प्रेमी अपने प्रेमिका से दिल का दर्द बयां कर रहा हैं ! . . . ) तेले प्याल में ज़ानू इसकदल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 522 Share Pradipkumar Sackheray 11 Mar 2017 · 1 min read ...और मेरी इक गज़ल... उस बेख़बर को अब ये ख़बर नहीं हैं । इस बेसबर को ज़िने में सबर नहीं हैं । झुठ के कितने ही परदे गिराये हमने , परदें बोले , तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 446 Share Pradipkumar Sackheray 10 Mar 2017 · 1 min read ...मेरी इक गज़ल... ऐ मेरी ज़ानु , मैं क्यां ज़ानु ? तु युं हसती क्यूं हैं ? गैर झुठी मुस्कुराहट पे युं फ़सती क्यूं हैं ? हमने तो फ़ुलों की रंगीन सेज़ सज़ायी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 446 Share Pradipkumar Sackheray 29 Jan 2017 · 1 min read "बिटियाँ . . ." रब का अनमोल वरदान बिटियाँ हैं | ज़ैसे की, तुफ़ान से टकराता दिया हैं | रिश्तों के ध़ागें तो अक़्सर बिख़र ज़ाते, मगर, दो परिवारों को ज़िसने सिया हैं |... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share