Akhilesh verma Tag: कविता 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Akhilesh verma 16 Dec 2020 · 1 min read कोरोना - वक्त वो भी था गले दौड़ के लग जाते थे कोरोना के मद्देनज़र मेरी पेशकश दौरे तन्हाई में जीना बड़ा ही मुश्किल है और अंजान हूँ मैं कौन मेरा क़ातिल है । वक्त वो भी था गले दौड़ के लग... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 23 365 Share Akhilesh verma 1 Nov 2018 · 1 min read ज़िंदगी है माँ माँ है पिता चाँद ..चाँदनी है माँ गर है विश्वास बस वही है माँ। नास्तिक मैं कहीं न हो जाऊँ इक मेरी आस . वंदगी है माँ। उसके अहसान... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 23 673 Share