Akhilesh verma 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Akhilesh verma 26 Aug 2022 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल वज़्न - 22 22 22 22 22 2 तुमने हमको पास बुलाया ग़फ़लत में अपने दिल का राज़ सुनाया ग़फ़लत में । होश तुम्हें होता तो झूठा कह देते... Hindi · ग़ज़ल 1 179 Share Akhilesh verma 24 Aug 2022 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल वज़्न - 212 212 212 212 जिस्म मिट्टी हुआ रूह जाती रही फिर न दीपक रहा औ'र न बाती रही । उसको हर हाल में ग़म छिपाना ही था... Hindi · ग़ज़ल 2 1 291 Share Akhilesh verma 23 Aug 2022 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल.... आवाज़ भी नहीं अब देती सुनाई शायद जनता की कर रहे हैं वो रहनुमाई शायद । बुझते ही लौ के दीपक अपना वज़ूद खोया यूँ दोस्ती दिये ने लौ... Hindi · ग़ज़ल 208 Share Akhilesh verma 22 Aug 2022 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 122 ग़ज़ल मैं जब तेरे मुक़ाबिल देखता हूँ यक़ीनन ख़ुद को बातिल* देखता हूँ । जो मज़हब के मसाइल देखता हूँ पढ़े लिक्खे भी जाहिल देखता हूँ ।... Hindi · ग़ज़ल 1 334 Share Akhilesh verma 16 Dec 2020 · 1 min read कोरोना - वक्त वो भी था गले दौड़ के लग जाते थे कोरोना के मद्देनज़र मेरी पेशकश दौरे तन्हाई में जीना बड़ा ही मुश्किल है और अंजान हूँ मैं कौन मेरा क़ातिल है । वक्त वो भी था गले दौड़ के लग... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 23 409 Share Akhilesh verma 10 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल - बुरा लगता है ग़ज़ल जब भी तुम रूठ के जाते हो बुरा लगता है आ के फिर रौब जमाते हो , बुरा लगता है । बात करते हो रकीबों से ग़िला कुछ भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 276 Share Akhilesh verma 10 Sep 2019 · 1 min read ग़ज़ल - बुरा लगता है ग़ज़ल जब भी तुम रूठ के जाते हो बुरा लगता है आ के फिर रौब जमाते हो , बुरा लगता है । बात करते हो रकीबों से ग़िला कुछ भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 299 Share Akhilesh verma 1 Nov 2018 · 1 min read ज़िंदगी है माँ माँ है पिता चाँद ..चाँदनी है माँ गर है विश्वास बस वही है माँ। नास्तिक मैं कहीं न हो जाऊँ इक मेरी आस . वंदगी है माँ। उसके अहसान... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 23 743 Share