अखिलेश 'अखिल' Tag: मुक्तक 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read ज़िगर में जो रही,,, वो इस तरह अब तो रुख़सत हो गयी, मैं टूटा और उसकी ख़िदमत हो गयी, ज़िगर में जो रही क़त्ल उसी ने किया, यह सुनकर मुझे तो दहशत हो गयी,... Hindi · मुक्तक 1 2 241 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Jun 2020 · 1 min read सफ़ाई सफ़ाई देता है जो सफ़ाई देता है, मुझे तो सब कुछ दिखाई देता है, तूँ चाहता है मैं न सुनू कुछ भी, मग़र मुझे तो ऊंचा सुनाई देता है, तूँ... Hindi · मुक्तक 3 413 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Jun 2020 · 1 min read मिट्टी है अनमोल! जगह किसी की नहीं जो चाहे जहां बैठ गया, अब इसमें क्या लेना वो शख्स वहां बैठ गया, अमीरे शहर का निज़ाम तो कुछ ऐसा हुआ, बैठना था नहीं जिसे... Hindi · मुक्तक 2 316 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read जिंदगीनामा फ़ैसला करिये अब कोई तत्काल नहीं, मेरा क़त्ल हुआ है कोई इंतक़ाल नहीं, दुनिया भरम में है वो आदिल रहा मेरा, बात मुक़म्मल हो ऐसे तो अल्फ़ाज़ नहीं। कामिले दुनिया... Hindi · मुक्तक 2 4 253 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read जिंदगी के मरहले, जिंदगी तेरी चौखट पर जूझ रहा हूँ, ग़म इतने की ग़म से ही पूछ रहा हूँ, इतना नहीं मयस्सर इफ़रात कर सकूं, टूटा हूँ और टूट के महफ़ूज रहा हूँ।... Hindi · मुक्तक 4 4 398 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक क़िरदार हुआ हल्का जो सनासाई में, अज़ाब है इतना दुश्वारी है बिनाई में, दुनिया तेरे क़दमों में और गिरूं कितना, उबर नहीं पाता हूँ दर्द-ए-तन्हाई में, सनासाई-परिचय अज़ाब-समस्या,कष्ट बिनाई-चुनना Hindi · मुक्तक 3 2 234 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक जो मुझे भूल जाना नहीं चाहता, मैं भी उसको भुलाना नहीं चाहता, खुद ही आये अकल वही ठीक है, बेअकल के मैं गाना नहीं चाहता, चांद सूरज जमीं पे तो... Hindi · मुक्तक 2 2 314 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक निशानी लेकर फिर निशाना बनता है, गरीब को हटा के आशियाना बनता है, तूँ ख़ैर क्या मांगता है बेखैरख्वाहों से, जो अनजान बना के अनजाना बनता है, परिन्दें चाहते हैं... Hindi · मुक्तक 4 4 300 Share Previous Page 2