Akanksha Patle 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Akanksha Patle 29 Sep 2017 · 1 min read प्रेम दानव थोड़ा कुछ अनकहा सुन लो आज , गर प्रेम-दानव को भीतर के जगा ही चुके हो तुम। के होंठ तेरे,सिमट लू मेरो में,प्यास थोड़ी कुछ ज्यादा सी लगती है आज... Hindi · गीत 2 1 393 Share Akanksha Patle 16 Jun 2017 · 1 min read मंशा तुझे नर्म नहीं ,सख्त चाहती हु। चुभन जिसकी कभी भुला न सकु । तुझे आराम नही व्यस्त चाहती हु, जो वक़्त मिले कीमती उसी में खुद को तेरे साथ चाहती... Hindi · कविता 1 530 Share Akanksha Patle 29 Sep 2017 · 1 min read कुछ यूं करती हूँ लिख लिख,मिटाया करती हूं, जोड़ तोड़ रोज एक पैगाम लिखा करती हूं।। कुछ तेरे कुछ मेरे ,लफ्ज़ चोर, मन मन एक गीत गुनगुनाया करती हूँ।। बीती गुजरी संग ठीठोली, चुप... Hindi · गीत 1 495 Share