AMRESH KUMAR VERMA 180 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid AMRESH KUMAR VERMA 16 Jun 2022 · 2 min read मजदूर की जिंदगी दिनभर जो करे श्रम जो अपने ईश्वरीय देन इन भुजाओं से कई के बनाए है महल, बिल्डिंग पर खुद वही झोपड़पट्टी में रहकर बताते हर लम्हें को मजदूरों की जिंदगी... Hindi · कविता 1 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read अकेलापन जब होती है हमे अकेलापन मत लगता नहीं इधर - उधर चित्त में छाई रहती है हताशी विचलित मन लगता खोया सा । किसी को आने से राँध हमारे हम... Hindi · कविता 1 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read मंजिल की उड़ान मंजिल को प्राप्त करने में हजारों उद्विग्नता आएगी जो मात दिया विपत्ति को उसी को मिलती अभ्युदय मंजिल की इस उड़ान में । मंजिल को पाने की चाह ही आपको... Hindi · कविता 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read लोभ का जमाना आज लोभ का जमाना पदार्पण कर चुका कब ! कांक्षा के कारण ही हमें करता कोई हमें अवलंब । आज के इस जहान में तृषा की संख्या बढ़ गई अपनी... Hindi · कविता 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Jul 2022 · 1 min read दौलत देती सोहरत प्रतिष्ठा देती यह धन-दौलत आज के अतुलनीय दौड़ में जिसके पार्श्व होते ये विपुल धन - दौलत भव्य, मुल्क में उसका गरोह में अलहदा ही रुतबा, ओहदा रहता है यहां... Hindi · कविता 2 1 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Mar 2022 · 1 min read गुरुवर गुरुवर ही इस सृष्टि, भव में होते हमारे कल्याण करता वो सदा चाहते नेकी हमारा उनका मानस होता निर्मल । जनक जननी तो हमारे महज सिखाते वचन निर्गत करना !... Hindi · कविता 2 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read शांत वातावरण जब रहता शांत वातावरण मन रहता अहरणीय सदा किसी भी विद्याम्यासों को कम पढ़े फिर रहता याद शांत वातावरण ही हमको सिखाता शांत रहना हमें । हमे किसी बात का... Hindi · कविता 967 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read तुलसी घर घर की हर आंगन में होनी चाहिए ये तुलसी जो हमे नित - प्रतिदिन देती सदा ऑक्सीजन । ऑक्सीजन से ही हम सब रहते बिल्कुल औचित्यपूर्ण उस जीवनदायिनी पौधे... Hindi · कविता 2 1 863 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read घड़ी ये घड़ी हर हमेशा हमको देती रहती समय का ज्ञान ये टिक टिक करती रहती दिन हो या रात, हर पल। आज -काल के लोग सब करते घड़ी देखकर काम... Hindi · कविता 1 947 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Mar 2022 · 1 min read महिला काव्य महिला ही इस खलक की सदा से ही है जगत जननी कामिनी के बिन यह संसार ना बढ़ सकता अग्र कभी । महिलाओं को पूर्ण रूप से सरकारें भी करती... Hindi · कविता 3 846 Share AMRESH KUMAR VERMA 26 Jun 2022 · 1 min read जाति- पाति, भेद- भाव जाति- पाति का भेद- भाव इस अनूठे से भव, जहां में कब से चलता आ रहा ? इसका कोई न ठौर ठिकाना यह भी न था पता खलक में कब... Hindi · कविता 2 2 1k Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read आदतें अच्छी-बुरी आदत होती हम सबों के अभ्यंतर में उत्तम प्रवृत्ति अपना कर, अधम लत को करे त्याग। अच्छी व्यसन ही हमें ले जाती है बुलंदी पर निकृष्ट लत हमसबों को... Hindi · कविता 935 Share AMRESH KUMAR VERMA 12 Mar 2022 · 1 min read पैसों की भूख पैसों की बुभुक्षा लगी सबकों इन्हीं के लिए आज खलक में होती लूट - पाट, मार - काट पैसों का भूखा संप्रति मानुज । उभय ही सब कुछ जग में... Hindi · कविता 2 847 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read बचपन की यादें बचपन में दस्तावेज के पोत बनाकर उड़ाना उड़ाकर सानंद होना वो बचपन की यादें... बहुत याद आती है । बचपन में चौमासा होने पर नैया बनाकर वाः में डालना और... Hindi · कविता 1 1 808 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read जिंदगी ये जिंदगी कुछ दिन बचपना के कुछ दिन जवानी में फिर बुढ़ापे में यूंही कट जाती हैं राहें ज़िन्दगी के छोटी किन्तु एक कशिश मिठास - सी । अनमोल भी,... Hindi · कविता 852 Share AMRESH KUMAR VERMA 1 Feb 2022 · 1 min read सैनिक ठंडी, गर्मी हो या बरसात रहते सीमा पर तैनात खुद अपनी नींदों को त्याग देते हमें चैन की नींद वही हमारे वीर सैनिक । जब- जब देश पर संकट छाते... Hindi · कविता 3 1 760 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read मातृभाषा हिंदी मातृभाषा हमारी है हिंदी सदा करे इनका सम्मान इक्कीस फरवरी को हम मनाते मातृभाषा दिवस। भले दूसरे भाषा में हम सब कितना भी हो जाए निपुण अपनी मातृभाषा हिंदी को... Hindi · कविता 1 825 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read बारिश आकाश में छाए वारिधर चल रही हैं प्रताप बयारे क्षणप्रभा कड़क रही ... क्षितिज भी देखो गुर्रा रहें वृष्टि की बूंदे छोटी- छोटी गिरने लगी धराधर त्वरित पाँख को नर्तकप्रिय... Hindi · कविता 816 Share AMRESH KUMAR VERMA 21 Jun 2022 · 1 min read अति का अंत किसी भी नर, मनुजों के पार्श्व होता हद से अतिशय विभूति वही जर उसको करती बेसुध अति का अंत तय है भव में। किसी भी चीज का संसृति में मनुष्यों... Hindi · कविता 2 864 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read मां शारदा विद्या की दाता, स्वरों की ज्ञाता जिन्हें हम जाने अनेकों नाम से वीणावादिनी, हंसवाहिनी, भारती सरस्वती, धनेश्वरी और मां शारदा । जो मनुष्य समाज को महानतम संपत्ति विद्याज्ञान करती हैं... Hindi · कविता 3 800 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read पुस्तक पुस्तक पढ़ने से हमसबों को बढ़ता अधिक प्रबल विवेक सच्चा साथी, सच्चा सहारा बस अपना पुस्तक महाज्ञान । पुस्तक ने ही कैसो कैसो की सुधारी कईयों की जिदंगियाँ पुस्तके ही... Hindi · कविता 3 1 751 Share AMRESH KUMAR VERMA 24 May 2022 · 1 min read वसंत वसंत का जब होता आमद हमारे आसपास के द्रुम पर नए-नए हरे-भरे पल्लव का हो जाता आगमन- पदार्पण । मृदुल वसंत के आय-पैठ से जीव -जंतु सभी प्राणियों के साथ-... Hindi · कविता 1 709 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read कलम कलम हम विद्यार्थियों की होती कृपादृष्टि , उत्कंठा इन्हीं से करते लिखा-पढ़ी इनका दत्तांश बड़ा अलभ्य। यही हमे सबकुछ मँजवाती इस भगदड़ की जिंदगानी में हयात जीने से लेकर के... Hindi · कविता 706 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read जीवनदाता वृक्ष आओ मिलकर लगाए वृक्ष संपूर्ण धरती बनाए हरित द्रुम स्वयं लेती विषैली गैस हमें देती प्राणदायिनी गैस तरु स्वजन तपती स्वेद में हमें देती छाया, शीतल, फल राही विटप की... Hindi · कविता 1 2 681 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read जग आये हो तो इस भव में कुछ करके ही जाओ यूं ही लाखों नर जग में आते तो जाते - रहते । कुछ खास न करने से कौन करेगा सँवर... Hindi · कविता 1 658 Share AMRESH KUMAR VERMA 13 Mar 2022 · 1 min read तिरंगा मेरी जान तीन वर्णों को मिलने से बना है यह केतु, ध्वजा केसरिया, सफेद व हरा यही ध्वज की अलामत । भारत की गौरव तिरंगा यही भारत की प्रतिष्ठा इसकी भव्यता को... Hindi · कविता 648 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read धन-दौलत आज मनुष्य भूखा, अशना इस स्वर्ण, धन दौलतो का इन्हीं कंचन के लिए ही नर आपस में करता मार-काट। आज मनुष्यों की पहचान होती ना निज पहचानो से धन दौलत... Hindi · कविता 698 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read जीतने की उम्मीद सफलता की गतिपथ पर मुसीबतें तो हजार आएगी लड़ा जो इन फ़ज़ीहतों से वही पाता अपनी मंजिल । संघर्ष में मानुज होता पृथक जय में दुनिया होती है साथ जिस... Hindi · कविता 2 661 Share AMRESH KUMAR VERMA 2 Jun 2022 · 1 min read विधाता स्वरूप पिता जिन्होंने मेरे उद्भव के पश्चात अग्रु पकड़ पधारना सिखाया क्षुद्रता में बिस्किट, चॉकलेट मांगने पर कर देते अर्पण हमें वही हमारे ईश्वर स्वरूप पिता । जिन्होंने प्रसव में दुराल के... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 8 713 Share AMRESH KUMAR VERMA 26 Sep 2022 · 1 min read बेटियों की जिंदगी बेटियों की जिंदगी आसान नहीं होती बेटों से बेटियां कभी कम नहीं होती फिर भी इन्हें कम समझा जाता है क्यों कहने को तो बेटियां बराबर है आज बेटों के... Hindi · कविता 7 4 910 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read नई जिंदगानी भाग दौड़ की इस हयात में कभी न अख्तियार करे हम जीने के लिए त्रुटिपूर्ण प्रचर अक्सर आसान पंथ ही हमें करती नष्ट हयात स्वजन की । दो लम्हें की... Hindi · कविता 2 614 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Jun 2022 · 1 min read दर्द का अंत जब कोई अपना हमें कस्दन पहुंचाता ठेस आखिर उसकी दी हुई दुःख, दर्द या उत्पीड़न एक तरह से वो संताप, दुख देकर भी देता शाद। किसी के वसिले से हमें... Hindi · कविता 2 624 Share AMRESH KUMAR VERMA 26 Jun 2022 · 1 min read कठपुतली न बनना हमें आज कल के इस दौड़ मे सब रुझान करता खिदमत कैंकर्य ही देश में सर्वोपरि सब चाहता यही खलक में दूसरे के पाणि की कठपुतली दूजे के अवर में वृत्ति... Hindi · कविता 2 749 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read नारियां नारियों की इतिहास देख जिसे पढ़ने का ना था स्वत्व पढ़ने लिखने वाले मानवी को उसके साथ ससुर देते थे ताने । आज नारियों हम मनुजों से उत्कष जाती आगे... Hindi · कविता 1 618 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read पढ़ाई - लिखाई पढ़ाई - लिखाई की अपेक्षित पड़ती है हर एक मनुष्य को पढ़ाई- लिखाई हम सबों को पहुंचाते गम्य, गंतव्य पर हमे । पढ़ाई- लिखाई की दौड़ में आज जो अनपढ़... Hindi · कविता 569 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read भारतवर्ष भारतवर्ष की अनमोल कहानी जहां के सम्राट कई हृदयेश्वर पृथ्वीराज, अशोक, महाराणा वही अपना प्यारा भारतवर्ष। भारतवर्ष ही ऐसा देश हमारा जहां अनेकों जातियों धर्मों के व्यक्ति रहते सुखचैन, सुकून... Hindi · कविता 1 574 Share AMRESH KUMAR VERMA 5 Feb 2022 · 1 min read समय समय होता बलवान इनसे बड़ा न कोय खलक में आदर मिले जो करे इनका सत्कार्य । जब समय रहती है तो समझदारी नहीं रहती जब वक्त नहीं रहती तब समझदारी... Hindi · कविता 3 1 564 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read माहौल का प्रभाव जिनका जैसा होता माहौल लोग वैसे बन जाते जग में हमारे इस जीवन में उत्तम माहौल का होना अनुपेक्ष्य । जैसा परिवेश में रहते हम अच्छा- बुरा कैसा भी हो... Hindi · कविता 631 Share AMRESH KUMAR VERMA 18 Mar 2022 · 1 min read ईमानदारी ईमानदारी सबसे बड़ी इन से से बड़ा न कोय जो करता कभी न चक्र उनके जैसा कोई नहीं। हम पथिक ईमानदारी के निरंतर आगे बढ़ते जाते जिनसे मिलता हमसबों को... Hindi · कविता 2 592 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read बुरी आदत बुरी आदत शाश्वत से करती हमारा है ह्रास निकृष्ट लत करके तुष्टि अधम नर बन जाते हम नित्य कर उत्सर्ग इनका । यमुना लत के विविध रीति किसी भी असिता... Hindi · कविता 1 2 655 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read पढ़ाई-लिखाई एक बोझ आप हम विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई - लिखाई लगती गुत्थी चित्त करता पढ़ने को ना हमें पढ़ाई - लिखाई लगता जवाल । पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी पाना ज्यादातर जनक के... Hindi · कविता 3 1 590 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Mar 2022 · 1 min read पंछी हमारा मित्र सुबह - सुबह जो उठके सहजात अपव्यय करती चीं - चीं की आवाजों से एक तरह से हम सब का पंछी होता सहचर हमारा । पंछी शुचि करती कीटों को... Hindi · कविता 681 Share AMRESH KUMAR VERMA 7 Feb 2022 · 1 min read प्यारा भारत जहां की मिट्टी मिट्टी में उपजे हीरा और मोती जहां सालों भर मनाते कोई- ना- कोई त्योहार वही अपना प्यारा भारत । जहां पर रहते अनेकों धर्मो, अनेक जाति- पाती... Hindi · कविता 1 598 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read बुजुर्गो की बात बड़े बुजुर्गों की बातों का सदा करें हम सब सम्मान इनकी बोली हुई हर बात सदा से होती आई यथार्थ। मोबाइलों से निकल कर हम बड़े बुजुर्गों के साथ -... Hindi · कविता 683 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Jun 2022 · 1 min read मंजिल की तलाश मैं एक हूं मुसाफिर चल दिया मंजिल की तलाश में पंथ पर न पथ का मालूम हमें न कोई ठौर ठिकाना बस चलते जा रहा... एक एक पग बढ़ाएं अपने... Hindi · कविता 1 539 Share AMRESH KUMAR VERMA 6 Jul 2022 · 1 min read समय के संग परिवर्तन अवकाश के साथ साथ ये खलक परिवर्तन तो कर ही रही इतस्ततः औवल की यातना में मानुज दूर-दूरस्थ की यात्रा पदाति ही करते सतत् आज न्यून भी न्यारा, परे क्यों... Hindi · कविता 2 650 Share AMRESH KUMAR VERMA 23 May 2022 · 1 min read अत्याचार जब होता किसी पर अत्याचार कहर होता निष्ठुर स्वभाव का जिस पर होता है ये जियादती दमन होता जिस नर - नारी पर वो आखिर कैसे अनागत होगा ? अच्छा... Hindi · कविता 1 583 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read परिस्थिति परिस्थितियां आती रहती सदा हर एक मनुज को इस भव में अवस्था में जो बांधके हौसला करता रहता है निरंतर संघर्ष होती उसकी विजय जगत में । परिप्रेक्ष्य न रहती... Hindi · कविता 523 Share AMRESH KUMAR VERMA 27 Mar 2022 · 1 min read फास्ट फूड जिस खाना को खाने में हमे आता है बहुत ही बड़ा मजा जो हमसब मनुष्यों के लिए होता है बड़ा ही हानिकारक उसी का नाम फास्ट फूड... जिसे तैयार करने,... Hindi · कविता 5 6 548 Share AMRESH KUMAR VERMA 26 May 2022 · 1 min read चुनौती यह जिंदगी चुनौतियों से भरी आज ये प्रचारणा तो कल वो एक - दो न ही सौ - हजार जब तक हम, तब तक धौंस मृत्यु के बाद खत्म आह्वान... Hindi · कविता 4 3 521 Share Page 1 Next