Ajit Kumar "Karn" 595 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Ajit Kumar "Karn" 2 Oct 2024 · 1 min read गाॅंधीजी के सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए, गाॅंधीजी के सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए, सत्य के साथ ईश्वर हैं, इसी सिद्धांत पर बढ़ना चाहिए, प्रेमपूर्ण, शांतिपूर्ण ढंग से आवाज़ बुलंद करना चाहिए, सत्याग्रह, सर्वोदय व... Quote Writer 1 74 Share Ajit Kumar "Karn" 2 Oct 2024 · 1 min read आभासी दुनिया में सबके बारे में इक आभास है, आभासी दुनिया में सबके बारे में इक आभास है, बस उसीसे कोई किसी से दूर और किसी के पास है! आभास में सच्चाई कितनी इसका नहीं अनुमान है, बिना असलियत... Quote Writer 1 43 Share Ajit Kumar "Karn" 1 Oct 2024 · 1 min read अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ, अनुराग मेरे प्रति कभी मत दिखाओ, और दिखाओ तो दूर कभी मत जाओ! दिल पर काबू करना आसान नहीं उतना, आज के दौर में इसे प्रायोगिक मत बनाओ! .... अजित... Quote Writer 1 48 Share Ajit Kumar "Karn" 30 Sep 2024 · 1 min read प्यार वो नहीं है जो सिर्फ़ आपके लिए ही हो! प्यार वो नहीं है जो सिर्फ़ आपके लिए ही हो! सच्चा - प्यार तो वो है जो परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाते हुए आपके लिए भी हो! सारे रिश्ते-नाते को ठोकर... Quote Writer 1 45 Share Ajit Kumar "Karn" 29 Sep 2024 · 1 min read भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है, भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है, हीनता, दरिद्रता में जहाॅं हीन भावना जाग्रत होती है, वहीं अपमान, धोखा खाकर यह उद्वेलित होती है... तृप्ति, सम्मान, आदर-सत्कार... Quote Writer 1 43 Share Ajit Kumar "Karn" 29 Sep 2024 · 1 min read ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है, ग़मों को रोज़ पीना पड़ता है, आगे जीवन में बढ़ना पड़ता है, बात-बात पे गर यूॅं ही उबलेंगे तो... उबलते वाष्प में जलना पड़ता है। ... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 1 41 Share Ajit Kumar "Karn" 29 Sep 2024 · 1 min read कभी पलट कर जो देख लेती हो, कभी पलट कर जो देख लेती हो, उम्मीद में लोग बेक़रार हो जाते! कभी हॅंस कर जो बोल देती हो सच, कितने लोग बर्बाद हो जाते! क्यूॅं नहीं सॅंभल कर... Quote Writer 1 59 Share Ajit Kumar "Karn" 25 Sep 2024 · 1 min read चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान, चाहे बड़े किसी पद पर हों विराजमान, आप हर हाल में रहें एक अच्छा इंसान! पूछ तब तक ही रहेगी पद पर जब तक हैं, इंसानियत तक तक रहेगी आप... Quote Writer 1 41 Share Ajit Kumar "Karn" 24 Sep 2024 · 1 min read सारे गिले-शिकवे भुलाकर... सारे गिले-शिकवे भुलाकर... हम आपसी समन्वय करते हैं! मिले अनुभव से मिल-बैठकर... ख़ास कोई योजना तय करते हैं! काॅंटे चुनकर व फूल बिछाकर... साथ में यात्रा आनंदमय करते हैं! सभी... Quote Writer 2 47 Share Ajit Kumar "Karn" 23 Sep 2024 · 1 min read समय बीतते तनिक देर नहीं लगता! समय बीतते तनिक देर नहीं लगता! कल का बच्चा आज बूढ़ा दिखने लगता! ज़िंदगी जीने का मौक़ा सबको ही मिलता! सही दिशा में चलने से जीवन खुशहाल है रहता! ....... Quote Writer 1 38 Share Ajit Kumar "Karn" 23 Sep 2024 · 1 min read चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है, चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है, छिपी जिसमें कहीं-न-कहीं साथी की चाह है! त्याग, विश्वास व समर्पण बहुत बड़ा हथियार है, इससे ही सुदृढ़ हो पाता एक... Quote Writer 1 52 Share Ajit Kumar "Karn" 22 Sep 2024 · 1 min read उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं जब खुद को कमजोर मान जाते हैं! वहीं से हौसला कम पड़ने लगता है, आत्म - बल क्षीण होने लगता है! कोई कठिन... Quote Writer 3 2 61 Share Ajit Kumar "Karn" 22 Sep 2024 · 1 min read जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है, जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है, रोज़-रोज़ इंसान नियमित मेहनत ही करता है, समयबद्ध होकर बस अपना काम निपटाना है, योजनाबद्ध लय में लक्ष्य पे समर्पित हो जाना... Quote Writer 1 62 Share Ajit Kumar "Karn" 21 Sep 2024 · 1 min read समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं जिससे बदमाश भी तूं हो जाती है! कार्य-प्रणाली में इतनी नियमबद्ध है तूं प्रसन्नचित्त मुद्रा में ख़ास तूं हो जाती है! .... अजित कर्ण... Quote Writer 1 37 Share Ajit Kumar "Karn" 21 Sep 2024 · 1 min read आख़िर तुमने रुला ही दिया! आख़िर तुमने रुला ही दिया! प्यार इतना सारा जता ही दिया! करिश्माई अंदाज़ में हरा ही दिया! ऊपर से है तेरा कड़क वाला मिजाज़... पर मासूमियत तुमने दिखा ही दिया!!... Quote Writer 3 2 58 Share Ajit Kumar "Karn" 21 Sep 2024 · 1 min read लोगों की मजबूरी नहीं समझ सकते लोगों की मजबूरी नहीं समझ सकते तो तुम इंसान नहीं.... जैसे शरीर हो कोई हट्ठा कट्ठा और उसमें हो जान नहीं.... .... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 1 62 Share Ajit Kumar "Karn" 21 Sep 2024 · 1 min read पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता और दूर जाने पर वो इंसान रह-रहकर याद आता! तब पछताने के सिवा कोई रास्ता नहीं बच जाता! काश, पहले ही... Quote Writer 1 57 Share Ajit Kumar "Karn" 20 Sep 2024 · 1 min read सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं! सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं! और झूठे लोग सरिता सम उच्छृंखल होते हैं! भले देर ही सही सच खुद को साबित करता है, इसीलिए सच्चा मानव... Quote Writer 1 81 Share Ajit Kumar "Karn" 20 Sep 2024 · 1 min read कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है! कोई किसी के लिए कितना कुछ कर सकता है! जितना संभव है उतना ही सहयोग कर सकता है! मनुष्य तो खुद ही अपने भविष्य का निर्माता है... कोई और तो... Quote Writer 1 75 Share Ajit Kumar "Karn" 19 Sep 2024 · 1 min read बस, अच्छा लिखने की कोशिश करता हूॅं, बस, अच्छा लिखने की कोशिश करता हूॅं, किसी की टिप्पणी का इंतज़ार नहीं करता हूॅं! आत्मावलोकन कर खुद को संतुष्ट करता हूॅं, टिप्पणियाॅं आतीं तो सोने पे सुहागा मानता हूॅं!... Quote Writer 1 41 Share Ajit Kumar "Karn" 19 Sep 2024 · 1 min read ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है, ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है, पर उतना ज़्यादा पछतावा नहीं है! रोटी, कपड़ा, मकान है, सादगी है, पर औरों को ख़ुश करने भर के लिए, पास मेरे वाह्य कोई... Quote Writer 1 38 Share Ajit Kumar "Karn" 18 Sep 2024 · 1 min read तुम अगर स्वच्छ रह जाओ... तुम अगर स्वच्छ रह जाओ... तो खुदा का लाख शुक्र मनाओ! क्योंकि प्रदूषित हवा चलती है हर तरफ़, बस सीधी रेखा में तुम चलते जाओ... बस ध्येय से इधर-उधर भटक... Quote Writer 1 49 Share Ajit Kumar "Karn" 18 Sep 2024 · 1 min read खुश हो लेता है उतना एक ग़रीब भी, खुश हो लेता है उतना एक ग़रीब भी, जितना किसी अमीर को मिलती खुशी! फ़र्क सिर्फ इतना ही है कि.... थोड़े छोटे पैमाने में मापी जाती, हर एक ग़रीब की... Quote Writer 1 47 Share Ajit Kumar "Karn" 17 Sep 2024 · 1 min read ये सच है कि सबसे पहले लोग ये सच है कि सबसे पहले लोग खुद की उन्नति के लिए सोचते हैं, पर खुद के लिए जितनी फ़िक्र है उसमें से थोड़ा सा अंश अगर औरों के लिए... Quote Writer 1 51 Share Ajit Kumar "Karn" 17 Sep 2024 · 1 min read रुकती है जब कलम मेरी रुकती है जब कलम मेरी तो लगने लगता है ऐसा... मानो, धड़कन मेरी थम सी गई! ज़िंदगी की रफ़्तार धीमी पड़ गई! और चलती है जब तेज रफ़्तार ये कलम,... Quote Writer 1 36 Share Ajit Kumar "Karn" 16 Sep 2024 · 1 min read विद्वत्ता से सदैव आती गंभीरता विद्वत्ता से सदैव आती गंभीरता और अज्ञानता से उच्छृंखलता! हासिल करते चलें ज्ञान हम सभी इसी से अर्जित होंगी महानता!! .... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 1 41 Share Ajit Kumar "Karn" 16 Sep 2024 · 1 min read ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं, ज़िंदगी को किस अंदाज़ में देखूॅं, कुछ अंदाज़ा वो लगाने नहीं देती! हर दिन बदलता है स्वरूप इसका, कभी हॅंसना चाहूॅं, कभी रोना चाहूॅं... खुद के हिसाब से हॅंसने रोने... Quote Writer 1 76 Share Ajit Kumar "Karn" 15 Sep 2024 · 1 min read हम किसी का वाह्य स्वरूप ही देख पाते... हम किसी का वाह्य स्वरूप ही देख पाते... नहीं जान पाते कि अंदर से वो क्या है! बस चिकनी चुपड़ी बातों पे भरोसा करके, खींचे चले आते और देते ज़िंदगी... Quote Writer 1 52 Share Ajit Kumar "Karn" 15 Sep 2024 · 1 min read करते हैं सभी विश्वास मुझपे... करते हैं सभी विश्वास मुझपे... कभी विश्वासघात नहीं करूंगा! करते हैं जो स्नेह की बरसात मुझपे... दिल पे कभी कोई आघात नहीं करूंगा! .... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 1 40 Share Ajit Kumar "Karn" 15 Sep 2024 · 1 min read आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए... आनेवाला अगला पल कौन सा ग़म दे जाए... उस पल के आने से पहले क्यूॅं नहीं जिया जाए! काश, सुकून भरा इक पल भी ऐसा मिल जाए... कि वो ख़ास... Quote Writer 1 37 Share Ajit Kumar "Karn" 14 Sep 2024 · 1 min read दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है, दोस्तों बात-बात पर परेशां नहीं होना है, जटिल मामले में आपसी सुलह कर लेना है... ज़िंदगी हर चीज़ का हिसाब तो नहीं देती, फिर अनसुलझी बातों पर सवाल क्यूॅं करना... Quote Writer 1 78 Share Ajit Kumar "Karn" 14 Sep 2024 · 1 min read चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे, चकाचौंध की दुनियां से सदा डर लगता है मुझे, मत पड़ो इसमें कभी, दिल मेरा कहता है मुझसे, सादगी में नित जीवन जीना सीख ले अगर सभी, निश्चय ही बदलेगी... Quote Writer 1 50 Share Ajit Kumar "Karn" 14 Sep 2024 · 1 min read आज का ज़माना ऐसा है... आज का ज़माना ऐसा है... कायदे से सब कुछ नहीं चलता है! बेकायदा ही जीवन का आनंद ले सको तो ले लो, आज का वक़्त यही कहता है! वरना सबसे... Quote Writer 1 79 Share Ajit Kumar "Karn" 13 Sep 2024 · 1 min read एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता, एक दूसरे से उलझकर जो बात नहीं बन पाता, परस्पर सम्मान व अपनापन से जरूर बन जाता! आगे बढ़ने के लिए परस्पर सहयोग की भावना हो, ठेस पहुॅंचाने हेतु किसी... Quote Writer 1 44 Share Ajit Kumar "Karn" 13 Sep 2024 · 1 min read एक दूसरे को समझो, एक दूसरे को समझो, आपसी समझ बढ़ाओ, नियम-कानून कोई होता है समाज निर्माण के लिए ही... परस्पर कभी मत लड़ जाओ, सदा आपसी समन्वय बढ़ाओ! औरों की इज़्ज़त करना सीखो...... Quote Writer 1 109 Share Ajit Kumar "Karn" 13 Sep 2024 · 1 min read जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो, जब कभी आपसी बहस के बाद तुम्हें लगता हो, कि सामने वाला भी अपनी जगह ग़लत नहीं था... तो समझो इंसानियत तुझमें भी थोड़ी सी बची है! .... अजित कर्ण... Quote Writer 1 79 Share Ajit Kumar "Karn" 12 Sep 2024 · 1 min read अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय... अन्याय हो रहा यहाॅं, घोर अन्याय... ढूंढना होगा मिल के कोई ठोस उपाय! न्याय की तलाश में दर-दर भटक रहे हम, सरकार सो रही, हल तो कोई बताय। .... अजित... Quote Writer 1 61 Share Ajit Kumar "Karn" 11 Sep 2024 · 1 min read वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता... वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता... जीवन में उतार-चढ़ाव लगा ही रहता! आती कभी ख़ुशी तो कभी ग़म भी आता... चैन-ओ-सुकून से ज़िंदगी कोई जी नहीं पाता! .... अजित कर्ण... Quote Writer 1 57 Share Ajit Kumar "Karn" 11 Sep 2024 · 1 min read रिश्ता नहीं है तो जीने का मक़सद नहीं है। रिश्ता नहीं है तो जीने का मक़सद नहीं है। धन-संपत्ति सब बेकार जो सार्थक नहीं है। सारी दुनिया वीरान सी लगने लगती है.... रिश्ते को जोड़ते चलो बस यही ज़िंदगी... Quote Writer 1 79 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Sep 2024 · 1 min read चलते हैं क्या - कुछ सोचकर... चलते हैं क्या - कुछ सोचकर... रुक जाते हैं कुछ और में उलझकर! क्यों होता है ऐसा मेरे साथ अक्सर... भूल जब नहीं करते कोई जानबूझकर! .... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 2 54 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Sep 2024 · 1 min read आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है... आज की दुनिया ऐसी ज़ालिम है... अच्छा आचरण जो दिखाते हैं आपके साथ, छुपा उनमें भी कुछ ना कुछ लालच है! गर उनकी अपेक्षा पे नहीं खड़े उतरते हैं आप,... Quote Writer 2 53 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Sep 2024 · 1 min read दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो, दोस्तों बस मतलब से ही मतलब हो, निशाना आपका इधर-उधर पे न हो! शुद्ध भावों से एकजुटता प्रदर्शित हो, मुख्य ध्येय कर्मचारीगण का हित हो! .... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 1 73 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Sep 2024 · 1 min read आज का युग ऐसा है... आज का युग ऐसा है... अच्छाई को टिकने कहाॅं देता है! तरह - तरह के हथकंडे अपनाकर, अच्छे इंसान को भी बुरा बना देता है। .... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 1 50 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Sep 2024 · 1 min read मर्यादित आचरण व बड़ों का सम्मान सही है, मर्यादित आचरण व बड़ों का सम्मान सही है, पर ग़लत बात पर चुप्पी साधना नहीं सही है, इससे हक़ अपना मारा जाता कहीं-न-कहीं है, योग्य होकर खुद को पीछे रखना... Quote Writer 1 72 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Sep 2024 · 1 min read जिस माहौल को हम कभी झेले होते हैं, जिस माहौल को हम कभी झेले होते हैं, उसमें फिर दोबारा सहज हो जाते हैं! आत्मविश्वास रहता है चरम पर तभी... और सबके लिए हम सुलभ हो जाते हैं! ....... Quote Writer 1 39 Share Ajit Kumar "Karn" 9 Sep 2024 · 1 min read लोगों को खुद की कमी दिखाई नहीं देती लोगों को खुद की कमी दिखाई नहीं देती पर सदैव औरों में खामियाॅं वे खूब ढूंढते! औरों पर तो नज़र बहुत रख ली जनाब, अपने गिरेबान में आप क्यूॅं नहीं... Quote Writer 1 54 Share Ajit Kumar "Karn" 9 Sep 2024 · 1 min read कोई भी व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण नहीं है, कोई भी व्यक्ति अपने आप में परिपूर्ण नहीं है, किसी में कोई गुण है तो कुछ और की कमी है! सभी गुणों से सम्पन्न इक्का-दुक्का ही कोई होगा, बस वक़्त... Quote Writer 1 65 Share Ajit Kumar "Karn" 9 Sep 2024 · 1 min read होता है हर किसी को किसी बीती बात का मलाल, होता है हर किसी को किसी बीती बात का मलाल, सोच-सोच के हो जाते वो बिना मतलब के बेहाल! सब कुछ अपने हाथ में नहीं विधि का विधान है ये,... Quote Writer 1 42 Share Ajit Kumar "Karn" 8 Sep 2024 · 1 min read "धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है! "धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है! वहीं यह किसी को किसी के नज़दीक भी लाता है! इस सबसे दूर हटकर भी एक अलग ही दुनियां है, यह बात... Quote Writer 1 58 Share Ajit Kumar "Karn" 8 Sep 2024 · 1 min read पहले आसमाॅं में उड़ता था... पहले आसमाॅं में उड़ता था... अब पैर जमीं पर ही रखा हूॅं! पहले पंख खूब फड़फड़ाता था... अब पंखों को समेट कर रखा हूॅं!! .... अजित कर्ण ✍️ Quote Writer 1 34 Share Previous Page 2 Next