अजय कुमार मिश्र Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid अजय कुमार मिश्र 3 Apr 2017 · 1 min read मुक्तक (1) ख़्वाब बुनता हूँ फिर उनको तोड़ जाता हूँ, ख़ुद को मैं तो हक़ीक़त से जोड़ जाता हूँ, कुछ ख़्वाब जीवन को बोझिल कर देते, ऐसे ख़्वाबों से तो मैं... Hindi · मुक्तक 328 Share