Tag: कविता
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दो माचिस की डिबिया
अजय कुमार मिश्र
ऐ ज़िन्दगी, तूने बनाया ही कितना रूप है
अजय कुमार मिश्र
देती है मुझे मौन वेदना
अजय कुमार मिश्र
एक मुक्तक
अजय कुमार मिश्र
थोड़ी राह ही शेष है
अजय कुमार मिश्र
अभिलाषा के पंख फैलाओ
अजय कुमार मिश्र
ये जीवन है चंद वर्षों की
अजय कुमार मिश्र
ज़िंदगी की राह आसान हो जाए
अजय कुमार मिश्र
कविता भी बनी प्रोडक्ट है
अजय कुमार मिश्र
ज़िंदगी की दौड़
अजय कुमार मिश्र
ऋतु बसन्त आ ही गया है
अजय कुमार मिश्र
पुत्रियाँ
अजय कुमार मिश्र
काँटों पर चलने की तो मेरी फ़ितरत हो गयी
अजय कुमार मिश्र