Preeti Sharma Aseem 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Preeti Sharma Aseem 24 May 2024 · 1 min read नये साल के नये हिसाब नये साल के नये हिसाब आओ... नए साल पर कुछ हिसाब -किताब कर ले । जिंदगी ने लम्हा -लम्हा कितना घटाव दिया। उस सब का जोड़ कर ले । जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 86 Share Preeti Sharma Aseem 24 May 2024 · 1 min read रंग कैसे कैसे रंग कैसे -कैसे वाह रे! तेरे जमाने में, रंग कैसे -कैसे है | इस के मुंह पे ऐसे और उस के मुंह पे एेसे है | वाह रे! तेरे जमाने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 108 Share Preeti Sharma Aseem 23 May 2024 · 1 min read जिंदगी.... बड़ी जिंदगी...... बड़ी जिंदगी ......बड़ी बेरहमी से सच दिखती है। कितना भी.... बहलाते रहे खुद को । ऐसा नहीं है...??? ऐसा हो नहीं सकता ...!!!! जबकि ..... ऐसा ही था!!!? साथ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share Preeti Sharma Aseem 23 May 2024 · 1 min read हो....ली हो ....ली होली हो ....ली खाक जब उम्मीदों को की रोलीयां। फिर कैसे रंग और ......कैसी होलियां। हो ....ली खाक जब उम्मीदों की रोलीयां। वक्त बदला..... पीछे रह गई रंगों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 86 Share Preeti Sharma Aseem 2 May 2024 · 2 min read गंगा घाट गंगा तेरा घाट युगों- युगों से यात्रा मेरी, तेरे साथ- साथ चलती रही। जन्मों -जन्मों से गुजर कर , तुम पर ही तो आ के थमती रही। जिंदगी के एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 93 Share Preeti Sharma Aseem 1 May 2024 · 1 min read मजदूर मजदूर दिनभर मोल -भाव सह कर मजदूरी करता । अपनी हथेली पर, अपनी किस्मत की , खुद ही रेखाएं गढ़ता। हड्डियों को गलाकर, हर रोज लोहा करता। पेट की खातिर,... Hindi · कविता 92 Share