Aadarsh Dubey Language: Hindi 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Aadarsh Dubey 16 Jan 2024 · 2 min read कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को निहित स्वार्थ की सिद्धि हेतु रटते हैं सब नाम को लेकिन कोई समझ नहीं पाया है मेरे राम को निरा मूर्ख उलझे हैं केवल राजनीति के फेरे में और अधर्मी... Hindi · गीत 1 173 Share Aadarsh Dubey 11 Jan 2024 · 1 min read बिल्कुल नहीं हूँ मैं लगता है इस जहान में बिलकुल नहीं हूँ मैं या फिर तुम्हारे ध्यान में बिलकुल नहीं हूँ मैं घर में कोई नहीं जो मुझे अपना कह सके मेरे ही ख़ानदान... Hindi · ग़ज़ल 1 181 Share Aadarsh Dubey 26 Dec 2023 · 1 min read मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है कभी उस का अगर कोई भी सपना टूट जाता है मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है तुझे अब कैसे समझाएं है तेरे बाद ये हालत ख़िज़ाँ... Hindi · ग़ज़ल 1 199 Share Aadarsh Dubey 31 Mar 2023 · 1 min read सीने में मेरे आग, बगल में शराब है सीने में मेरे आग, बगल में शराब है आँखों में फिर भी दुनिया बदलने का ख़्वाब है अच्छा हुआ कि तुम भी ज़माने से जा मिले कहने ही वाला था... Hindi · Quote Writer 1 116 Share Aadarsh Dubey 28 Mar 2023 · 1 min read डरने लगता हूँ... गुनाह अपने गिनाता हूँ डरने लगता हूँ खुदा के सामने जाता हूँ डरने लगता हूँ कुछ इतना ख़ौफ़ज़दा हूँ मैं अपने कमरे में कोई चराग़ जलाता हूँ डरने लगता हूँ... Hindi · ग़ज़ल 1 335 Share Aadarsh Dubey 7 Mar 2023 · 2 min read होली... ये बस नहीं कि फ़क़त रंग उड़ाया जाता है गुलाल चेहरों पे सबके लगाया जाता है मंगा के भांग को पत्थर पे घोंटते हैं हम नशे में झूम के तारों... Hindi · गीत 1 225 Share Aadarsh Dubey 8 Feb 2023 · 1 min read कहाँ समझते हैं .......... कोई समझता है सारे कहाँ समझते हैं तमाम लोग इशारे कहाँ समझते हैं हम ऐसे लोगों से पूछो मक़ाम की क़ीमत जिन्हें मिले हों सहारे कहाँ समझते हैं किसी के... Hindi · Sadness · Urduhindipoetryghazal · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 1 261 Share Aadarsh Dubey 6 Feb 2023 · 1 min read ग़ज़ल मुझ को मुझ से ही जुदा करती है वो मुझे रोज़ नया करती है बाद में रखती है कोई मरहम पहले वो ज़ख्म हरा करती है कोई तो है जो... Hindi · ग़ज़ल 1 203 Share Aadarsh Dubey 20 Jun 2022 · 1 min read •ग़ज़ल• एक चेहरा गुमाँ में रहता है बादलों के जहाँ में रहता है गाँव का हुस्न देखिये साहिब चाँद कच्चे मकाँ में रहता है हम तो पगडंडियों के राही हैं और... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · शेर 4 1 134 Share