अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ Tag: सुकून 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 9 May 2024 · 1 min read बदलता गांव बदल गया है गांव अब मकां भी पुराने रहे नहीं, दिल बदल गया इंसानों का इंसान भी पुराने रहे नहीं। सबकुछ खोया दो पल सुकून भी पहले जैसे रहे नहीं,... Poetry Writing Challenge-3 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 8 94 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 26 Jan 2024 · 1 min read शान तिरंगा ये जो तिरंगा लहरा रहा है इसमें, सारे वीरों के दिल धड़क रहे हैं। ये जो आज़ादी से भरा नज़ारा है, यह भव्य शौर्य की गाथा है। वहां उनके घर... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 17 142 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Jan 2024 · 1 min read जीवन यात्रा एक साल की जीवन यात्रा और हो गई पूरी कुछ इच्छाएँ पूर्ण हुई ज्यादातर रही अधूरी फिर भी दूँ आभार तुम्हें लगता यह बहुत ज़रूरी ओ मेरे जीवन के दुःख-सुख,... Poetry Writing Challenge-2 · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 17 1 119 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 30 Aug 2022 · 1 min read पेड़ मेरे घर के चारो तरफ, पेड़ आसमान लगे नापने, जैसे मानो कोई रेस लगी हो, जंगल में ना होने की ठेस लगी हो ! धूप आंगन से बिछड़ी जाती है,... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 43 4 176 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 26 Jan 2022 · 1 min read गांव कई महीनों बाद हम अपने गांव को आते हैं, देखकर प्रकृति की सुंदर काया हम विस्मित हो जाते हैं।। सुबह उठें हम सूरज की मखमली रोशनी को पाते हैं, चिड़ियों... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 49 5 314 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 14 Jan 2022 · 1 min read बादल उड़े हुए धुओं का छल हूं, अदृश्य बूंदों का जल हूं, कुछ देर श्वेत रंग से लुभाऊंगा, आसमान में फिर गूंज मचाऊंगा ! गरजते- बरसते देखा होगा, बनते - बिखरते... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 48 1 584 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Dec 2021 · 1 min read दोस्ती करली!! आज आसमान से दोस्ती कर ली, कुछ अनकही उसकी समझ ली! अक्सर मौन से रहने वाला, क्यों आक्रोश में बिजली कड़काता, अक्सर खुली हवा सहलाने वाला, क्यों बदलो के पीछे... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 49 4 576 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 23 Dec 2021 · 1 min read गांव दिखाएंगे। खूबसूरती का सर से पांव दिखाएंगे कभी आना तुम्हें अपना गांव दिखाएंगे। धूप बहुत है शहर की भीड़ भाड़ में कभी आना तुम्हें धूप में भी छांव दिखाएंगे। कभी आना... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 51 4 346 Share अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’ 18 Dec 2021 · 1 min read चांद कहानी पूनम की वह रात सुहानी बना शशि था तब अभिमानी बोला मेरी चाँदनी शीतल जब जाती है यह भूतल सारा जग है जगमग होता मेरे होते काम ना सोता मैं... Hindi · अभिषेक पाण्डेय ‘अभि’ · कविता · सुकून 47 6 651 Share