Abhi 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhi 17 Apr 2018 · 1 min read समर्थन विरोध समथर्न और विरोध के पेंच में फसे हम दूरदर्शिता हो रही है ख़तम क्या गलत है या कमी शायद जानता आदमी फिर भी वह विरोध करता या समर्थन में है... Hindi · कविता 486 Share Abhi 17 Apr 2018 · 1 min read उतावला उन्माद चैन अमन बना क्या रहे मेरे देश में? क्योंकि कोई नहीं है यहां होश में... हर कोई आवेश में, जोश में तैश में। समझेगा कौन क्या..? है मतवालों की भीड़... Hindi · कविता 609 Share Abhi 16 Apr 2018 · 1 min read गलत सही दो गलत मिलाकर सही क्यों बनाने में तुले हैं लोग..? क्या इनकी फ़ितरत एक है या फिर मिले जुले हैं लोग..? ~अभिषेक Hindi · मुक्तक 307 Share