ABHA PANDEY Tag: कविता 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ABHA PANDEY 30 May 2024 · 1 min read *नारी हूं मैं* *नारी हूं मैं* नारी हूं मैं क्या नहीं कर सकती... उलझे हुए मन को, पढ़ सकती हूं मैं। उजड़े घरोंदे सहेज सकती हूं मैं। बिखर बिखर कर खुद को, समेट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share ABHA PANDEY 30 May 2024 · 1 min read *शब्द हैं समर्थ* यह शब्दों का मेला है, हर शब्द यहां अलबेला है। शब्द चाहे कैसे भी हों, पीड़ा हर सकें तो अर्थ है, राह दिखाएं तो अर्थ है, वरना सब व्यर्थ है।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 78 Share ABHA PANDEY 28 May 2024 · 1 min read *कैसे कैसे बोझ* *कैसे कैसे बोझ* बोझ लेकर चलना जीवन की कला है, कभी खुशी, कभी मजबूरी भरा है। अपनों का हो बोझ , तो खुशी से उठाते हैं। दूसरों का बोझ ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 40 Share ABHA PANDEY 28 May 2024 · 1 min read *अटूट बंधन* _अटूट बंधन_ छोटा सा प्यारा सा हम सबका लाडला, आज हो गया इतना बड़ा, खड़ा है तैयार ले जाने को बारात। ताऊ ताई, मामा मामी, बुआ और फूफा, ढेर सारे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 53 Share ABHA PANDEY 27 May 2024 · 1 min read *नानी के आशीष* *नानी के आशीष* चांद तारों सी चमको, सूरज सी दमको तुम। गुलाब सी खिलकर, चंदन सी महको तुम। अपनी मृदुल स्मित से, हर मन मोह लो तुम। कर्मों की दिव्य... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 86 Share ABHA PANDEY 26 May 2024 · 1 min read *खिली एक नन्हीं कली* *खिली एक नन्हीं कली* प्रेम की अभिव्यक्ति, स्नेह युक्त बंधन हूं मैं। दूरस्थ मंदिर की घंटियों सा, मधुर क्रंदन हूं मैं। क्षण क्षण सुवासित करे, वह स्निग्ध चंदन हूं मैं।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 64 Share ABHA PANDEY 20 May 2024 · 1 min read *मातृछाया* * मातृछाया* एक नन्हीं सी जान, जिस पर किस्मत मेहरबान। देवकी की गोद, से बिछड़ कर, पाई यशोदा की गोद। ममता से भरा आंचल, नर्म बिछौना, दुलार। स्वागत में खड़ा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 68 Share ABHA PANDEY 19 May 2024 · 1 min read *नारी की वेदना* *नारी की वेदना* क्यों चौखट से मुझको बांध दिया, मुझको भी दुनिया देखने दो। मुझको भी कदम बढ़ाने दो, मुझको भी शिक्षित होने दो। मुझको भी बोझ उठाने दो, कंधे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 34 Share ABHA PANDEY 19 May 2024 · 1 min read *कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती* *कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती* देखो खिलखिलाती उन्मुक्त किशोरियां, आपस में है ये पक्की सहेलियां। उम्र है कच्ची पर रिश्ता बड़ा गहरा , ना खून का संबंध ना रिश्तेदारी, मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 42 Share ABHA PANDEY 17 May 2024 · 1 min read *कवि की शक्ति* *कवि की शक्ति* लेखनी चलाकर, संसार हिला सकते हैं। शब्दों से भावों के, ज्वार उठा सकते हैं। मन की सरिता, जब निर्बाध बहाते हैं। हर शब्द को चिंगारी से मशाल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 77 Share ABHA PANDEY 16 May 2024 · 1 min read *सीखो खुद पर हंसना* *खुद पर हंसना सीखो* बचपन की गलतियों पर, जवानी को हंसी आती है। जवानी की मूर्खता पर, बुढ़ापा हंसा करता है। यही अजब दस्तूर है जमाने का, सबको दूसरों पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 35 Share ABHA PANDEY 16 May 2024 · 1 min read *यह कैसा न्याय* *यह कैसा न्याय* कहीं है अति का सागर, कहीं बिलखती भूख अपार। ना उन्हें पता क्षुधा होती है क्या, ना इन्हें पता तृप्ति चीज है क्या। कर्मों के सब लेख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 42 Share ABHA PANDEY 16 May 2024 · 1 min read *स्वयं से मिलन* *स्वयं से मिलन* (कोरोना/लॉकडाउन) आपदा के इस प्रहर में, घर से बाहर में जो झांकी, गली सुनसान राहें वीरान, जाना अनजाना कोई, साया नजर नहीं आया। मैं सिहर कर लौट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share ABHA PANDEY 15 May 2024 · 1 min read *एकांत का सुख* *एकांत का सुख* अकेले में एकांत, भीड़ में भी एकांत। अंदर एकांत, बाहर भी एकांत। नजारों में एकांत, बहारों में भी एकांत। मन गर रहे शांत, हर कदम विश्रांत। मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 70 Share ABHA PANDEY 14 May 2024 · 1 min read *चंद्रमा की कला* *चंद्रमा की कला* चांद तुम हो बड़े प्यारे, सुंदर गोल रुपहले न्यारे। दुनिया को तुम मोह लेते , सबका मन हर्षाते हो। लेकिन एक अदा तुम्हारी, मुझे बिल्कुल नहीं भाती।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share ABHA PANDEY 14 May 2024 · 1 min read *बूंद की किस्मत* *बूंद की किस्मत* आसमां तक उठकर, जमीं पर गिरना इनकी किस्मत है। हमने तो अपने कदम जमीं से जोड़े रखे हैं। ना हमें आसमां तक उठना है, ना जमीं पर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 48 Share ABHA PANDEY 13 May 2024 · 1 min read *सार्थक दीपावली* 🌹*शुभ दीपावली*🌹 चलो जलाएं दीप वहां, जहां आज भी अंधेरा है। मुस्कानों के दीप जलाएं जहां अश्रु का मेला है। अपनेपन का दीप जलाएं जहां तन मन अकेला है। तृप्ति... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share