Abasaheb Sarjerao Mhaske 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abasaheb Sarjerao Mhaske 10 Jul 2024 · 1 min read तुम्हीच सांगा कसा मी ? कधी वाटते मानमर्जीचा मीच राजा कधी असहाय निराधार प्रजा मी मज वाटते असा मी तसा मी तुम्हीच सांगा कसा मी ? मी गड्यानो स्वयंभू हरहुन्नरी मी दीड दमडीचा शिक्काही मज... Marathi 1 59 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 15 May 2024 · 1 min read वो भी क्या दिन थे ... वो भी क्या दिन थे ... कांटो से भरी जिंदगी और ढेर सारे सपने मगर साथ सारे अपने... वो भी क्या दिन थे ... फटे कपडे होकर भी पग- पग... Hindi 7 2 56 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 15 May 2024 · 1 min read आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी ढुंडो- ढुंडो विकास कहां ? क्यों चिल्लाते वो नालायको तुम वामपंथी ,आन्दोलनजीवी हो देश के बदनामी की साजिश रचते हो महंगाई बढ़ी , रोजगार गया मत पूछो कोरोना से कितने... Hindi 3 62 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 15 May 2024 · 2 min read वो सिर्फ ५० वोटर कार्ड नहीं थे अरे भाई ! वो सिर्फ ५० वोटर कार्ड नहीं थे ना ही कोई यज्ञ के आहुति के लिए की चीज किसिके अरमान थे दादाजी , पिता , पति , मालिक... Hindi 52 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 15 May 2024 · 1 min read यह कैसे रिश्ते ? यह कैसे रिश्ते चाहे कुछ भी कहो होते हैं अजब गजब लेकिन बड़े प्यारे यह कैसे रिश्ते क्यों लगे बेगाने अपने नहीं हुए अपने दिल के तो थे बस सपने... Hindi 55 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 15 May 2024 · 1 min read हमरी बिल्ली हमको खूंखार जानवर , पालतू जानवर पशु पक्षी कीड़े मकोड़े झील झरने जंगल में मंगल फिर भी गाँव शहरो में क्यों हैं दंगल क्यों ? कहते हैं जानवर से इंसान समजदार... Hindi 77 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 15 May 2024 · 1 min read क्या लिखू , क्या भूलू क्या लिखू , क्या भूलू यादो की बारात आंगन में झिलमिल सितारे लगे ना प्यारे कैसे कंहू दिल तनहां तनहां क्या लिखू , क्या भूलू आखिर चलु तो किसके दम... Hindi 56 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 15 May 2024 · 1 min read कोई नहीं किसीका जिसे भी अपना माना उसने अंगूठा दिखाया रिश्ते हैं बस नाम के कोई नहीं किसीका क्या फर्क पड़ता , अपना हो या बेगाना टका हैं तो टेक नहीं तो टकमक... Hindi 1 1 46 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read यह कैसा प्यार बरसो गुजरे तुम मिली थी ना ही कोई मुलाकात हुई क्यों लगती हो फिर भी तुम मुझे हमारी अपनी हर पल , हर वक्त खयाल तेरा पाने के चाहत ,ना... Hindi 56 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read क्या हैं पैसा ? दुनिया में सबुकछ पैसा हैं पैसा जाता भी यूँही आया हैं जैसा ऐसा नहीं हैं की पैसा कम हैं मगर चाहत बेसुमार हैं पैसो के पीछे दुनिया हैं सारी रिश्ते... Hindi 1 55 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read तू ही बता ,तू कैसा तू ही बता ,तू कैसा इंसान ? बन्दर जैसी उछलकुद तेरी कव्वे जैसी नजर हैं तेरी बेवजह कुत्ते जैसा पसीना पसीना तू ही बता ,तू कैसा इंसान ? साप नेवले... Hindi 46 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read यह कौनसा मोड़ आया ? यह कौनसा मोड़ आया ? चारो तरफ धुँवा ही धुँवा ... हर तरफ मौत दिखाई दे घनघोर अँधेरा छाया हुवा सब कुछ रुका- रुका सा हर दिल सहमा सहमा सा... Hindi 52 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read मैंने गाँधी को नहीं मारा ? मैंने गाँधी को नहीं मारा ? बड़ी बेशर्मी से कहते हो सत्य अहिंसा से डरते हो नफरत का जहर बोते हो ? मैंने गाँधी को नहीं मारा ? बड़ी बेशर्मी... Hindi 63 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read चाहे कुछ भी हो अंजाम सर यह रही हमारी कमाई देख लो जी भरक के हो सके तो माफ़ कर दो मगर यह गलती बार बार करूँगा ,तुम चाहकर भी जप्त नहीं कर सकते ना... Hindi 35 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read ढूँढू मैं तुम्हे कैसे और कहाँ ? दोस्त ! ढूँढू मैं तुम्हे कैसे और कहाँ ? सुनसान सड़के , खुला आसमां तुम तो चले गए हमें छोड़के यूँही बची सिर्फ तस्वीर ,यादे , खालीमन दोस्त ! तुम... Hindi 40 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read बस भी करो यार... इधर के ना उधर के लगता भी नहीं दिखाएंगे तुम कभी सुधर के तुम तो ठैरे हरपनमौला उसके होंगे ना किसके झूठ भरा हैं ठुसके- ठुसके परिवार हैं ना कोई... Hindi 43 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read जब से वो मनहूस खबर सुनी दोस्त ! जब से वो मनहूस खबर सुनी लगती हैं झूठ अभी भी ,शायद वहम हो पागल मन को कैसे समझावू ? जानेवाले लौटके वापस नहीं आते कभी दोस्त !... Hindi 62 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read कवि हूँ मै ... कवि हूँ मै, तुम्हारी ही धुंदलिसि छवि हूँ मैं जैसा दिखा वैसा लिखा हूँ वास्तवदर्शी आईना कवि हूँ मै,आनेवाली अगली कड़ी हूँ मैं जो भी अच्छा लगे बुरा लगे भला... Hindi 55 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read आग तो लगी हैं यंहा भी और वंहा भी आग तो लगी हैं यंहा भी और वंहा भी फ़र्क सिर्फ इतना हैं वंहा मिडिया बिकी नहीं क्या फर्क पड़ता अपने हो या बेगाने सच्ची देशभक्ति को कुर्बानिया हीं देना... Hindi 27 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ? लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ? बंद मुट्ठी बंदही रहने दो अच्छा हैं दफन हैं वो सब राज कमसे कम सुकून तो हैं आज लोग कहते हैं... Hindi 25 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read मैने कब कहां ? मैने कब कहां ? तू नही तो कुछ नही जिंदगी मे 'तेरी मर्जी , तू हि जाने ? तेरा तुझको अर्पण ... पास होकर भी तू कहां साथ थी ?... Hindi 29 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read बेचो बेचो सबकुछ बेचो बेचो बेचो सबकुछ बेचो घर में रेशन हैं ना सुकून भूखे- नंगे बच्चे घूमे दिनरात तुम नशे में चूर बेचो बेचो सबकुछ बेचो कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता बीवी बच्चे... Hindi 45 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 3 min read वो बहुत दिनों बाद . किसी काम से बाहर जा रहा था .... अकस्मात वो बहुत दिनों बाद ...बरसो बाद नजर आई ... होना क्या हैं .. नजरो से नजर मिलते ही वह कुछ देर... 31 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 14 May 2024 · 1 min read किस मिटटी के बने हो यार ? मारपीट लड़ाई झगड़े क्यों करता हैं दंगे फसाद क्या साथ लाया था जो तूने खो दिया इकदिन यही छोड़कर जाना होगा तू अच्छा बेटा बना न किसीका भैया तू अच्छा... 24 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 16 Aug 2023 · 1 min read जाने कहा गये वो लोग जाने कहा गये वो लोग जो कल तक साथ रहां करते थे संग हँसतेरोते थे साथ जीने मरनेकी कसम खातेथे सुख दुःख में साथ दिया करतेथे जाने कहा गये वो... Poem 177 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 16 Aug 2023 · 1 min read बंद मुट्ठी बंदही रहने दो बंद मुट्ठी बंदही रहने दो अच्छा हैं दफन हैं वो सब राज कमसे कम सुकून तो हैं आज लोग कहते हैं कहने दो लोगो का क्या ? क्या भरोसा किसीका... Poem 269 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 16 Aug 2023 · 1 min read चला मुरारी हीरो बनने .... ना हारने का डर था ना ही कल की फ़िक्र बस अँधेरे में ढूंढ़ना जैसे सूरज की किरण आर देखा न पार देखा दोस्त देखा न दुश्मन सबक तो सिखाया... Hindi · कविता 128 Share Abasaheb Sarjerao Mhaske 16 Aug 2023 · 1 min read दोस्त ना रहा ... दोस्त ! ढूँढू मैं तुम्हे कैसे और कहाँ ? सुनसान सड़के , खुला आसमां... तुम तो चले गए हमें छोड़के यूँही बची सिर्फ तस्वीर ,यादे , खाली मन दोस्त !... Poem 191 Share