Radha Bablu mishra Tag: कविता 87 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Radha Bablu mishra 2 Oct 2019 · 2 min read शिकायत बापू से राष्ट्रपिता तेरे घरों मे, अब जलती हैं मानवता, जिस भारत के लिए, तुने बलिदान दिया, वह भुल गया तेरी राह, वह भुल गया अहिंसा, तेरे अन्नदाता को,कुबेरों ने कुचल दिया,... Hindi · कविता 1 250 Share Radha Bablu mishra 19 Sep 2019 · 1 min read दर्द कोई प्रेमी जब छोड़ चला जाता हैं, तो वह असीम पीड़ा से भरी दर्द कहलाता है, तो फिर, उस माँ के अहसास को क्या कहेंगे, जब उन्हें अपने हि घर... Hindi · कविता 208 Share Radha Bablu mishra 4 Aug 2019 · 1 min read दोस्ती दोस्ती मे दिल जलाया नहीं करते दोस्तो के मन को दुखाया नही करते दोस्ती मे गद्दार को यार बनाया नही करते दोस्तो के पीठ छुरी मारा नही करते दोस्ती मे... Hindi · कविता 455 Share Radha Bablu mishra 2 Aug 2019 · 1 min read चादं भी कभी झूठ बोला होगा चादं भी कभी झूठ बोला होगा, शायद उसका मन मैला होगा, तभी तो उसके सुन्दर मुखरे पर, ढब्बे के ढ़ेर परे, वह भी कभी किसी को तड़पाया होगा, किसी का... Hindi · कविता 1 413 Share Radha Bablu mishra 6 May 2019 · 1 min read हमनें पुछा बरखा से हमने पुछा था बरखा से, तु बेमौसम क्यों बरसती? चुरा के नजर कहा बरखा ने, "पिया मिलन"मे क्यों देरी। हमनें पुछा था बरखा से, फिर सूखी क्यों पड़ी धरती? रुदन... Hindi · कविता 234 Share Radha Bablu mishra 13 Mar 2019 · 1 min read औरत औरत कि जुबानी सुनो उसकि कहानी सब के घर मे रौनक लाई यह सब दिलों कि रानी बेटी बन आई लक्ष्मी पिता के घर को, माँ कि सहेलि देखो पापा... Hindi · कविता 1 323 Share Radha Bablu mishra 28 Jan 2019 · 1 min read सुन कान्हा क्यों तेरे शरणों मे कान्हा, सभी झुकाते अपना मस्तक, ऐसी भी क्या खूबियां हैं तुम में, जो तुम को सब रिझाते है, हम तो तेरे वंशज हैं कान्हा , फिर... Hindi · कविता 1 559 Share Radha Bablu mishra 21 Dec 2018 · 1 min read शक शक है तलवार वह, जो करती वार सभी पर, ना किसी को जीने देती, हर रिस्ते नाते तोड़ देती , यह शक और कि बात छोड़ो , शक छोड़ती नही... Hindi · कविता 572 Share Radha Bablu mishra 4 Dec 2018 · 1 min read ढुंढ लिया ग़म में भी ख़ुशी ढुंढ लिया, मैं ने हर ज़ख्म का मलहम ढुंढ लिया।। दर्द में भी राहत ढुंढ लिया, मैं ने प्रेम की व्याख्या ढुंढ लिया।। क्रोध में भी... Hindi · कविता 1 305 Share Radha Bablu mishra 1 Dec 2018 · 1 min read ग़रीबी फटे हुए कपड़े है, रूठे हुए नैना, टुठे हुए जवान है, देखो ना घर न बैना, सड़क हि बस्ती है, राह हि स्वर्ग, स्वान है मित्र उनके, किड़े मकोड़े यार... Hindi · कविता 291 Share Radha Bablu mishra 1 Nov 2018 · 1 min read मां मां एक शब्द नहीं, एहसास है मां वह कल्प वृक्ष है, जो पूर्ण करती सभी मनोरथ को, देवताओं कि हमें जरूरत नहीं, जब तक दुनिया में मां खड़ी मां वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 31 509 Share Radha Bablu mishra 7 Oct 2018 · 1 min read सपने में आई थी नदियां सपने में आई थी नदियां, कहने लगी अपनी कहानियां धरती के आधार कि बातें, सुर्य, चांद , सितारे ओर रातें कि माछ, हंस , शंख है बच्चे उसके, रो रो... Hindi · कविता 1 274 Share Radha Bablu mishra 30 Sep 2018 · 1 min read सुखी नैन रोना भी भूल गया नेयना उसकी, हंसी तो ना जाने कहां गुम हो गयी, ग़म भी दूर भागती है उससे, देख क्या नसीब उसकी, दुनिया ने सोचा ,वह खुश बहुत,... Hindi · कविता 295 Share Radha Bablu mishra 21 Sep 2018 · 1 min read सिख लिया बदलते समय में ढलना सिख लिया, तेरे ग़म में अब रोना सिख लिया, अंधेरा में ज्योति जलाना सिख लिया, ग़म में खुशियां ढुंढना सिख लिया, दिल से मुस्कुराना सीख लिया,... Hindi · कविता 468 Share Radha Bablu mishra 19 Sep 2018 · 1 min read फरेबी बाबा टूट गया सब रिश्ते नाते, टूट गया सब बन्धन यहां, छूट गया सब घर वार मेरा, दुनिया की नजर में, बन गया जब मैं संन्यासी पर मैं बना फरेबी बाबा,... Hindi · कविता 345 Share Radha Bablu mishra 10 Sep 2018 · 1 min read प्रश्न खुदा का कब कहां था हमने, आप ग़लत हम सही, कब कर रहे थे आप काम सही, जो बाधा बने हम उस कार्य में, कब रुठे थे हम, जो आप आये थे... Hindi · कविता 606 Share Radha Bablu mishra 17 Aug 2018 · 1 min read बदनामी मौत से डरता नहीं, मौत आती है सभी कि, डरता हुं बदनामी से, जो पूछ कर आती ना कभी, ना जाने कितने को खा गयी, यह"बदनामी" ने हमें तो बचना... Hindi · कविता 1 440 Share Radha Bablu mishra 9 Aug 2018 · 1 min read भिक्षुक कि जिंदगानी स्वान से बद्तर जिंदगानी मेरी, क्या सुन पाओगे कहानी मेरी? तरसते हैं दाने - दाने के लिए हम, अब क्या बताऊं कहानी अपनी?? घर - आंगन है फुटपाथ मेरा, कीट-पतंगों... Hindi · कविता 457 Share Radha Bablu mishra 21 Jun 2018 · 1 min read हां नारी हुं मैं हां नारी हुं मैं, दुनिया कि बन्धन कि कड़ी हुं मैं, कहते हैं मेरा कोई अस्तित्व नहीं, पर, बिना मेरे यह दुनिया नहीं, हां नारी हुं मैं, तुलसी की वह... Hindi · कविता 506 Share Radha Bablu mishra 16 Jun 2018 · 1 min read कर्ण का धर्मसंकट हां केशव, दे रहा था मैं साथ दुराचार का, दे रहा था मैं साथ अन्याय का, लौग कहेंगे मुझे दुराचारी, पर क्या मेरे साथ हुआ था न्याय, जन्म लेते मां... Hindi · कविता 308 Share Radha Bablu mishra 15 Jun 2018 · 1 min read अधुरा न्याय अग्नि परीक्षा दिलवा कर लाए थे राम, फिर भी त्याग दिया उसे, जब उसे जरूरत थी तुम्हारी, क्या सोचा कौन संभालेगा उसे? जब पीङा होगी उसके कोख में, किसका हाथ... Hindi · कविता 242 Share Radha Bablu mishra 12 Jun 2018 · 1 min read प्रकृति पिङा धैर्य मेरा बिखर गया, ना जाने कब, कहां किधर गया। टूट गया वचन मेरा, अहिंसा कि राह ,अब हिंसा में बदल गया, अहिंसात्मक ना जाने अब, कहां गया टूट गया... Hindi · कविता 508 Share Radha Bablu mishra 3 Jun 2018 · 1 min read छुट्टी के बहाने मेडम , अब तो छोड़ दो हमें दर्द हो रहा है हाथों में रोता होगा मेरा पेन भी देख अत्याचार आपके अरे ,कोई समझाओं इन्हें, नन्हे बच्चे हैं हम देखो... Hindi · कविता · बाल कविता 480 Share Radha Bablu mishra 12 May 2018 · 1 min read सखी निराली मां एक एहसास हैं, मां एक आस है, मां पूर्ण करती दुनिया हमारी मां बिन देखो रूठा है दिल मेरा मैं एक ज्योति तो , मां उस कि रोशनी है,... Hindi · कविता 629 Share Radha Bablu mishra 6 May 2018 · 1 min read प्यासा नैन रात के अंधेरे में , चांद को न ढ़ुंढ़ो, ढ़ुंढ़ो उस नयना को, जो हर पल खोचती है उस चांद को चांद का क्या अपनी रोशनी से जगमगा जाएगा, पर... Hindi · कविता 255 Share Radha Bablu mishra 5 May 2018 · 1 min read अंतर्मन दिपिका सुबह का सूरज गया चांद को मनाने दिन में संभाल लुंगा इस दुनिया को पर रात में संभाल लेना तुम देखो दुनिया चल रही है गलत राह पर संभालना है... Hindi · कविता 238 Share Radha Bablu mishra 17 Apr 2018 · 1 min read मुझे बेटी बनना है ना ईश, अब तो मुझे बेटी हि बनना है, दन्द देने उन दरिंदों को सुन ईश, तुमसे करनी है बात एक तुम रेहना साथ मेरे हर कदम में ताकि ,... Hindi · कविता 506 Share Radha Bablu mishra 12 Apr 2018 · 1 min read कन्या भ्रूण कि आवाज रो रही थी एक भ्रूण कचरे में, पूछने पर पता चला फेंक दिया मां ने उसको जन्म से पहले। देखो यह आधूनिक समाज, रो -रो वह कह रही थी, पूछ... Hindi · कविता 231 Share Radha Bablu mishra 7 Apr 2018 · 1 min read आदर आओ बच्चों करें प्रणाम, दुःख - सुख का है साथी राम, सुर्य को करो प्रणाम, दो धन्यवाद उजाले के लिए, नदियां को करो प्रणाम, दो धन्यवाद प्यास बुझाने के लिए,... Hindi · कविता · बाल कविता 274 Share Radha Bablu mishra 29 Mar 2018 · 1 min read अकेलापन होता है क्या अकेलापन, पुछो उन मां से, लाड़ले जीनके फौज में खङे, पुछो उन बच्चों से, शहीद हो गए जिनके तात, अकेलापन महसूस करना है तुम्है, जाओ ढुंढो उस... Hindi · कविता 2 493 Share Radha Bablu mishra 25 Mar 2018 · 1 min read विश्वास है मुझे विश्वास है मुझे, तु तो रहेगा, चाहें कोई रहें ना रहें, परन्तु , तु खङा रहेगा, साथ मेरे हर कदम में, जैसे आत्मा रहती देह में, तु तो रहेगा, मेरे... Hindi · कविता 435 Share Radha Bablu mishra 16 Mar 2018 · 1 min read रिती है संसार कि रिती है संसार कि, जीने नहीं देती चैन से। कुछ करो तो भला, ना करो तो बला,। देख नजारा "राम"रे, कैसी है,तेरा" काम "रे। जो रोते वे सुनते, जो हंसते... Hindi · कविता 584 Share Radha Bablu mishra 3 Mar 2018 · 1 min read भूकंप आह! पशुपतिनाथ चुप क्यों बैठे हो, अपने भक्तों का रख लो प्राण।। अपने बच्चों को दें दो जीवन दान, टूट गया जब"धरहरा", मर गई सब "हरहरा"।। कांप उठी जब धरा,... Hindi · कविता 324 Share Radha Bablu mishra 2 Mar 2018 · 1 min read आदमी इन्सानों के दुनिया में, ना जाने क्या- क्या बन जाते हैं। खुद ही उलझते - खुद ही सुलझते, खुद में खुद बन कर रह जाते । अन्य कि जरूरत क्या,... Hindi · कविता 471 Share Radha Bablu mishra 1 Mar 2018 · 1 min read आतंकवाद मानवता शर्मसार हुआ, जग में फिर अंधकार हुआ।। विछोह हुआ भाई बहन में, जल गया चिराग घर का, लुट गया सुहाग किसी का, चला गया वह छोङ अपने मां को।।... Hindi · कविता 467 Share Radha Bablu mishra 1 Mar 2018 · 1 min read रात के परिंदे रात के परिंदे, प्रियतम को बुला ले। मिलने को बेचैन बहुत, कही वह मुझे भुला ना दे। रात के परिंदे, मुझे राह दिखा दे। तेरे प्रेम के लिए तरस रही,... Hindi · कविता 605 Share Radha Bablu mishra 27 Feb 2018 · 1 min read नारी दर्द कुछ शर्म करो,कुछ शर्म करो, मुझे अपना हक मिलने दो, जिसने यह संसार बसाया, उसे भी शर्म आता होगा, देख तुम्हें मानव बनकर। जिसने तुम्हें जन्म दिया, उसी से तुमने... Hindi · कविता 483 Share Previous Page 2