ज़ैद बलियावी 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ज़ैद बलियावी 4 Oct 2023 · 1 min read बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है, बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है, हमने भी एक ऐसा मंज़र देखा है.. भाईचारे की धरती जो उपजाऊ थी, हमने ऐसी ज़मी को होते बंजर देखा है.. राम रहीम... Hindi · Article · Gazal · Gazal ग़ज़ल · Poem · ग़ज़ल 123 Share ज़ैद बलियावी 25 Aug 2023 · 1 min read दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए, दर्स ए वफ़ा आपसे निभाते चले गए, आप है की मुझको आज़माते चले गए.. हमने तेरे इश्क़ में क्या कुछ नहीं किया, दामन आप है की मुझसे छुड़ाते चले गए..... Hindi · Zaid Baliyavi · ग़ज़ल · ग़ज़ल 2 · ज़ैद बलियावी · शायरी 2 1 261 Share ज़ैद बलियावी 6 Jul 2023 · 1 min read "रात यूं नहीं बड़ी है" रात यूं नहीं बड़ी है, तेरे इंतज़ार की घड़ी है, वो चांद सा है चेहरा लब फूल की लड़ी है, वो पंखुड़ी सी पलके और झील सी है आंखे, मैसम... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 2 1 119 Share ज़ैद बलियावी 1 Oct 2021 · 1 min read "ग़ज़ल" खुद को आईने में देखकर जी भर गया होगा.. वो जिंदा भी होगा तो किरदार मर गया मेरा.. शहर भर में उसने मुझको ढूंढा होगा बहुत, मगर लौटकर खाली हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 348 Share ज़ैद बलियावी 23 Aug 2021 · 1 min read छोड़ दो.. खुले अम्बर में सितारों को लरज़ता छोड़ दो, मेरी आंखों को बादल सा बरसता छोड़ दो.. वही राह ए दफ्तर है मगर ये डर है, कही ऐसा न कह दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 3 466 Share ज़ैद बलियावी 20 Jul 2021 · 1 min read "ग़ज़ल" – बेदाग़ किया था उसने.. इश्क़ के इल्ज़ाम से खुद को बेदाग़ किया था उसने.. सर झुकाया और आंखो से आदाब किया था उसने.. ******* दूर होकर उनसे मै बदहवासी में था.. गले लगाकर मुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 268 Share ज़ैद बलियावी 28 May 2021 · 1 min read "ग़ज़ल" सबसे छुपा के रखते हैं दिखाई नहीं जाती, हर इक से दिल की बात बताई नही जाती हर बज़्म में रखता हूं मैं खामोश लबों को.. चन्द लफ्जो में दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 245 Share ज़ैद बलियावी 9 Feb 2021 · 1 min read "मुहब्बत करने वाले" दूर खड़े होकर ये मुस्कुराने वाले.. कितने ज़ालिम है ये दिल को जलाने वाले.. गुज़रता हूं पास से तो रोकते ही नहीं.. पत्थर दिल है मेरी रुक्सती पर हाथ हिलाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 374 Share ज़ैद बलियावी 28 Jan 2021 · 1 min read "तेरी याद" तेरी याद से उभरना चाहता हूं, हर दर्द से गुजरना चाहता हूं., अब न कोई हद रोके मुझको, हर हद से गुजरना चाहता हूं., मै बिखरा था किसी की वफ़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 356 Share ज़ैद बलियावी 11 Jan 2021 · 1 min read "कोरोना" यही अंजुमन और यही शजर सा लगता है.. अब अपना आशियाना बे-घर सा लगता है.. वक्त ने डुबोया है ऐसी महामारी में हमें.. कि अब इंसान को इंसान से डर... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 18 644 Share ज़ैद बलियावी 19 Aug 2020 · 1 min read ज़ैद बलियावी की ताज़ा शेर अपने हौसलों की रफ्तार बचाना मुश्किल है.. नफ़रत में डूबे अख़बार बचाना मुश्किल है.. चला रहे हो खंजर तो काट दो गर्दन भी.. सर झुका दिया तो दस्तार बचाना मुश्किल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 366 Share ज़ैद बलियावी 9 Apr 2020 · 1 min read की_तुम_अपने_घर_मे_रहो.. ज़रा सा दूर मगर अपनो की नज़र मे रहो, मेरी इल्तिजा है तुमसे की तुम अपने घर मे रहो.. बड़ा मुश्किल है क़ैद कर पाना खुदको, मगर परों पर नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 522 Share ज़ैद बलियावी 19 Jul 2019 · 1 min read गज़ल ज़ुल्फो से घटा आँखो से जाम मिल जाए.. तुम जो राज़ी हो तो मोहब्बत को मुकाम मिल जाए.. ***** हाथो मे तेरा हाथ और ज़िंदगी को तेरा साथ.. मज़ा आ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 292 Share ज़ैद बलियावी 4 Jan 2019 · 1 min read माँ के नाम मैं हरदिन प्यार मुहब्बत के, नए अल्फाज़ गढता हू.. आज की शाम मुहब्बत और, माँ के नाम पढ़ता हू.. माँ वो दरजा है जिसको खुद, खुदा ने ही सवारा है..... Hindi · गीत 2 1 358 Share ज़ैद बलियावी 1 Nov 2018 · 1 min read (((( माँ )))) जब बिन बोले माँ से, कही देर तलक रह जाते हैं! जब अपने मित्रो के संग कही, मस्ती मे खो जाते हैं! जब घर पहुँचने को हमे, जरा देरी से... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 52 1k Share ज़ैद बलियावी 26 Aug 2018 · 1 min read "सियासत और हिन्दू-मुस्लमान" नफरत की आग लगाकर फिर.. हिंदुस्तान बचाने चल दिए.. वो राम बचाने चल दिए.. हम ईमान बचाने चल दिए.. खून के प्यासे होकर हम.. काट के गर्दन,एक-दुजे की.. वो शमशान... Hindi · कविता 2 375 Share ज़ैद बलियावी 3 Aug 2018 · 1 min read "गज़ल" दिल भी..जान भी..जहां भी तेरा.. सौदा कच्चा नही नही है... यु तेरा उदास रहना.. अच्छा नही है.. चाहू तो नाम तुझको भी देदू चाँद का... मगर तेरे हुस्न मे दाग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share ज़ैद बलियावी 19 Apr 2018 · 1 min read "चीख रही क्यु बेटी है" चीख रही क्यु बेटी है... चीख रही अब बेटी है.. हर गली,मुहल्ला,गाँओ-शहर मे.. पीस रही क्यु बेटी है... चीख रही क्यु बेटी है.. चीख रही अब बेटी है.. खुन-पसिना देकर... Hindi · कविता 1 357 Share ज़ैद बलियावी 26 Mar 2018 · 1 min read "ख्वाहिश" जान इसलिए तुमपर कुर्बान करने को मन करता है.. की किसी शाम तेरी आँखो का जाम पिने को मन करता है.. मौत लाजीम है आ ही जायेगी किसी-न-किसी दिन.. बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 660 Share ज़ैद बलियावी 22 Mar 2018 · 1 min read "माँ" बढता हू कदम-दर-कदम एक नई खोज से.. लिखना किया है शुरू मैने..चन्द रोज से.. भूला नही हू अदब.. अपने बड़ो का मै.. सीखा था ये हुनर जो माँ की गोद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 321 Share ज़ैद बलियावी 19 Jan 2018 · 1 min read उनकी बेरुखी जिनको हम नज़रो में समा बैठे है, वही मुझको नज़रो से गिरा बैठे है! जिनकी आंखों से लिपटा था काजल की तरह, वही अपना काजल बहा बैठे है! जिनपर हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 739 Share ज़ैद बलियावी 27 Aug 2017 · 1 min read "वो पगली" चेहरे पर खामोशी सी, दिल मे उठता है तुफान है., बस वो पगली मेरे प्यार से, बिल्कुल ही अनजान है., जिनकी एक मुस्कान पर मेरे, दिल मे पड़ती जान है.,... Hindi · कविता 1 398 Share ज़ैद बलियावी 15 Aug 2017 · 1 min read "एक समय भारत मे" बड़े ज़ुल्मो-सितम वो लाए थे, जो व्यपार बहाने आए थे., रग-रग् मे उनके लालच थी, और सदियों गुलाम बनाए थे., फिर बगावत का आरम्भ हुआ, सन् 57 मे युद्ध प्रारम्भ... Hindi · कविता 1 398 Share ज़ैद बलियावी 1 Aug 2017 · 1 min read "वो लड़की" स्कूल की छुट्टी के बाद से जब, हम अपने घर को आते थे., कदम-कमद पर मेरे पाँव, कही...ठहर से जाते थे., जब अपने सखियों के साथ वो, मेरे तलक पहुँच... Hindi · कविता 1 962 Share ज़ैद बलियावी 7 Jul 2017 · 1 min read "शब्द माँ" बड़ा मुख़्तसर स शब्द है "माँ", जो गहराइयो मे उतरा तो आँखे खुल गई! दर-बदर भटका मैं जिसे पाने को, वो जन्नत मेरे माँ के कदमो मे मिल गई!! और... Hindi · कविता 1 339 Share ज़ैद बलियावी 19 Jun 2017 · 1 min read "मेरे पिता" होश हम अपने खोने लगे थे, सोच कर ये रोने लगे थे! थामकर उंगलिया चलना सिखाया जिसने मुझे, जब वो दुनिया से रुक्सत होने लगे थे!! कैसे सहा जाता वो... Hindi · कविता 1 662 Share ज़ैद बलियावी 14 Jun 2017 · 1 min read "मैं तो बस किसान हूँ साहब" न हिन्दू न मुसलमान हूँ साहब, मैं तो बस किसान हूँ साहब.! खेत सूखे है बच्चे भूखे है, ग़मो का मारा इंसान हूँ साहब,, मैं तो बस किसान हूँ साहब.!... Hindi · कविता 1 1 738 Share ज़ैद बलियावी 19 May 2017 · 1 min read "पुरानी डायरी" एक पुरानी डायरी मे, मुझको तेरा पता मिला.., कुछ पुरानी यादे मिली, कुछ पुराना वफ़ा मिला.., सब लिखा था डायरी मे, ज़ुल्फ़ से लेकर पाँव तक.., तेरी-मेरी दिल लगी से,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 737 Share ज़ैद बलियावी 14 May 2017 · 1 min read "मेरी माँ" मेरी ज़िन्दगी मेरी माँ.. मेरी हर खुशी मेरी माँ.., जो बचपन मे मुझको है चलना सिखाया, जो हालातो से मुझको लड़ना सिखाया,, जो बनकर दुआ, साथ रहती मे.रे,,,, जो ग़म... Hindi · गीत 1 643 Share ज़ैद बलियावी 5 May 2017 · 1 min read "आक्रोश" इस तरह से ग़मो मे, डूबा हूँ मैं! जैसे दुनिया के हर शख्स से, रुठा हूँ मैं! आँसुओ से लिखने को, मैं सरहदों का दर्द, फिर से कलम लेकर, एक... Hindi · कविता 1 841 Share ज़ैद बलियावी 27 Apr 2017 · 1 min read एक जवान की पीढ़ा काटा जो सर दुश्मन ने, तो जीते थे हम शान से,, अपनो से जो सिला मिला, फिर जीना पड़ा अपमान से,, जिनकी सुरच्छा को सीमा पर, हम लड़ते अपनी जान... Hindi · कविता 1 349 Share ज़ैद बलियावी 11 Apr 2017 · 1 min read "गाँव चले हम" चलो चले हम, गाँव चले हम! आओ चले हम, गाँव चले हम! ये झुटी नगरी, छोड़ चले हम! ये झुटे सपने, तोड़ चले हम! चलो चले हम, गाँव चले हम!... Hindi · कविता 1 1k Share ज़ैद बलियावी 8 Apr 2017 · 1 min read "स्कूल के दिन" बीते दिनों को सोचकर, हम पछताने लगे,, जब याद मुझे अपने, गुज़रे हुए दिन आने लगे! फिर सम्भल कर उस वक़्त को, हम भुलाने लगे,, तब तक आँखो से मेरे,... Hindi · कविता 1 913 Share ज़ैद बलियावी 1 Apr 2017 · 1 min read "उनकी यादे" भूलती नही जिनकी यादे, काश! मुझे ढूँढ़ती उनकी आँखे,, मैं हर लम्हा उनके साथ होता, याद आती है जिनकी बाते,, वो सुबह,वो शाम,वो नए साल की राते, कैसे भूल जाऊ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 757 Share ज़ैद बलियावी 29 Mar 2017 · 1 min read "गाँव की यादे" बैलगाड़ी की सवारी याद आती है, मुझको गाँव की कहानी याद आती है! कट गए बाग उजड़ गए जंगल, याद है मुझको अपने गाँव का दंगल! वो ईद की सेवइया... Hindi · कविता 1 785 Share ज़ैद बलियावी 26 Mar 2017 · 1 min read "तुम" - एक गज़ल मेरी सुबह हो तुम, मेरी शाम हो तुम! हर ग़ज़ल की मेरे, नई राग़ हो तुम! मेरी आँखों मे तुम, मेरी बातों मे तुम! बसी हो जैसे, मेरी साँसो मे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 765 Share ज़ैद बलियावी 24 Mar 2017 · 1 min read ये गन्दी राजनीति ये झूटे वादे रहने दो, ये झूटी वर्दी रहने दो,, हम आंसू पीकर भी चैन से जीते, तुम अपनी हमदर्दी रहने दो,, बड़ी फैलाई नफरत तुमने, जात-धर्म के नाम पर,... Hindi · कविता 1 2k Share ज़ैद बलियावी 12 Mar 2017 · 1 min read "ये मायूसी" मेरे चेहरे की मायूसी, हरदम यही बताती है। जब भी तन्हा होता हूँ मैं, याद तेरी सताती है। हल्की हवाए चलती है जो, मेरे कानो को कुछ कह जाती है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 529 Share ज़ैद बलियावी 20 Feb 2017 · 1 min read किसानो की आवाज़ न चाहते हूए भी ऐसी बात लिख रहा हु, दर्द मे डूबकर जज़्बात लिख रहा हूँ! हमने देखा है देश मे जो किसानो का हाल, बनकर हमदर्द मैं उनकी आवाज़... Hindi · कविता 1 895 Share ज़ैद बलियावी 22 Jan 2017 · 1 min read "बेटी" ((((((( बेटी ))))))) --------------------------------- जब शाम को घर को आऊ, वो दौड़ी-दौड़ी आए.... लाकर पानी पिलाए, बेटी...हॉ बेटी...., फिर सिर को मेरे दबाए, दिन भर का हाल बताए.. फिर छोटी-छोटी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share ज़ैद बलियावी 20 Jan 2017 · 1 min read माँ (((((( माँ )))))) ________________________ जब बिन बोले माँ से, कही देर तलक रह जाते है! जब अपने मित्रो के संग कही, मस्ती मे खो जाते है! जब घर पहुचने को... Hindi · कविता 1 723 Share