Yashvardhan Goel 30 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Yashvardhan Goel 9 Sep 2016 · 1 min read सपनो से बहुत गुफ़्तगू रहती है मेरी सपनो से बहुत गुफ़्तगू रहती है मेरी कभी खुली कभी बंद आँखों में पलते हैं कभी फिसल जाते हैं रेत की तरह हाथ से कभी हक़ीक़त की तरह साथ में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 438 Share Yashvardhan Goel 9 Sep 2016 · 1 min read कशमकश भी सजदे में तेरे झुकी साँस थामकर रुकी बात आँखों ने कही दिल मिलने की शुरुआत हसरत पे रुकी संभाला धड़कन ने हालात को फिर ऐसे कशमकश भी सजदे में तेरे झुकी Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 503 Share Yashvardhan Goel 8 Sep 2016 · 1 min read इश्क़ होता तो रुकता हर बार वही झुकता सही था गलत बता के निकल लिया इश्क़ होता तो रुकता ज़रूरत थी हादसा बता के निकल लिया !!!!!! Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 513 Share Yashvardhan Goel 3 Sep 2016 · 1 min read हादसा बता के निकल लिया ! हर बार वही झुकता सही था , गलत बता के निकल लिया ! इश्क़ होता तो रुकता ज़रुरत को , हादसा बता के निकल लिया ! Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 314 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read हमें तो तन्हाई से मुहब्बत ही महफ़िलो भरा जहां देती है! जिन्हे तन्हाई से डर लगता है उन्हें होगा शौक़ महफ़िलो का, हमें तो तन्हाई से मुहब्बत ही महफ़िलो भरा जहां देती है! वो कोई और थे जिन्होंने लिखीं था कहानियां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read कहीँ में रख लूँ इस दिल को छुपा के, कहीँ में रख लूँ इस दिल को छुपा के, कुछ ऐसा लग रहा है तुझसे नजरें मिलाके! गर हो गयी मुहब्बत तो कह भी न सकूँगा, दर्द तेरा ले जाये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 336 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read वो ख्याल से निकलकर वो ख्याल से निकलकर, मेरे जज्बात का उतरना उस एहसास से लिखे कागज पर, मेरे आंसुओ का गिरना उस पल में मेरे दिल का, यूँ तार तार होना जिस पल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 482 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read फिर से जिन्दगी तुझमे खो जाये. वक्त सहमा सा ठहरा एक मुलाक़ात उनसे, इस बात के चलते हो जाये, आरज़ू है ठहरी लम्हें हैं ठहरे बदलो बिन बरसात रुक जाये. ख़ामोशी न जताये अपना हक सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 741 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read मदहोश हैं तेरी बातों में बेहोश हम नहीं! वक़्त थम सा गया साँसों से बेचैनी चुराकर., तेरी आँखों में खोकर जिंदगी को होश अब नहीं करतें हैं कोशिश गुजर जाने की लम्हे, मदहोश हैं तेरी बातों में बेहोश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 505 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read लोग किस्से बनाने को गुमनाम रहते है! ! ! यहाँ हाल पूछने की चाहत रहती है किसको! लोग बस खुस्की लेने में मशगुल रहते है! किसी की खुशियों की चाहत रहती है किसको! दर्द देने की आदत से मजबूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 297 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read मेने तो कहिं डाका भी नहीं डाला है खामखां मेरा नाम बदनाम हो रहा है मेने तो कहिं डाका भी नहीं डाला है लोग बड़ी हिदायत कर रहें हैं अपने घरो में इस मोहल्ले में डकैत नै डेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 242 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read करवट हर रुकी बात दे रही तेरी खुशबू छू रही हे जो ठहरी है कल की कुछ रात की कुछ सुबह की याद दे रही आसमान तक झांके जिसको खिड़की से आके वो मुलाक़ात सिरहाने को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share Yashvardhan Goel 1 Sep 2016 · 1 min read खाली सा हो गया तेरे जाने से मेरा दिल खाली सा हो गया तेरे जाने से मेरा दिल मेरा दिल काम तेरा मकान ज्यादा लग रहा है हर वक़्त कई साल साथ रहा तो कम था एक पल भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 307 Share Yashvardhan Goel 29 Aug 2016 · 1 min read वक़्त था गुजर गया दौर आना अभी बाकी है लहर थी गुज़र गयी सैलाब आना बाकी है बिखरे हैं टूटकर जितनी दफा टुकड़े हर एक को वजूद मिलना अभी बाकि है हवा थी गुज़र गयी तूफ़ान आना अभी बाकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share Yashvardhan Goel 16 Aug 2016 · 1 min read अंदर के हिस्सो को ख़त्म दिया कुछ रिश्तों को ख़त्म कर दिया उनके किस्सो को ख़त्म कर दिया जो बाहर से था नहर ही रह गया अंदर के हिस्सो को ख़त्म दिया Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 365 Share Yashvardhan Goel 13 Aug 2016 · 1 min read में अपने दर्द बंटोरता रह गया! पलट के उसने भी नहीं देखा पलट के मैने भी नहीं देखा वो अपनी मुहब्बत में मशगूल हो गयी में अपने दर्द बंटोरता रह गया!!!!!!!!! Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share Yashvardhan Goel 11 Aug 2016 · 1 min read मुहब्बत में दर्द बड़ा खाली लगता है बहुत ढूंढा इश्क़ को पानी लगता है मुहब्बत में दर्द बड़ा खाली लगता है अच्छी लगती है हर बात इस दरमियान शुरुआत का रोग बड़ा ख्याली लगता है ! बारिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 509 Share Yashvardhan Goel 6 Aug 2016 · 1 min read एक हो तो परवाज़ लिख दूँ तो हाल बन जाता है मुस्कुरा दूँ तो राज़ कितनी हैं आवाजें एक हो तो परवाज़ Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share Yashvardhan Goel 5 Aug 2016 · 1 min read एक ख़्वाब है तू अगर पूरा हो जाये दिन दिन सा हो जाये रात जागी सो जाये एक ख़्वाब है तू अगर पूरा हो जाये उम्मीद कहाँ फिर भी इतना कुछ है फिर से वो रोज अगर अधूरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share Yashvardhan Goel 4 Aug 2016 · 1 min read दिल ने रोका चलने को तुझे खोने के ढूंढे थे पाने के रास्ते मिले दिल ने रोका चलने को सांसो के वास्ते मिले !!!!!! Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share Yashvardhan Goel 21 Jul 2016 · 1 min read इस राह से गुजरते इस राह से गुजरते तुम्हे देखा था कहीं से ये वक़्त वो नहीं है पर में गुजरा हूँ यहीं से करके ये तमन्ना के आजाओ तुम कहीं से आओगे अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 726 Share Yashvardhan Goel 15 Jul 2016 · 1 min read मैं जीतता हूँ पर लगता है हार जाता हूँ अंदर से लड़ता हूँ बहार से हार जाता हूँ मैं जीतता हूँ पर लगता है हार जाता हूँ Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 207 Share Yashvardhan Goel 7 Jul 2016 · 1 min read बंद कर लूंगा नजर गर गलती से भी तेरी दीद होगी और ना मेरे रमदान पूरे होंगे न मेरी कोई ईद होगी बंद कर लूंगा नजर गर गलती से भी तेरी दीद होगी Hindi · कविता 663 Share Yashvardhan Goel 5 Jul 2016 · 1 min read चांद ईद का बना दिल जिसे नादानी कर गया उसका इश्क़ मेरा हाल रमदानी कर गया चांद ईद का बना दिल जिसे नादानी कर गया आसानी से ले लेने दी , उसे अपनी जगह जिसने वो खुदा भी उसपे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 528 Share Yashvardhan Goel 4 Jul 2016 · 1 min read नई बात है - ये बात भी गुजर जाएगी दिन गुज़र गया ये रात भी गुजर जाएगी अब आए हो मुलाक़ात भी गुजर जाएगी ख्याल हैं आते जाते रहते हैं नई बात है - ये बात भी गुजर जाएगी Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 355 Share Yashvardhan Goel 3 Jul 2016 · 1 min read आसमां शरारत पे उतरा , जमीं को गिला कर दिया आषाढ़ की धूप को ढककर बादल ने नशीला कर दिया आसमां शरारत पे उतरा , जमीं को गिला कर दिया Hindi · शेर 446 Share Yashvardhan Goel 29 Jun 2016 · 1 min read तू ही घर, शहर है मेरा मुझे क्या पता वक़्त का तू ही हर पहर है मेरा ना अता ना पता है तेरा तू ही घर, शहर है मेरा Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 224 Share Yashvardhan Goel 28 Jun 2016 · 1 min read कितना दर्द देती हैं ये यादें, कितना दर्द देती हैं ये यादें, जब जाती हैं ये यादें क्यूं आती हैं ये यादें कभी गुनगुनाकर, कभी मुस्कुराकर, कुछ छुपा तो कुछ, बयाँ कर जाती हैं ये यादें.... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 352 Share Yashvardhan Goel 28 Jun 2016 · 1 min read नजरें करती हैं साज़िश सताने की मुझको, नजरें करती हैं साज़िश सताने की मुझको, ये ना जानें मेरा हाल कैसा रहता है! पलकें झुकतीं हैं मिलतीं हैं तुझसे ही यूँ तो, उठके तुझको ना पाके तमाशा कैसा... Hindi · शेर 340 Share Yashvardhan Goel 28 Jun 2016 · 1 min read ख़्याल होता नही ख़्याल का, कौन सा लिखना है! ख़्याल होता नही ख़्याल का, कौन सा लिखना है! हाल होता नही हाल का, कौन सा लिखना है! बस झुक जाता है सर, जब क़लम उठती है! ज़बाब होता है... Hindi · शेर 190 Share