रणजीत सिंह रणदेव चारण Tag: मुक्तक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid रणजीत सिंह रणदेव चारण 2 Sep 2017 · 1 min read जिंदगी ये मासूमियत यूं ही ढल रही हैं, जिंदगी में तन्हाई यूं खल रही हैं, हों अगर कोई हमें चाहने वाला, तो आ जाओं रूह जल रही हैं।। रणजीत सिंह "रणदेव"... Hindi · मुक्तक 1 473 Share