पं. विश्वनाथ मिश्र स्नेही जी (वत्स) गणितकवि 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पं. विश्वनाथ मिश्र स्नेही जी (वत्स) गणितकवि 9 Oct 2017 · 1 min read मित्रता मित्रता की सूचिका में ताग अनुराग डाल सुमन की गूंथ माल हिन्द को पहनाय दो. एकता अखण्डता सुबन्धुता के स्नेहगीत, भारती की आरती में एक तान गाय दो. कर्म भिन्न,मर्म... Hindi · कविता 2 469 Share पं. विश्वनाथ मिश्र स्नेही जी (वत्स) गणितकवि 9 Oct 2017 · 1 min read अपना विचार जिस तरह सूर्य का तेज सब पर समान आपका आशीष सब पर समान ऋण मुक्त किसान भय मुक्त इंसान किन्तु पढ़े लिखे नौजवान खेती रहित हैं है छोटी सी दूकान... Hindi · कविता 1 373 Share पं. विश्वनाथ मिश्र स्नेही जी (वत्स) गणितकवि 9 Oct 2017 · 1 min read एकता एकता प्रतीक जल कोमल स्वभाव होत, नदियां तड़ाग नद झील मिल जात ज्यों. बूंद बूंद भिन्न तो तरंग व उमंग नाहि, बूंद से पिपासु की पिपास न बुझात ज्यों मौतिक... Hindi · कविता 1 330 Share