विनोद कुमार दवे Tag: मुक्तक 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद कुमार दवे 7 Jan 2017 · 1 min read तमन्ना~ए~ज़िन्दगी तुझ पर विश्वास तो पूरा था मेरी तमन्ना~ए~ज़िन्दगी जानता न था किस्मत भी दगा दे जाती है, तुम्हारे प्यार ने मुझे जीना सिखाया था दिल खोलकर मगर हाथो की लकीरें... Hindi · मुक्तक 295 Share विनोद कुमार दवे 3 Oct 2016 · 1 min read किताब-ए-इश्क़ किताब-ए-इश्क़ के हर पन्ने पर एक ही ख़ुशबू थी, इबादत-इ-इश्क़ का कभी नूर नहीं जाता। हवा उड़ा तो देती है सूखे हुए पत्तों को, शज़र कभी जड़ो से दूर नहीं... Hindi · मुक्तक 395 Share विनोद कुमार दवे 29 Sep 2016 · 1 min read टूट कर टूट कर बिखरना तो आइनों की फितरत है मेरे यार, बस तुम्हारी दुआओं की कशिश मुझे बिखरने नहीं देती। कब तक ये टुकड़े इस सीने के सहेज कर रखूँ, मौत... Hindi · मुक्तक 473 Share