Vijay Yadav Language: Hindi 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vijay Yadav 8 Feb 2017 · 1 min read मत पूछ यहाँ आलम क्या है मत पूछ यहाँ आलम क्या है, तेरे जाने का गम क्या है। चेहरे पे कई रुत आ के गई, आँखों में मौसम नम सा है। यादों से तेरी भर लेता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 335 Share Vijay Yadav 8 Feb 2017 · 1 min read अंधेरों ने दिखाया है, उजालों ने छुपाया है अंधेरों ने दिखाया है, उजालों ने छुपाया है, बने हमदर्द जो मेरे, उन्ही से दर्द पाया है। जिस दीये की रौशनी से घर चमकता था, उसी की लौ ने मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Vijay Yadav 31 Oct 2016 · 1 min read जब से उसकी नज़रों का मैं निशाना बना जब से उसकी नज़रों का मैं निशाना बना, तबसे उसकी गली में मेरा आना जाना बना। खुदा की रौशनी ज़मीं पे कोई नूर है वो, है जन्नतों से उतर आई... Hindi · कविता 243 Share Vijay Yadav 31 Oct 2016 · 1 min read इस बार कचहरी लगने दो इस बार कचहरी लगने दो हम भी इलज़ाम लगायेंगे-२ अब दफा 302 उसके कातिल नैनो के नाम लगायेंगे। उसकी नज़रों ने मार दिया आलम सारा बेज़ार किया-२ हर गली मोहल्ले... Hindi · गीत 450 Share Vijay Yadav 31 Oct 2016 · 1 min read विजय का पर्व है पावन, हमे मिल कर मनाना है विजय का पर्व है पावन, हमे मिल कर मनाना है, असूरता पर विजय श्री राम की है ये बताना है, मगर ये पर्व होगा तब सफल जब ठान लोगे तूम,... Hindi · कविता 360 Share Vijay Yadav 31 Oct 2016 · 1 min read तेरे चेहरे पे जो निखार है तेरे चेहरे पे जो निखार है-२ , ये कह रहा है तुझको प्यार है। तेरे चेहरे पे जो निखार है.......... तेरी आँखों में जो चमक रहा-२ , मैं जनता हूँ... Hindi · कविता 448 Share Vijay Yadav 31 Oct 2016 · 1 min read यूं होके रूसवा क्यों चल दिये तुम यूं होके रूसवा क्यों चल दिये तुम, जो हम न बोले वो सुन गये तुम। तुम्हारे जैसा मिला था कोई, हमारे जैसा जो सोचता था, मेरे खयालों के इस जहाँ... Hindi · कविता 301 Share Vijay Yadav 21 Sep 2016 · 1 min read भूख रोती है, तिलमिलाती है भूख रोती है, तिलमिलाती है, सूखे होंठों को ये जलाती है, अपनी बेचैनी के सभी किस्से, झांक कर आँखों से दिखाती है। भूख रोती है, तिलमिलाती है।। कौन सा मजहब... Hindi · कविता 739 Share